माननीय जज महोदय
जो कहते वह ठीक
जो करते वह ठीक
छोटे जज की बात
काट देता बड़ा जज
बड़े जज की बात
काट सके न कोय
वर्माजी जज जो कहे
वह भी ठीक
उनसे ऊपर जो कहे
वह सबसे ठीक
इलाहबाद के जज
राम नोहर राय मिश्रा
के जजमेंट को
सभी कहे यह ठीक नहीं
निजी अंग पकड़ना
नाड़ा खोलने की कोशिश
दुष्कर्म नहीं होता
इस पर बोले बड़े जज
सुप्रीम कोर्ट के गवई
ऐसा जजमेंट तो
अमानवीय, संवेदनहीन
जज की काट करे जज ही
जनता ख़डी सकुचाय
प्रणाम करें है सभी जज को
जाने कब काम पड़ जाये.
🙏🙂🙏🙂🙏🙂🙏
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें