सड़के-डिवाईडर-मेनहोल-गलियां -अतिक्रमण -उल्टा पुल्टा ?
December 22, 2019 • सुनील जैन राना • लापरवाही
उत्तर प्रदेश के महानगर सहारनपुर -२४७००१ में रहते हैं हम अतः उसी की बात कर रहे हैं। महानगर में चारों तरफ हाईवे की सड़को की हालत सुधरी है लेकिन नगर के अंदर की अनेक सड़कों का हाल बहुत बुरा है। हम अपने एरिये की बात करें तो पिलखन तलें से लेकर कंबोहान का पुल ,बंजारों का पुल से लेकर रेंच के पुल तक का हाल इतना बुरा है की हर कोई इन पर चलते हुए नगरनिगम को कोसता हो होगा। खासकर कंबोहान के पुल की संकीर्ण टूटी फूटी सड़क से सभी परेशान हैं। महा नगर के विकास को ३६८ करोड़ रूपये मार्च २०१९ में मिले ऐसा समाचारों में लिखा था। पता नहीं ऐसी अनेक सड़को की तरफ क्यों ध्यान नहीं जाता जो की मुख्य मार्ग हैं। कम से कम गड्ढो को भरवा कर मरम्मत ही करवा देते।
बन रहे हैं डिवाईडर। नगर भर की सड़को पर डिवाईडर बना दिए गए हैं। जिससे पहले से ज्यादा परेशानी होने लगी है। सड़को के दोनों तरफ के अतिक्रमण हटाते नहीं। ऐसे में सड़कपर झोटा ठेला ,तांगा ,ट्रॉली चल रही है तो पीछे का यातायात भी स्लो होकर जाम लगने लगता है। अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता है लेकिन अगले दिन से फिर वही अतिक्रमण हो जाता है। जबकि प्रशाशन की एक विंग इसी कार्य को होनी चाहिए जिसका कार्य नगरभर में एनाउंस मेन्ट करते घूमते रहना चाहिए। तभी लोगो को एहसास होगा और डर लगेगा। प्रशासन चाहे तो सब सम्भव है।
अब बात करें मेनहोल की। सड़के बहुतायत में बन रहीं हैं लेकिन सीवर लाइन के मेनहोल के ढककन ठीक तरह से एंगल लगाकर नहीं रखे जा रहे हैं। सड़क चाहें सीसी की बने या टाइलों की मेनहोल के ढककन सीमेंट से दबा दिए जा रहे हैं। ऐसे में जब भी सड़क या गली के सीवर की सफाई करनी हो तो ढककन हटाने को सड़क तोड़ दी जा रही है। लगता है सड़क बनाते समय मेनहोल के ढककन एंगल पर न रखना सुनियोजित तरीका है। जिससे एक ही कार्य को कई बार करने का धन मिले ?
अब बात करते हैं गलियों की सड़कें बनाने में गली की चौड़ाई पहले से कम की जा रही है और नाली ज्यादा चौड़ी की जा रही है। ऐसा पता नहीं क्यों हो रहा है ?शायद नपाई मय नाली के होती होगी इसलिए मसाले की बचत को सड़क की चौड़ाई कम कर देते होंगे। लेकिन ऐसा करने से अनेक गलियों में परेशानी होने लगी है।
ऐसे अनेक कार्यो में उल्टा पुल्टा क्यों हो रहा है पता नहीं ?सहारनपुर को स्मार्ट सिटी बनाना है तो सबसे पहले सभी जगहों से अतिक्रमण हटवाना ही होगा। नगर की अधिकांश दुर्व्यवस्था अतिक्रमण के कारण ही है। अतिक्रमण हटाने को प्रशासन सभी बाज़ारो के प्रतिनिधी मंडलो को साथ लेकर पहले चेतावनी दे फिर अतिक्रमण हटाने का कार्य करें। स्थानीय पुलिस चौकी की गस्त भी इस कार्य में सहायक हो सकती है। * सुनील जैन राना *
बन रहे हैं डिवाईडर। नगर भर की सड़को पर डिवाईडर बना दिए गए हैं। जिससे पहले से ज्यादा परेशानी होने लगी है। सड़को के दोनों तरफ के अतिक्रमण हटाते नहीं। ऐसे में सड़कपर झोटा ठेला ,तांगा ,ट्रॉली चल रही है तो पीछे का यातायात भी स्लो होकर जाम लगने लगता है। अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता है लेकिन अगले दिन से फिर वही अतिक्रमण हो जाता है। जबकि प्रशाशन की एक विंग इसी कार्य को होनी चाहिए जिसका कार्य नगरभर में एनाउंस मेन्ट करते घूमते रहना चाहिए। तभी लोगो को एहसास होगा और डर लगेगा। प्रशासन चाहे तो सब सम्भव है।
अब बात करें मेनहोल की। सड़के बहुतायत में बन रहीं हैं लेकिन सीवर लाइन के मेनहोल के ढककन ठीक तरह से एंगल लगाकर नहीं रखे जा रहे हैं। सड़क चाहें सीसी की बने या टाइलों की मेनहोल के ढककन सीमेंट से दबा दिए जा रहे हैं। ऐसे में जब भी सड़क या गली के सीवर की सफाई करनी हो तो ढककन हटाने को सड़क तोड़ दी जा रही है। लगता है सड़क बनाते समय मेनहोल के ढककन एंगल पर न रखना सुनियोजित तरीका है। जिससे एक ही कार्य को कई बार करने का धन मिले ?
अब बात करते हैं गलियों की सड़कें बनाने में गली की चौड़ाई पहले से कम की जा रही है और नाली ज्यादा चौड़ी की जा रही है। ऐसा पता नहीं क्यों हो रहा है ?शायद नपाई मय नाली के होती होगी इसलिए मसाले की बचत को सड़क की चौड़ाई कम कर देते होंगे। लेकिन ऐसा करने से अनेक गलियों में परेशानी होने लगी है।
ऐसे अनेक कार्यो में उल्टा पुल्टा क्यों हो रहा है पता नहीं ?सहारनपुर को स्मार्ट सिटी बनाना है तो सबसे पहले सभी जगहों से अतिक्रमण हटवाना ही होगा। नगर की अधिकांश दुर्व्यवस्था अतिक्रमण के कारण ही है। अतिक्रमण हटाने को प्रशासन सभी बाज़ारो के प्रतिनिधी मंडलो को साथ लेकर पहले चेतावनी दे फिर अतिक्रमण हटाने का कार्य करें। स्थानीय पुलिस चौकी की गस्त भी इस कार्य में सहायक हो सकती है। * सुनील जैन राना *
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