मंगलवार, 11 जून 2024

हकदार को पुरुस्कार

"साहब, मेरे पास दिल्ली जाने के लिए पैसे नहीं हैं, कृपया पुरस्कार डाक से भेज दीजिए।" ये शब्द हैं पद्मश्री पुरस्कार विजेता हलधर नाग के। हलधर नाग के पास 3 जोड़ी कपड़े, एक टूटी हुई रबर की चप्पल, एक रिमलेस चश्मा और 732 रुपए की जमा राशि है, उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। हलधर नाग ओडिशा के रहने वाले हैं और शंबलपुरी भाषा बोलते हैं। वे एक प्रसिद्ध कवि हैं। खास बात यह है कि उन्हें अब तक लिखी गई सभी कविताएं और 20 महाकाव्य कंठस्थ हैं। अब हलधर ग्रंथावली, जो उनकी रचनाओं का संग्रह है, संबलपुर विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा... Copy By Facebook Platform मोदी सरकार में पद्मश्री, पद्मभूषण आदि पुरुस्कार बिकते नहीं हैं। पुरुस्कार के हकदार को ही पुरुस्कार मिल रहे हैं। ऐसे-ऐसे लोग जिन्हें कोई जानता नहीं लेकिन वे अपने क्षेत्र में बिना सरकारी सहायता के दशकों से निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं उन्हें ढूंढ-ढूढ़ कर सम्मानित किया जा रहा है जो हम सबके लिये बहुत गर्व की बात है।

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