गुरुवार, 10 अगस्त 2017



हामिद अंसारी की सोच
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भारत के उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल

पूर्ण हो रहा है। जाते -जाते उन्होंने अपनी भावनाएं

व्यक्त करते हुए कुछ बाते कही।

चर्चा का विषय बनी उनकी यह बात की भारत में

आज मुसलमान महफूज़ नहीं हैं।

उनकी यह बात आज का मुद्दा बन गई है। टीवी के

सभी चैनलों पर इस मुद्दे पर बहस हो रही है। सभी

वक्ता अपना पक्ष रख रहे हैं।

सुरक्षा की दृष्टि से कुछ मुस्लमान बुद्धिजीवियों का

कहना है की आज मुसलमानों के ५५ से ज्यादा देश

हैं। अधिकांश देशों में मुस्लमान आपस में ही लड़

मर रहे हैं। आज जितनी आज़ादी भारत में मुसलमानों

को है अन्य कहीं पर नहीं हैं।

हो सकता है की कुछ जगहों पर मुसलमान अपने को

महफूज़ नहीं मानते हो लेकिन ऐसे तो देश में कुछ

जगहों पर हिन्दू भी अपने को सुरक्षित नहीं समझते।

ऐसे उच्च पद पर आसीन हामिद अंसारी को ऐसा

बयान देना हितकर नहीं है। उन्हें मोदीजी की तरह

देश की १२५ करोड़ जनता की सुरक्षा की बात करनी

चाहिए थी। उन्हें कश्मीर -बंगाल -केरल में रह रहे

हिदुओ के उत्पीड़न की चिंता भी करनी चाहिए थी।

यदि वे ऐसा साझा बयान देते तो गरिमापूर्ण होता।

लेकिन अब अंत समय में उन्होंने जनता में अपनी

गरिमा खो दी है। 

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