मोदीजी बनाम राहुल गाँधी
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*सम्पूर्ण विश्व मोदीजी के कार्यो -नीतियों की सराहना कर रहा है।
**राहुल गाँधी विदेश में जाकर मोदीजी की आलोचना में लगे हैं।
*मोदीजी विश्व के अनेकों देशों में जाकर भारत का मान बढ़ा रहे हैं।
**राहुल गाँधी विदेशों में जाकर भारत की ग़रीबी का रोना रो रहे हैं।
*मोदीजी विदेश जाकर देशहित की योजनाओं पर बात करते हैं।
**राहुल गाँधी विदेश में सिर्फ मोदीजी के विरोध की बाते करते हैं।
*मोदीजी भष्टाचार रहित कार्यप्रणाली को अपनाकर आगे बढ़ रहे हैं।
**राहुल गाँधी बीजेपी सरकार के हर कार्य में भ्र्ष्टाचार ढूढ़ने में लगे हैं।
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मोदीजी की कार्यप्रणाली में कोई भ्र्ष्टाचार व्याप्त नहीं है। ऊपरी स्तर
पर सभी निर्णय देशहित को ध्यान में रखकर लिए जा रहे हैं। सभी
निर्णय सभी को अच्छे लगे या सभी के हित में हो ऐसा सम्भव नहीं
होता है। हो सकता है कुछ निर्णय समय के अनुकूल न हो लेकिन
इस बात से कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। विपक्ष को आलोचना का
अधिकार है ,गलत कार्यो की आलोचना होनी भी चाहिए लेकिन हर
बात में आलोचना करना ठीक है। अच्छे कार्यो की सराहना भी होनी
चाहिए। बस यही फर्क हो रहा है विपक्ष और जनता में। विपक्ष सिर्फ
आलोचना में लगा है जबकि जनता /गैर बीजेपी जनता भी मोदीजी
के कार्यो की सराहना कर रही है और मोदीजी का साथ दे रही है।
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