मोदीजी काश कुछ ऐसा भी करो ?
December 27, 2019 • सुनील जैन राना • जनहित
मोदीजी देश के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं लेकिन हमारा मोदीजी से अनुरोध है की मोदीजी काश कुछ ऐसा भी करो जैसा अब तक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया है।
१ - जब एक आम नागरिक चुनावों में एक ही जगह से वोट डाल सकता है तो नेता भी एक ही सीट से खड़ा हो एक से अधिक सीट से नहीं। यदि नेता दो सीट से खड़ा होता है और दोनों से जीत जाता है तो एक सीट छोड़नी होती है। उस पर फिर से चुनाव कराया जाता है। यह तो जनता के साथ अन्याय है। या फिर नेता जो सीट छोड़े उसपर द्वितीय रहे उम्मीदवार को सीट मिले।
२- जब एक आम नागरिक जेल में बंद होने पर वोट नहीं डाल सकता तो फिर नेता को यह छूट क्यों मिलती है की वह जेल में बंद होने के बावजूद टिकट लेकर खड़ा हो सकता है। इस पर पाबंदी लगनी ही चाहिए।
३ - जब एक आम नागरिक को बैंक की मामूली नौकरी के लिए भी पढ़ा -लिखा होना जरूरी होता है तो चुनाव में लड़ने के लिए नेता को भी मिनीमम पढ़ाई जरूरी होनी चाहिए साथ ही किसी भी मंत्रालय का मंत्री तभी बने जब उसमें उसकी योग्यता हो। एक अंगूठा छाप को वित्त मंत्री या शिक्षा मंत्री या अन्य कोई भी मंत्रालय देना देश के साथ अन्याय ही होता है।
४ - जब एक आम नागरिक को जेल जाने के बाद सरकारी नौकरी नहीं मिलती तो नेता को यह छूट क्यों दी जाती है की वह चाहे हत्या -बलात्कार -लूट का दोषी हो फिर भी चुनाव लड़ सकता है। इस पर पाबंदी लगनी चाहिए।
५ - एक आम नागरिक को सीनियर सिटिज़न हो जाने पर किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं जबकि सरकारी कर्मचारी को पेंशन एवं सभासद -विधायक -सांसद को अनेकों पेंशन ,यह तो अन्याय है।
६ - एक आम नागरिक को जो गरीब है उसके लिए सरकारी जनता थाली बहुत कम धनराशि में सर्वसुलभ होनी चाहिए। भूखे -गरीब के लिए निःशुल्क न सही पर मात्र १० -२० रूपये में भरपेट भोजन मिलना ही चाहिए। गरीब -भिखारी भी इतना तो कमा ही लेता है। विधायकों और सांसदों की सस्ती थाली -भोजन बंद होना चाहिए। क्योकि वे सक्षम होते हैं ,उन्हें सस्ते भोजन की जरूरत नहीं होती।
नोट - मेरा यह अनुरोध स्वीकार करें ,नहीं तो इस पर विचार अवश्य करें। धन्यवाद। * सुनील जैन राना *
१ - जब एक आम नागरिक चुनावों में एक ही जगह से वोट डाल सकता है तो नेता भी एक ही सीट से खड़ा हो एक से अधिक सीट से नहीं। यदि नेता दो सीट से खड़ा होता है और दोनों से जीत जाता है तो एक सीट छोड़नी होती है। उस पर फिर से चुनाव कराया जाता है। यह तो जनता के साथ अन्याय है। या फिर नेता जो सीट छोड़े उसपर द्वितीय रहे उम्मीदवार को सीट मिले।
२- जब एक आम नागरिक जेल में बंद होने पर वोट नहीं डाल सकता तो फिर नेता को यह छूट क्यों मिलती है की वह जेल में बंद होने के बावजूद टिकट लेकर खड़ा हो सकता है। इस पर पाबंदी लगनी ही चाहिए।
३ - जब एक आम नागरिक को बैंक की मामूली नौकरी के लिए भी पढ़ा -लिखा होना जरूरी होता है तो चुनाव में लड़ने के लिए नेता को भी मिनीमम पढ़ाई जरूरी होनी चाहिए साथ ही किसी भी मंत्रालय का मंत्री तभी बने जब उसमें उसकी योग्यता हो। एक अंगूठा छाप को वित्त मंत्री या शिक्षा मंत्री या अन्य कोई भी मंत्रालय देना देश के साथ अन्याय ही होता है।
४ - जब एक आम नागरिक को जेल जाने के बाद सरकारी नौकरी नहीं मिलती तो नेता को यह छूट क्यों दी जाती है की वह चाहे हत्या -बलात्कार -लूट का दोषी हो फिर भी चुनाव लड़ सकता है। इस पर पाबंदी लगनी चाहिए।
५ - एक आम नागरिक को सीनियर सिटिज़न हो जाने पर किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं जबकि सरकारी कर्मचारी को पेंशन एवं सभासद -विधायक -सांसद को अनेकों पेंशन ,यह तो अन्याय है।
६ - एक आम नागरिक को जो गरीब है उसके लिए सरकारी जनता थाली बहुत कम धनराशि में सर्वसुलभ होनी चाहिए। भूखे -गरीब के लिए निःशुल्क न सही पर मात्र १० -२० रूपये में भरपेट भोजन मिलना ही चाहिए। गरीब -भिखारी भी इतना तो कमा ही लेता है। विधायकों और सांसदों की सस्ती थाली -भोजन बंद होना चाहिए। क्योकि वे सक्षम होते हैं ,उन्हें सस्ते भोजन की जरूरत नहीं होती।
नोट - मेरा यह अनुरोध स्वीकार करें ,नहीं तो इस पर विचार अवश्य करें। धन्यवाद। * सुनील जैन राना *
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