रविवार, 25 दिसंबर 2022

मोदीजी हैं तो मुमकिन है

भाईयो लो कल्लो अपना खून गरम। जम कर मोदी को गाली दो। दुनियाँ के 25 सबसे ताकतवर देशों की हुई लिस्ट जारी ,,, भारत आया नम्बर 3 पर, हम से आगे अमेरिका, रूस हैं l ये है मोदी युग ,,,* 🔺 दूसरी उपलब्धि* ,,, 1.4- 1.5 लाख करोड़ के पार पहुँचा GST का मासिक टैक्स कलेक्शन ,,,,, ये है ! एक चाय वाले का अर्थशास्त्र ,,,* 🔺 तीसरी उपलब्धि* ,,, नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में , अमेरिका और जापान को पीछे छोड़ , भारत पहुँचा दूसरे स्थान पर ,,,,* 🔺 चौथी उपलब्धि* ,,,,, 2017-18 में दो गुना हुआ , सौर ऊर्जा का उत्पादन ,,,, चीन और अमेरिका भी दंग हैं ,,, * 🔺 पाँचवी उपलब्धि* ,,, भारत की आसमान छू रही , GDP को देखकर ,,, भारत की GDP 8.2% , चीन की 6.7% और अमेरिका की 4.2% ! अब भी कहेंगे , भारतीय की मोदी विदेश क्यों जाते हैं,,,* 🔺 छठी उपलब्धि* ,,, जल , थल और आकाश ; तीनों क्षेत्रों से सुपरसोनिक मिसाइल दागने वाला , दुनियाँ का पहला देश बना भारत ,,, ये है मोदी युग ,,, अगर आपको गर्व हुआ हो , तो जय हिन्द लिखना न भूलें ,,,,* 🔺 सातवीं उपलब्धि* ,,,, 70 सालों में पाकिस्तान को कभी गरीब नहीं देखा ,, लेकिन मोदी जी के आते ही पाकिस्तान कंगाल हो गया ,,, दरअसल पाकिस्तान की कमाई का जरिया , भारतीय नकली नोटों का व्यापार था ,,,, जिसे मोदी जी ने खत्म कर दिया ,,,* 🔺 आठवीं उपलब्धि* को भी पढ़ें ,,,,,, एक बात समझ में नहीं आयी ,,, 2014 में कांग्रेसी रक्षामंत्री ऐ. के. एंटोनी ने कहा था , देश कंगाल है , हम राफेल तो क्या , छोटा जेट भी नहीं ले सकते ,,,, पर मोदीजी ने ईरान का कर्ज भी चुका दिया ,,, राफेल डील भी करली ,,, S - 400 भी ले रहे हैं ! आखिर कांग्रेस के समय देश का पैसा कहाँ जाता था ,,, ❓* 🔺 नवीं उपलब्धि* ,,, सेना को मिला बुलेटप्रूफ स्कार्पियो का सुरक्षा कवच ,,, जम्मू कश्मीर में मिली सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो ,,,* 🔺 दसवीं उपलब्धि* ,,, अब आपको बताता हूँ , भारत का इन 4 सालों में विकास क्या हुआ ,,,अर्थ व्यवस्था में फ्रांस को पीछे धकेल नम्बर 6 बना ,,,* 🔺 ग्यारहवीं उपलब्धि* ,,, ऑटो मार्केट में जर्मनी को पीछे छोड़ नम्बर 4 बना ,,,* 🔺 बारहवीं उपलब्धि* ,,,, बिजली उत्पादन में रूस को पीछे छोड़ नम्बर 3 बना ,,,* 🔺 तेरहवीं उपलब्धि* ,,, टेक्सटाइल उत्पादन में इटली को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना ,,,* 🔺 चोदहवीं उपलब्धि* ,,, मोबाइल उत्पादन में वियतनाम को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,, * 🔺 पंद्रहवी उपलब्धि* ,,, स्टील उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना ,,,* 🔺 सोलहवीं उपलब्धि* ,,, चीनी उत्पादन में ब्राजील को पीछे छोड़ नम्बर 1 बना ,,,* 🔺 सतरहवीं उपलब्धि* ,,, हमेशा सोए रहने वाले हिंदूओं में *राष्ट्रवाद* जगा दिया , पूरी दुनियां के सवा सौ करोड़ हिंदुओं का एक भी राष्ट्र नहीं है ! मैं इस काम को सबसे महत्वपूर्ण मानता हूँ आतंकियों का सफाया ,,,8 महीनों में 230 आतंकियों को 72 हूरों के पास जहन्नुम में पहुंचाया❗ कृपया करके :-- 2 minute का समय निकाल कर इसे देश हित में जरूर शेयर करें विशेष रूप से मोदी जी से अविश्वास करने वाले लोगों को 🙏🙏

