स्थापित मूर्तियाँ तोडना धर्म सम्मत /न्याय सम्मत नहीं
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देश में कुछ जगह विदेशी नेताओं की मूर्तियाँ तोड़ी जा रही हैं। इससे भारतीय राजनीति में उबाल सा आ रहा है।
पक्ष -विपक्ष में घमासान जारी है। मोदी सरकार ने भी मूर्ति तोड़ने की निंदा की है और राज्य सरकार को
आवश्यक कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं।
यह ठीक है की पहले से लगी किसी की भी मूर्ति तोडना न तो धर्म सम्मत है और न ही न्याय सम्मत है। विपक्ष के
कई दिग्गज नेता इस पर बहुत कटु बयान दे रहे हैं। जिस पर बीजेपी सरकार के नेता और प्रवक्ताओं ने भी मुँह
तोड़ जबाब दिया है। कहा है की जब कांग्रेस सरकार में बाबा अम्बेडकर समेत कई महा पुरुषो की मूर्तियाँ
खंडित की गई तब ये सब नेता क्यों नहीं बोले ?
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