बुधवार, 18 अक्तूबर 2017



अयोध्या में दीपावली -राम मन्दिर हेतु
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आज उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या में

लाखों दीपक जलाकर दीपावली मनाई।

इस पर मिडिया में चर्चा शुरू हो गई की कहीं यह

राम मन्दिर की शुरुवात तो नहीं।

राम मंदिर बनने के पक्ष -विपक्ष की बहस मिडिया

में शुरू हो गई। सबके अपने -अपने तर्क। कुछ का

कहना की वहाँ मंदिर बनाया ही नहीं जा सकता।

कुछ का कहना की आपसी सहमति से मंदिर बनें।

कुछ का कहना की कोर्ट के निर्णय का सम्मान हो।

कब क्या होगा यह  भविष्य के गर्त में ही छिपा है ?


लेकिन भारतीय जनमानस के मन में राम मंदिर के

प्रति गहन आस्था है। क्योंकि यह राम जन्म भूमि है

अतः राम मंदिर यहीं बनना ही चाहिये ऐसा लोगो का

कहना भी है।

मुस्लिम समुदाय में इस संबन्ध में अलग -अलग राय

हैं। कुछ चाहते हैं की यहां मंदिर बने ,कुछ चाहते हैं

की यहां मंदिर बनना ही नहीं चाहिये।

भारत देश यानि राम के देश की यह कैसी विडंबना है

की राम जन्म भूमि पर राम मंदिर बनने में भी अड़चने

आ रही हैं। इतिहास गवाह है की मुगलों ने भारत में

आक्रमण कर हज़ारो हिन्दू एवं जैन मंदिरो को तोड़ा है।

अनेक मंदिरो को तोड़कर मस्जिदें बना दी गई हैं। अनेक

जगह आज भी ऐसे शिलालेख मौजूद हैं। दिल्ली में ही

बनी कुतुबमीनार के बाहर शिलालेख पर अंकित है की

२७ हिन्दू और जैन मंदिरो के अवशेषों से मीनार बनाई

गई।

इतिहास गवाह है की इतने मंदिरो के तोड़ने के बाद भी

आज का हिन्दू समाज मुस्लिम समुदाय से भेदभाव नहीं

करता बल्कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलता

है। ऐसे में यदि मुस्लिम समुदाय बहुसंख्यक हिन्दुओं की

भावना का सम्मान करते हुए आपसी भाईचारे की मिसाल

कायम करते हुए आपसी सहमति से राम जन्म भूमि पर

राम मंदिर बनने में सहयोग करे तो देश और प्रदेश में

ऐसा सदभाव का माहौल बन जाये जिसको सभी कभी ना

भूल पाएंगे और आपसी संबंधो में भी मधुरता भर जायेगी।


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