शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022
सहारनपुर- स्मार्ट सिटी ?
अवैध अतिक्रमण, पार्किंग, उगाही
स्मार्ट सिटी की दौड़ में सहारनपुर नगर अभी बहुत पीछे है। नगर का बुरा हाल है। अतिक्रमण ने नगर को जकड़ रखा है। बाज़ारो में दुकानदारों ने बेहताशा अतिक्रमण कर रखा है। बाकी रही सही कसर फड़ी वाले, ठेले वालो ने पूरी कर रखी है। कुछ सड़को पर दुकानें नही हैं वहां पर अवैध पार्किंग बना दी गई है। बताया जाता है कि इन सबसे मोटी उगाही की जा रही है।
यूं तो सहारनपुर नगर में यह सब समस्या हमेशा से ही रही हैं।लेकिन पिछले कुछ सालों में नगर की पॉपुलेशन बढ़ने के कारण अब विकराल रूप लेती जा रही है। आज पैदल चलने वालो की संख्या कम है जबकि वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। नगर के मुख्य बाजार अतिक्रमण से बुरी तरह त्रस्त हैं। न ही दुकानदार कम है और न ही फड़ी वाले। कहीं कहीं तो तीस चालीस फिट चौड़ाई के बाजार दिन के समय गलियारे नज़र आते हैं। बाज़ारो और सड़कों के नाम क्या बताएँ, यों कहिये की कोई भी बाजार औऱ सड़क ऐसी नही है जहां अतिक्रमण न हो रहा हो।
प्रत्येक वर्ष प्रसाशन साल में एक दो बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाता है। जिसकी शुरुवात बड़ी कचहरी या घण्टाघर से होकर वहीं समाप्त हो जाती है। कभी भी चौकी सराय या फव्वारे से शुरुवात नही की जाती।जहां से चार चार सड़के अतिक्रमण से भरपूर होती हैं। नगर निगम द्वारा अतिक्रमण विरोधी दस्ता बनाया हुआ है, पता नही यह दस्ता साल भर तक क्या करता है। किसी फड़ी वाले, ठेली वाले से जगह खाली करने को कहो तो वह तड़ी से कहता है क्यो हटूं, यहाँ खड़े होने के पैसे देता हूँ।
याद आते हैं निवर्तमान कमिश्नर श्री आर पी शुक्ल जी जिन्होंने कड़ी मेहनत से प्रशाशन को साथ लेकर नगर को अतिक्रमण मुक्त करा दिया था। ऐसा अभी भी हो सकता है। प्रशाशन चाहे तो क्या नही कर सकता? इच्छा शक्ति होनी चाहिये। नगर को स्मार्ट बनाने के लिये सबसे पहले नगर को अतिक्रमण मुक्त करायें। सिर्फ सीवर लाइन , डिवाइडर या कुछ खम्बों पर led लाईट लगा देने से नगर स्मार्ट सिटी तो नही बन पायेगा।
सुनील जैन राना
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
ध्वजारोहण
*UPSC इंटरव्यू में पूछा जाने वाला ऐसा सवाल जिसका उत्तर बहुत कम अभ्यर्थी दे पाते हैं-* स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें