गुरुवार, 20 जून 2024

नीम, पीपल,बरगद

आप को लगेगा अजीब बकवास है, किन्तु यह सत्य है... पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है... पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजॉर्बर है, बरगद 80% और नीम 75 %... इसके बदले लोगों ने विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया, जो जमीन को जल विहीन कर देता है... आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है... अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नहीं रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही, और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही... हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगायें, तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त भारत होगा.. 🌳🌳 वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए... पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है, जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं... वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है.. इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए- मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु, सखा शंकरमेवच। पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम, वृक्षराज नमस्तुते।। अब करने योग्य कार्य... इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें.. बाग बगीचे बनाइये, पेड़ पौधे लगाइये, बगीचों को फालतू के खेल का मैदान मत बनाइये.. जैसे मनुष्य को हवा के साथ पानी की जरूरत है, वैसे ही पेड़ पौधों को भी हवा के साथ पानी की जरूरत है.. बरगद एक लगाइये, पीपल रोपें पाँच। घर घर नीम लगाइये, यही पुरातन साँच।।

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