शनिवार, 23 अप्रैल 2022
टीवी चैनल फैला रहे जहर
देश बहुत विकट परिस्थितियों से जूझ रहा है। कोरोना महामारी से अभी पूरी तरह उबरा नहीँ था की रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। इसी दौरान कुछ जगह साम्प्रदायिक संघर्ष होने से स्तिथी विकट बनी हुई है।
साम्प्रदायिक माहौल में कुछ ऐसा हो रहा है जो बहुत अजीब सा है। हिन्दू कहता है हम पर जुल्म हो रहा है और मुसलमान कहता है की हम पर जुल्म हो रहा है। कौन किस पर जुल्म कर रहा है यह बात दोनों पक्ष जानते हैं। आपस मे कुछ भाईचारा कायम हो भी सकता है लेकिन दोनों तरफ के नेता गण अपनी राजनीति चमकाने को भाईचारे की बात न कर एक दूसरे पर आरोप लगाने में लगे रहते हैं।
भाईचारा कायम हो भी सकता है लेकिन ये टीवी चैनल अपनी टीआरपी बढ़ाने को डिबेट करते हैं और कई पार्टियी के धुर विरोधियों को डिबेट में बुलाकर खूब अनर्गल बुलवाते हैँ। प्रश्न ऐसे ऐसे पूछते हैं जिनसे मुद्दे का सुलझाव न होकर और ज्यादा उलझ जाता है। चार पार्टियों के चार वक्ता पांचवा एंकर, ऐसे में सभी वक्ता अपनी पार्टी के विरुद्ध हुई कोई बात को कैसे बर्दास्त कर सकता है। ऐसे में सभी वक्ता दूसरी पार्टियों की बात की धज्जियां उड़ाने में लग जाते हैं, एंकर बीच -बीच मे इस हवनकुंड में घी डालता जाता है। कुछ पार्टियों के कुछ वक्ता तो शायद इसी काम पर लगे होते हैं की कब उन्हें किसी चैनल से बुलावा आवे और वे वहां जाकर अपना गला साफ करें।
टीवी चैनलों पर इस तरह की डिबेट से देश मे अशांति का वातावरण बन रहा है। जो बातें अक्सर आपसी सहमति से निपटने वाली होती थी उन्हें टीवी पर बैठकर वक्तागण और ज्यादा उलझा देते है। आज के युग मे टीवी और मोबाईल टाईम पास करने का मुख्य साधन बन गए है। टीवी पर खासकर समाचार हर कोई सुनता ही है। अब समाचारों की जगह वाकयुद्ध ने ले ली है।भद्दी भाषा, कभी-कभी हाथापाई तक की नोबत आ जाती है कार्यक्रम में। लेकिन अपनी टीआरपी बढ़ाने के चक्कर मे टीवी चैनल वाले ऐसा होने देते हैं जबकि उन्हें कुछ वक्ताओं के बारे में पता होता है की उक्त वक्ता ठीक नही है फिर भी उसे बुलाने से हिचकते नही हैं।
सूचना प्रसारण विभाग को ऐसी डिबेटो पर रोक लगा देनी चाहिये। टीवी चैनलों को यदि किसी मुद्दे पर डिबेट करानी ही है तो परस्पर विरोधी वक्ताओं को न बुलाकर संजीदा पत्रकारों, विश्लेषकों, बुद्धिजीवियों आदि को बुलाना चाहिये। चार दलों के परस्पर चार विरोधी वक्ता और एक एंकर की डिबेट देश मे अशांति का वातावरण फैला रही हैं, इन पर रोक लगनी चाहिए।
सुनील जैन राना
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