शनिवार, 30 सितंबर 2017



पिता -पुत्र विवाद या संवाद
-------------------------------

उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के मुखिया

मुलायमसिंह यादव और उन्हीं के पुत्र प्रदेश

के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मतभेद,

विवाद या अनोखे संवाद से सभी परिचित हैं।

समय बलवान होता है। एक समय था की सपा

के संस्थापक मुलायमसिंह की तूती बोलती थी।

लेकिन सत्ता की धमक में उन्हीं के पुत्र द्वारा

उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।


अब कुछ ऐसा ही बीजेपी के कद्दावर नेता एवं

पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा जी के Gst पर दिए

गए बयानों के बाद उन्ही के पुत्र जयंत सिन्हा जी

के पलटवार पर दिखाई दे रहा है। जहाँ एक ओर

बीजेपी के यशवंत सिन्हा जी बीजेपी सरकार के

आर्थिक नीतियों की धज्जियाँ उडानेमे लगे हैं वहीं

उनके पुत्र मंत्री अपने पिता का विरोध करते हुए

बीजेपी सरकार की नीतियों की सराहना में लगे

हैं।

इसीलिए कहते हैं की राजनीति में कोई किसी का

सगा या पराया नहीं होता। जैसा समय वैसी भाषा।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

ध्वजारोहण

*UPSC इंटरव्यू में पूछा जाने वाला ऐसा सवाल जिसका उत्तर बहुत कम अभ्यर्थी दे पाते हैं-* स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क...