मंगलवार, 14 फ़रवरी 2023

घर का भोजन ही श्रेष्ठ है

*अमेरिका में रसोई में भोजन बनाना छोड़ने का दुष्परिणाम* अमेरिका में क्या हुआ जब घर में खाना बनाना बंद हो गया ? 1980 के दशक के प्रसिद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्रियों ने अमेरिकी लोगों को चेतावनी कि यदि वे परिवार में आर्डर देकर बाहर से भोजन मंगवाऐंगे तो देश मे परिवार व्यवस्था धीरे धीरे समाप्त हो जाएगी। साथ ही दूसरी चेतावनी दी कि यदि उन्होंने बच्चों का पालन पोषण घर के सदस्यो के स्थान पर बाहर से पालन पोषण की व्यवस्था की तो यह भी बच्चो के मानसिक विकास व परिवार के लिए घातक होगा। लेकिन बहुत कम लोगों ने उनकी सलाह मानी। घर में खाना बनाना लगभग बंद हो गया है, और बाहर से खाना मंगवाने की आदत (यह अब नॉर्मल है), अमेरिकी परिवारों के विलुप्त होने का कारण बनी है जैसा कि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी। घर मे खाना बनाना मतलब परिवार के सदस्यों के साथ प्यार से जुड़ना। *पाक कला मात्र अकेले खाना बनाना नहीं है। बल्कि केंद्र बिंदु है, पारिवारिक संस्कृति का।* घर मे अगर कोई किचन नहीं है , बस एक बेडरूम है, तो यह घर नहीं है, यह एक हॉस्टल है। *अब उन अमेरिकी परिवारों के बारे में जाने जिन्होंने अपनी रसोई बंद कर दी और सोचा कि अकेले बेडरूम ही काफी है?* 1-1971 में, लगभग 72% अमेरिकी परिवारों में एक पति और पत्नी थे, जो अपने बच्चों के साथ रह रहे थे। 2020 तक, यह आंकडा 22% पर आ गया है। 2-पहले साथ रहने वाले परिवार अब नर्सिंग होम (वृद्धाश्रम) में रहने लगे हैं। 3-अमेरिका में, 15% महिलाएं एकल महिला परिवार के रुप में रहती हैं। 4-12% पुरुष भी एकल परिवार के रूप में रहते हैं। 5-अमेरिका में 19% घर या तो अकेले रहने वाले पिता या माता के स्वामित्व में हैं। 6-अमेरिका में आज पैदा होने वाले सभी बच्चों में से 38% अविवाहित महिलाओं से पैदा होते हैं।उनमें से आधी लड़कियां हैं, जो बिना परिवारिक संरक्षण के अबोध उम्र मे ही शारीरिक शोषण का शिकार हो जाती है । 7-संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 52% पहली शादियां तलाक में परिवर्तित होती हैं। 8- 67% दूसरी शादियां भी समस्याग्रस्त हैं। अगर किचन नहीं है और सिर्फ बेडरूम है तो वह पूरा घर नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका विवाह की संस्था के टूटने का एक उदाहरण है। *हमारे आधुनिकतावादी भी अमेरिका की तरह दुकानों से या आनलाईन भोजन ख़रीदने की वकालत कर रहे हैं और खुश हो रहे हैं कि भोजन बनाने की समस्या से हम मुक्त हो गए हैं। इस कारण भारत में भी परिवार धीरे-धीरे अमेरिकी परिवारों की तरह नष्ट हो रहे हैं।* जब परिवार नष्ट होते हैं तो मानसिक और शारीरिक दोनों ही स्वास्थ्य बिगड़ते हैं। बाहर का खाना खाने से अनावश्यक खर्च के अलावा शरीर मोटा और संक्रमण के प्रति संवेदनशील और बिमारीयों का घर हो जाता है। शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है। *इसलिए हमारे घर के बड़े-बूढ़े लोग, हमें बाहर के खाने से बचने की सलाह देते थे* लेकिन आज हम अपने परिवार के साथ रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं...", स्विगी और ज़ोमैटो के माध्यम से अजनबियों द्वारा पकाए गए( विभिन्न कैमिकल युक्त) भोजन को ऑनलाइन ऑर्डर करना और खाना, उच्च शिक्षित, मध्यवर्गीय लोगों के बीच भी फैशन बनता जा रहा है। दीर्घकालिक आपदा होगी ये आदत... *आज हमारा खाना हम तय नही कर रहे उलटे ऑनलाइन कंपनियां विज्ञापन के माध्यम से मनोवैज्ञानिक रूप से तय करती हैं कि हमें क्या खाना चाहिए...* हमारे पूर्वज निरोगी और दिर्घायु इस लिए थे कि वो घर क्या ...यात्रा पर जाने से पहले भी घर का बना ताजा खाना बनाकर ही ले जाते थे । *इसलिए घर में ही बनाएं और मिल-जुलकर खाएं । पौष्टिक भोजन के अलावा, इसमें प्रेम और स्नेह निहित है।*

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