शनिवार, 23 अप्रैल 2022
दोगली न्यायप्रणाली
*न्यायप्रणाली का एक सिस्टम है।*
लोअर कोर्ट,
सेशन कोर्ट,
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट,
हाई कोर्ट
और तब आता है सुप्रीम कोर्ट।
लेकिन ये.....जब चाहे सीधे सुप्रीम कोर्ट के मिलार्ड के चेंबर में पहुंच जाते हैं। वो भी एक घंटे के नोटिस पर ! और सुप्रीम कोर्ट भी लाखों केस छोड़कर इनके लिए अपना दरबार सजा देती है !!
ये कैसे संभव है ?
ये कैसा प्रिविलेज है इनके लिए ?
आम आदमी लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने में अपनी जिंदगी खपा देता है। किंतु इनके लिए ये बाए हाथ का खेल है।😎😎
*कल रात 11.00 बजे* -
*एमसीडी द्वारा जहांगीरपुरी में अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी हुआ..* 🛑
इन्हीं *12 घण्टों में* ~
*अवैध बांग्लादेशी और पाकिस्तानी मुसलमानों भी*
*भारत में संरक्षक देओबंदी*
*जमात ए उलमा ए हिन्द* --
*सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी*
और
*आज सुबह 11 बजे सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई पर "स्टे" दे भी दिया*💥
और
वामपन्थ की नेता
“वृंदा करात” भी पहुँच गयी सुबह-सुबह ही.. 😳
अब समझे *“द कश्मीर फ़ाइल्ज़”* का डायलॉग >>
*“सरकार बेशक उनकी है , पर सिस्टम हमारा है”* ❗❗
बस ये "सिस्टम"
जो सत्तर साल में बनाया है,
यही ख़त्म करना है।
🇮🇳 🚩
*सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोज़र कार्रवाई पर रोक लगाई 🤔🔔🔔*
: जो सुप्रीम कोर्ट बंगाल में नरसंहार ओर हिंसा पर गहरी निंद्रा में सोता रहा।
जो सुप्रीम कोर्ट कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर चुप्पी साधे रहा।
जिस सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर का निर्णय देने में 70 साल लगा दिये
जब दंगाईयो पर कार्यवाही हुई तो वही सुप्रीम कोर्ट 70 मिनिट में जाग गया।
साभार
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