शनिवार, 5 मार्च 2022
मेक इन इंडिया
आयात कम- निर्यात ज्यादा, यानि ***
आज़ादी के बाद से यदि देश आयात कम,निर्यात ज्यादा के फार्मूले पर चला होता तो आज भारत देश की गिनती विकसित देश के रूप में होती। मोदीजी के द्वारा दिया गया मन्त्र मेक इन इंडिया वास्तव में देश को आगे ले जाने वाला मन्त्र है। कांग्रेस के युवराज भले ही इस मंत्र की मज़ाक उड़ाते हो लेकिन यह सत्य है की यदि आज़ादी के बाद से इस मंत्र का उपयोग किया जाता तो आज देश मे बेरोजगारी, गरीबी न रहती और देश आगे बढ़ गया होता।
आज़ादी के बाद से ही कांग्रेस की घटिया सोच ने देश को पीछे धकेल दिया एवम भारत को एक बाजार बनाकर रख दिया जिसमें देश की जरूरतों को पूरा करने के लिये विदेशों पर निर्भरता बढ़ गई। जिसके कारण देश से निर्यात बहुत कम और आयात बहुत ज्यादा होने से विदेशी मुद्रा व्यय होने लगी। जब तक भारत की निर्भरता विदेशो पर रहेगी तब तक भारत विकसित देशों की श्रेणी में नही आ सकता है।
मोदीजी के सात वर्षों के कार्यकाल में ही आज देश मे अनेक ऐसी वस्तुएं बनने लगी है जिनका पहले आयात करना पड़ता था। भारत का डिफेंस सिस्टम बहुत कमजोर था। सेना की जरूरत का सामान विदेशो से खरीदना पड़ता था। आज स्तिथी बदल रही है। अब सेना की जरूरतें देश मे ही पूरी हो रही हैं। हथियार अब निर्यात भी होने लगे हैं।
जिस भी देश से कच्चा माल निर्यात होकर तैयार माल आयात होता होगा वह देश कभी भी आगे नही बढ़ सकता। मेक इन इंडिया के तहत देश को रोजगार मिल रहा है एवं विदेशो पर से निर्भरता कम हो रही है। यह मंत्र ही देश को सुपर पावर बना सकता है।
सुनील जैन राना
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