शनिवार, 24 दिसंबर 2022

पेंशन एवं मुफ्त घोषणाएं

पुरानी पेंशन एवं मुफ्त चुनावी घोषणाएं देश के अधिकतर अर्थशास्त्री पुरानी पेंशन योजना एवं मुफ्त चुनावी घोषणाओं को देश की अर्थव्यवस्था के लिये घातक मान रहे हैं। यहां तक की कांग्रेस के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह तक ने इसे गलत माना था। लेकिन आज सत्ता से बेदखल हुई कांग्रेस सत्ता पाने को चुनावी लाभ के लिये पुरानी पेंशन का लाभ दे रही है। यही हाल मुफ्त चुनावी घोषणाओं का है जो वोटों को लुभाने के लिये की जा रही हैं। हालांकि ये चुनावी घोषणाएं बाद में चुनावी राज्यों पर ही भारी पड़ रही हैं। हिमाचल प्रदेश में राजस्व का 80% पेंशन पर खर्च हो रहा है। बिहार में 60%, पंजाब में 35%, राजस्थान में 30%से ज्यादा राजस्व सिर्फ पेंशन पर खर्च हो रहा है। यदि सरकारी कर्मचारी का वेतन आदि जोड़ ले तो कुछ राज्यो में तो 90% तक इन्ही पर खर्च हो रहा है। जिसके कारण राज्यों के पास स्वास्थ, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन आदि पर खर्च करने को कुछ ज्यादा नहीं बचता। देश के करदाताओं का कर के द्वारा दिया गया धन अधिकांशतः पेंशन पर खर्च हो जाना देश हित में नही है। जानकारी मिली है की देश की सिर्फ 2% सरकारी कर्मचारी आबादी पर राजस्व का 12% धन खर्च देना किसी भी प्रकार से ठीक नहीं माना जा रहा है। इससे देश की अन्य जरूरतों के लिये धन की कमीं पड़ जाती है। देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, गरीबी उन्मूलन, राशन, स्कूल, अस्पताल आदि के कार्यों में कमी आती है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी तरह चुनावी लाभ के लिये मुफ्त घोषणाएं जैसे मुफ्त बिजली, पानी, लेपटॉप, स्कूटी आदि पर भी लगाम लगनी चाहिये। जिस पार्टी को जो देना है अपनी पार्टी फंड से दे, सरकारी धन का दुरूपयोग करने पर पाबंदी लगनी चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप कर कानून बना देना चाहिए। सुनील जैन राना

गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

श्री सम्मेद शिखर पवित्र तीर्थ घोषित हो

*श्रीमान, धी-मान बताएं आपकी नजर में जैन समाज क्या है ?* ■ *दुनिया में एक मात्र जैन समुदाय है जो -* *कभी अपने निजी स्वार्थ के लिए कोई बड़ा आंदोलन नहीं करता।* -जिसमें कभी ट्रैन रोकी जाती हों? कभी नहीं। - कभी सड़कें जाम की जाती हों? कभी नहीं। -कभी आगजनी, तोडफ़ोड़ की जाती हो? कभी नहीं। -कभी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता हो ? कभी नहीं। - कभी किसी की हिंसा तो छोड़ो कभी पुतले को भी जलाया जाता हो? कभी नहीं ? *इसका अर्थ स्पस्ट है -* *जैन समाज राष्ट्र निर्माण खासकर जीडीपी /कर भुगतान में सबसे बड़ा योगदान देने बाला अहिंसक, शांतिप्रिय समुदाय है।* *फिर भी हैरानी होती है जब-* *- सरकार में बैठे नुमाइंदे स्वयं इस समुदाय की जायज बात सुनने तैयार नहीं होते।* *- राजनीतिक स्तर पर अधिकांशतः कोई प्रतिनिधित्व नही दिया जाता। न संसद सदस्य न राज्य सभा सदस्य।* *- प्रशासनिक स्तर पर देने में सर्वथा पीछे रखा जाता है निगम, मण्डल, आयोग अध्यक्ष तो छोड़िए सदस्य भी कहीं नहीं, कहीं नहीं।* *बताएं श्री मान, धी मान ...* *विश्व के सबसे शांत समाज के सर्वाधिक पावन तीर्थ को आपको पर्यटन स्थल बनाने की सनक क्यों छूटी ?* *जैन श्रद्धालु इस पर्वत की पहली रजकण से ही जूते-चप्पल का तक त्याग कर स्नान कर, शुद्ध वस्त्रों में बिना खान-पान किये दर्शन बन्दन को जाते हैं। यह 20 तीर्थंकर एवम अनन्त साधुओं की की निर्वाण स्थली होने से हमारा पूज्य स्थल है इस पर्वत का हर कण पावन है इस पर आप क्या करना चाहते हैं ?* *- क्या सैर-सपाटे,मनोरंजक, आराम गाह स्थल निर्माण?* *- क्या फाइव स्टार होटल जिसमें मदिरालय भी होंगे ? जिसमें मांसाहार भोजनालय भी होंगे ? जिसमें और भी गलत कार्य होंगे ?* *- आपसे यह सब मांगा किसने ? आखिर आपको क्या सूझा जो पूज्य पावन स्थल को एसो-आराम एवम भ्रमण की जगह बनाने पर आप तुले हैं ???* *भारतीय संस्कृति में अटूट श्रद्धा रखने बाले जैन समाज की भावनाएं आहत करने की पीछे आखिर मंशा क्या है ?* *मत छेड़िये, इस अहिंसक, शांतिप्रिय समाज को।* *एक बार विचार करें, बहुत गम्भीरता से विचार करें एवम निर्णय लें इसे पर्यटक स्थल नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करें।* जय पार्श्वनाथ।

बुधवार, 21 दिसंबर 2022

सम्राट अशोक

*"सम्राट अशोक" की जन्म-जयंती हमारे देश में क्यों नहीं मनाई जाती ??* बहुत सोचने पर भी, "उत्तर" नहीं मिलता! आप भी इन "प्रश्नों" पर विचार करें!🤔🤔🤔 *सम्राट अशोक* *पिताजी का नाम - बिन्दुसार गुप्त* *माताजी का नाम - सुभद्राणी* जिस "सम्राट" के नाम के साथ संसारभर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं जिस -"सम्राट" का राज चिन्ह "अशोक चक्र" भारतीय अपने ध्वज में लगाते है l जिस "सम्राट" का राज चिन्ह "चारमुखी शेर" को भारतीय "राष्ट्रीय प्रतीक" मानकर सरकार चलाते हैं l और "सत्यमेव जयते" को अपनाया है l जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान, सम्राट अशोक के नाम पर, "अशोक चक्र" दिया जाता है l जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ"...जिसने "अखंड भारत" (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक-छत्र राज किया हो l सम्राट अशोक के ही, समय में "२३ विश्वविद्यालयों" की स्थापना की गई l जिसमें तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला, कंधार, आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे l इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से छात्र उच्च शिक्षा पाने भारत आया करते थे। जिस -"सम्राट" के शासन काल को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार, भारतीय इतिहास का सबसे "स्वर्णिम काल" मानते हैं। जिस "सम्राट" के शासन काल में भारत "विश्व गुरु" था l "सोने की चिड़िया" था l जनता खुशहाल और भेदभाव-रहित थी l जिस सम्राट के शासन काल में, सबसे प्रख्यात महामार्ग "ग्रेड ट्रंक रोड" जैसे कई हाईवे बने l २,००० किलोमीटर लंबी पूरी "सडक" पर दोनों ओर पेड़ लगाये गए l "सरायें" बनायीं गईं..l मानव तो मानव..,पशुओं के लिए भी, प्रथम बार "चिकित्सा घर" (हॉस्पिटल) खोले गए l पशुओं को मारना बंद करा दिया गया l ऐसे *"महान सम्राट अशोक"* जिनकी जयंती उनके अपने देश भारत में क्यों नहीं मनायी जाती ?? न ही कोई छुट्टी घोषित की गई है? दुख: है कि, जिन नागरिकों को ये जयंती मनानी चाहिए...वो अपना इतिहास ही भुला बैठे हैं, और जो जानते हैं, वो ना जाने क्यों मनाना नहीं चाहते?? *"जो जीता वही चंद्रगुप्त"* ना होकर, *"जो जीता वही सिकन्दर"* कैसे हो गया?? जबकि ये बात सभी जानते हैं, कि सिकन्दर की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते हुए ही लड़ने से मना कर दिया था। बहुत ही बुरी तरह से मनोबल टूट गया था और सिकंदर को "वापस लौटना" पड़ा था। *आइए हम सब मिलकर इस "ऐतिहासिक भूल" को सुधार करने की शपथ लें। साभार

