शनिवार, 12 अगस्त 2017



रिश्वत -मिलीभगत -बन्दरबाँट ,आदि -आदि
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मेरा भारत महान ,यहाँ हो रहा घमासान। मोदीजी

चाह रहे कुछ ,लेकिन हो रहा और कुछ।

भ्र्ष्टाचार की दीमक कुछ इस तरह से देश भर में

फ़ैल गई है की अब उसकी समूल सफाई असम्भव

ही लग रही है।

देश में व्यापार करने के लिए सेलटैक्स नंबर -जीएसटी

नंबर लेने में ही व्यापारी को पसीने आ जाते हैं वहीँ

दूसरी ओर लाखों करोड़ की 300 से अधिक शैल

कम्पनियाँ धड़ल्ले से चल रही हैं। यह तो अभी शुरुवात

ही है। देश में इनकी संख्या सेंकडो नहीं हजारों भी हो

सकती हैं।

अब मोदीजी के राज में ऐसी फर्जी कम्पनियों की जाँच

पड़ताल होनी शुरू हो गई है। लेकिन विडम्ब्ना की बात

यह है की बैंको की मिलीभगत से बनी ये कम्पनियाँ आज

भी धड़ल्ले से कार्य कर रही हैं। यही नहीं मोदी सरकार

के तीन साल बाद भी बैंको का npa कम नहीं हो रहा है।

भारतीय स्टेट बैंक जैसे दिग्गज बैंको का npa ७%से से

बढ़कर लगभग ९%हो गया है।

एक आम आदमी -किसान यदि बैंक की किश्त ना चूका

पाये तो उसकी RC जारी हो जाती है लेकिन इन बड़ी

कम्पनियों एवं बैंक अधिकारियों का बाल भी बांका नहीं

होता। ऐसा है मेरा भारत महान।

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