सिलसिला कायम है ?
January 3, 2020 • सुनील जैन राना • जनहित
दैनिक जागरण में आज के एक सम्पादकीय *सिलसिला कायम रहे *पर आधारित है यह लेख "सिलसिला कायम है "
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते वर्ष भ्र्ष्टाचार खत्म करने की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है।अनेक विभागों के अफ़सर -कर्मचारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए जबरन सेवानिवृति दे दी गई है। ऊर्जा विभाग में व्याप्त भ्र्ष्टाचार को कम किया गया है। वृद्दा पेंशन ,विधवा पेंशन ,राशन वितरण में घोटाला ,निर्माण विभाग में घोटाला आदि अनेक विभागों पर सख्ती की जा रही है।
अच्छा ही हो यदि यह सिलसिला कायम रहे लेकिन अनेको जगह सिलसिला कायम है भ्र्ष्टाचार का। हमारे सहारनपुर महानगर की ही बात करें तो कोई दिन ऐसा जाता होगा जिस दिन स्मार्ट सिटी की आड़ में कोई घोटाले की खबर न छपती हो। जैसे पीएम आवास घोटाले में ५१७ अपात्रों पर गिरेगी गाज यानि आवास घोटाला। नगरनिगम हाउस टैक्स घोटाला जिसमे बड़े लोगो को छूट एवं छोटे घरों पर बेहताशा टैक्स की नीति अपने गई है, यह सब मिलीभगत से ही हो रहा है। ५४ लाख के कबाड़ा पात्र गायब ,पता नहीं कहां रखे थे कौन ले गया?सर्दी से बचने को अलाव पर १२ लाख खर्च लेकिन मौके पर अलाव जलते नहीं मिले। इसके अलावा यह की नगर निगम की सुरक्षा में सेंध ,डीवीआर बॉक्स तोडा ,वायर कटी मिली ,२० दिनों की रिकॉर्डिंग गायब ,अनेक जरूरी फाइलें गायब।
उपरोक्त सब वक्तव्य दैनिक समाचार पत्रों में छपे हैं। ऐसे बन रहा है हमारा नगर स्मार्ट सिटी। अतिक्रमण से पूरा नगर त्रस्त है। अभियान चलता है लेकिन तू डाल डाल मैं पात पात यानि अतिक्रमण आगे हटता जाता पीछे से लगता जाता। नागरिक संशोधन बिल के विरोध में हुए आंदोलनों को यहां के प्रशाशन ने बहुत समझदारी के साथ पूर्ण होने दिया है। नगर में कोई भी घटना अराजकता या तोड़ फोड़ की नहीं हुई। आंदोलन हुआ लेकिन भाईचारा कायम रहा। इसके लिए नगर प्रशाशन बधाई का पात्र है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते वर्ष भ्र्ष्टाचार खत्म करने की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है।अनेक विभागों के अफ़सर -कर्मचारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए जबरन सेवानिवृति दे दी गई है। ऊर्जा विभाग में व्याप्त भ्र्ष्टाचार को कम किया गया है। वृद्दा पेंशन ,विधवा पेंशन ,राशन वितरण में घोटाला ,निर्माण विभाग में घोटाला आदि अनेक विभागों पर सख्ती की जा रही है।
अच्छा ही हो यदि यह सिलसिला कायम रहे लेकिन अनेको जगह सिलसिला कायम है भ्र्ष्टाचार का। हमारे सहारनपुर महानगर की ही बात करें तो कोई दिन ऐसा जाता होगा जिस दिन स्मार्ट सिटी की आड़ में कोई घोटाले की खबर न छपती हो। जैसे पीएम आवास घोटाले में ५१७ अपात्रों पर गिरेगी गाज यानि आवास घोटाला। नगरनिगम हाउस टैक्स घोटाला जिसमे बड़े लोगो को छूट एवं छोटे घरों पर बेहताशा टैक्स की नीति अपने गई है, यह सब मिलीभगत से ही हो रहा है। ५४ लाख के कबाड़ा पात्र गायब ,पता नहीं कहां रखे थे कौन ले गया?सर्दी से बचने को अलाव पर १२ लाख खर्च लेकिन मौके पर अलाव जलते नहीं मिले। इसके अलावा यह की नगर निगम की सुरक्षा में सेंध ,डीवीआर बॉक्स तोडा ,वायर कटी मिली ,२० दिनों की रिकॉर्डिंग गायब ,अनेक जरूरी फाइलें गायब।
उपरोक्त सब वक्तव्य दैनिक समाचार पत्रों में छपे हैं। ऐसे बन रहा है हमारा नगर स्मार्ट सिटी। अतिक्रमण से पूरा नगर त्रस्त है। अभियान चलता है लेकिन तू डाल डाल मैं पात पात यानि अतिक्रमण आगे हटता जाता पीछे से लगता जाता। नागरिक संशोधन बिल के विरोध में हुए आंदोलनों को यहां के प्रशाशन ने बहुत समझदारी के साथ पूर्ण होने दिया है। नगर में कोई भी घटना अराजकता या तोड़ फोड़ की नहीं हुई। आंदोलन हुआ लेकिन भाईचारा कायम रहा। इसके लिए नगर प्रशाशन बधाई का पात्र है।
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