सोमवार, 19 दिसंबर 2022

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जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी

मावल (महाराष्ट्र) लोक सभा सांसद श्री श्रीरंग अप्पा बरने जी द्वारा लोक सभा मे श्री सम्मेद शिखर जी की पवित्रता और संरक्षण की केंद्र सरकार और झारखण्ड सरकार से मांग... "श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आंदोलन" सफलता की और पांचवी कड़ी केंद्रीय वन मंत्रालय के उच्च अधिकारियों द्वारा अगामी एक सप्ताह में कार्यवाही का आश्वासन लेकिन मंत्रालय व झारखण्ड सरकार से हमारी मांगो के लिखित कार्यवाही होने तक आंदोलन ज्ञापन के माध्यम से जारी रहेगा और इस सप्ताह में गजट मे कार्यवाही न होने पर 26 दिसंबर से आमरण अनशन आरम्भ होगा। कुछ लोग आंदोलन को असफल करने हेतु तीन माह बाद 31 मार्च को आंदोलन करने का प्रचार कर रहे जिसका पुरजोर विरोध है अब सभी मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा चाहे कोई भी कीमत चुकानी पड़े। जैनियों का सबसे पावन तीर्थ पर्वराज सम्मेद शिखर जी जैनियों का था, जैनियों kaaा है, जैनियों का रहेगा।

