रविवार, 10 सितंबर 2017


रेयान स्कूल का प्रदुमन
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गुरुग्राम के एक प्रतिष्ठित स्कूल रेयान में प्रदुमन नाम के बच्चे की हत्या

दिल को दहला देने वाली है। यह हादसा अचानक हुआ या कोई सोची

समझी साज़िश हुई यह तो जांच का विषय है। लेकिन जो भी कुछ हुआ

वह बच्चों के भविष्य की विषम परिस्थितियों को ज़ाहिर करता है।

दुर्घटना के बाद बच्चों के अभिवावकों का क्रोधित होना स्वाभाविक ही

है ,लेकिन व्यर्थ की तोड़ फोड़ -आगजनी से भी कुछ हासिल होने वाला

नहीं है। जांच होनी चाहिये ,दोषियों को सज़ा मिलनी ही चाहिए और

भविष्य में किसी भी स्कूल में दोबारा ऐसा नहीं हो उसके उपाय होने

चाहिये।

कोई भी अच्छा स्कूल बच्चों की सुख -सुविधा ,जरूरत का ध्यान रखता

ही है। बच्चे सुरक्षित वातावरण में रहें इस बात का भी पूरा ध्यान रखा

जाता ही है। ऐसा हादसा होना अनहोनी जैसा ही है।

अनहोनी कहीं भी किसी भी के साथ हो सकती है। हम सब अपने घरों

में सुरक्षित रहते हुए भी सुरक्षित नहीं हैं यह आज के दौर का सत्य है।

किसी भी स्कूल के मालिक या प्रबंधक आदि स्कूल के हर कोने या हर

समय पहरा नहीं दे सकते। भले ही उनका खुद का बच्चा भी उनके ही

स्कूल में पढ़ता हो।

ऐसी अनहोनी भविष्य में न हो इसके उपाय सभी संस्थाओ को करने

ही चाहिए। अपने सभी कर्मचारियों का पुलिस से सत्यापन कराना ही

चाहिए। बिना परमिशन बाहरी व्यक्ति को अन्दर आने देना नहीं चाहिये।

अनहोनी जानबूझकर नहीं होती। ऐसे में हंगामा करना ,तोड़फोड़ करना ,

आगजनी करना जायज नहीं है। हो सकता था की ऐसी अनहोनी स्कूल

के प्रबंधक परिवार आदि के साथ भी तो हो सकती है। क्या फिर भी

बच्चों के अभिभावक ऐसे ही हंगामा करते ?यह चिंतन का विषय है। 

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