शनिवार, 25 फ़रवरी 2023

पंजाब में खालिस्तान

खालिस्तान की राह पर पंजाब आप सरकार बनने के बाद से नशे की गिरफ्त वाला पंजाब नशे से तो मुक्त नहीं हुआ बल्कि खालिस्तान की राह पर चलता दिखाई दे रहा है। केजरीवाल का यह कथन की पंजाब की सत्ता मिलते ही हम तीन महीने में पंजाब को नशा मुक्त कर देंगे ऐसा ही कथन साबित हुआ जैसे दिल्ली के 500 स्कूल एवम सैंकड़ो मोहल्ला क्लीनिक की घोषणा। चतुर केजरीवाल जानता है की जनता को कैसे बरगलाना चाहिये। भोलेपन का नाटक खूब आता है। भिंडरावाले ने पंजाब को खालिस्तान बनाने की सोची थी पर बना नहीं सके। उनके बाद दीप सिद्धू ने पंजाब में खालसा राज स्थापित करने की सोची मगर कर न सका। अब कुछ समय से दुबई से पंजाब लौटे अमृतपाल सिंह भी खालिस्तान का सपना सँजोये हुए हैं। उन्होंने वारिस पंजाब दे नामक खालिस्तान समर्थक संगठन की कमान पकड़कर जोर आजमाइश शुरू कर दी है। अमृतसर के अजनाला में खालिस्तानी सिखों के हथियारबंद भीड़ ने अपने साथी की रिहाई के लिये पुलिस थाने पर धावा बोल दिया। मौके पर पुलिस बल मौजूद होने पर भी भीड़ ने पुलिस जे साथ ही मारकाट मचा दी। पंजाब सरकार की बेरुखी देखो की आठ जिलों का पुलिस बल बुलाकर भी उन्हें बल प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसा होना। इन्हीं खालिस्तानी सिखों की एक वीडियो में एक आदमी को पकड़कर उसके हाथ की उंगलियां तलवार से काटते दिखाई दे रहा है। ऐसा लगता है जैसे पंजाब में तालिबान राज आ रहा हो। केजरीवाल की आप पार्टी को वोट देने का नतीज़ा भुगत रही है जनता। इसलिये वोट बहुत सोच समझ कर देना चाहिए। फ्री का चंदन बहुत नुकसान दे रहा है। सुनील जैन राना

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