जैन तीर्थ गिरनार जी

सोमवार १९ दिसंबर २०२२ सम्पर्क : ७८६९९-१७०७० निर्मलकुमार पाटोदी, इंदौर सम्पर्कः ७८६९९-१७०७० ——— गिरनार तीर्थ हाथ से गया नहीं है… तीर्थ पर अधिकार की लड़ाई जारी है।——समाज भ्रमित नहीं हो———सही जानकारी यह है……. ———————————- जैन धर्म के २२ वें तीर्थंकर अरिष्ट नेमिनाथ जी की गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर निर्वाण स्थली है। इस पर प्राचीन काल से पाषाण से निर्मित पवित्र चरण-चिह्न स्थापित किए हुए हैं। उर्जंयत गिरि गिरनार पर्वत की हमारी आस्था की परम वंदनीय प्रभु नेमिनाथ जी की यह सिद्ध भूमि है। अपना जीवन धन्य करने के लिए हज़ारों वर्षों से हम जैन श्रद्धालु अपने इस तीर्थक्षेत्र की वंदना करने आते रहे हैं। पिछले २०-२२ वर्षों से अधार्मिक, अपराधी प्रवृत्ति के कुछ असामाजिक लोग हमारी धार्मिक पाँचवीं टोंक के अंदर नेमिनाथ भगवान के चरण-चिह्न के पास न केवल बैठने लगे थे, अपितु चरणों को फूलों से ढक कर मालिक की तरह हमारे यात्रियों से निर्लज्ज व्यवहार करने लगे। उनके साथ मारपीट, हाथापाई, धक्कामुक्की और धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल करने लगे हैं। यही नहीं हमारे द्वारा लिए गए अहमदाबाद उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश का गुजरात प्रशासन द्वारा समुचित पालन व्यवस्था नहीं किए जाने और उन्हें सरकारी प्रश्रय मिलने के कारण हमारी परंपरागत पाँचवीं टोंक में न केवल छेडछाड़ करना प्रारम्भ कर दिया बल्कि पहले दत्तात्रय की छोटी मूर्ति रख दी, इसके बाद बड़ी मूर्ति रख दी गई। चरण-चिह्न के पीछे के भाग में नीचे की ओर पाषाण में उत्कीर्ण भगवान नेमिनाथ जी मूर्ति को सीमेंट से ढक दिया गया। सुनने में आया है कि अब तो इस मूर्ति को छतिग्रस्त कर दिया गया है। यह अपराधिक कार्य है। गुजरात राज्य सरकार को ज्ञात है कि पाँचवीं पुरातत्व संरक्षित है। इसके बावजूद भी इस टोंक के अंदर और बाहर किसी भी प्रकार से पुरातत्ववीय नियमों का न स्वयं पालन किया गया और न पालन करने की व्यवस्था की गयी। सरकार की इसी लापरवाही के फलस्वरूप हमारी पाँचवीं टोंक के अंदर अकल्पनीय परिवर्तन कर दिया गया है। जिसका फ़ोटू हमारे समाज में व्यापक रूप से प्रसारित हुआ है वह यह है। इसे देख कर लगता है यह हमारे जैन धर्म का वंदनीय तीर्थ है ही नहीं। अधार्मिक लोगों द्वारा पाँचवीं टोंक के अंदर किए गए परिवर्तनों के संबंध में गुजरात राज्य की अहमदाबाद खण्डपीठ में कम से कम पाँच प्रकरण विचाराधीन है। हमारे नेमिनाथ भगवान की इस सिद्ध स्थली के धार्मिक स्वरूप को अपरिमित नुक़सान पहुँचाने का प्रयास संविधान में प्रदत्त धार्मिक अधिकारों के बावजूद हुआ है। हमारे जैन धर्म मिली अल्पसंख्यक मान्यता के रहते हुआ है। सर्व ज्ञात है कि पांचवी टोंक की वंदना करके वापस लौटते समय हमारे मुनिराज श्री प्रबलसागर जी पर चाकू से तीन-चार बार प्राणघातक हमला किया जा चुका है। पहाड़ पर परिवर्तन किया गया है। पूरे पहाड़ को जैन धर्म की पहचान मिटाने की योजना अनुसार सब कुछ दत्तात्रय का है, यह चेष्टा कर दी गई है। हमारे जैन धर्म और इतिहास से संबंधित दूसरी टोंक, तीसरी टोंक, चौथी टोंक पर भी हर संभव छेड़खानी की गई है। विचारणीय यह है कि सब कुछ परिवर्तन भारत के जैन समाज के के रहते हुए और समाज की राष्ट्रीय संस्थाओं के रहते हुए हुआ है। संतोष की बात यह है कि भगवान नेमिनाथ जी की इस तप, कल्याण और मोक्ष स्थली गिरनार पर्वत पर जैन धर्म के समाज को पुनःअधिकार मिलें, इसके लिए राजस्थान और मध्यप्रदेश के दो व्यक्तियों ने संकल्प के साथ पूरे साक्ष्य जुटाकर जूनागढ़ ज़िले के न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर दिया है आर्थिक सहयोग के अभाव में भी ये दोनों श्रद्धालु कमजोरी दिखाना नहीं चाहते हैं। धनाढ्य दिगंबर जैन समाज ————————- सिद्ध तीर्थराज गिरनार पर अधिकार ————————— के लिए सहयोग करने को तत्पर हो। ——————- पूरे सम्मेद शिखर जी तीर्थराज पर्वत को पर्यटन, मौज-मस्ती, पर्वतारोहण से बचाने के लिए उसे शाकाहार, अहिंसक पवित्र जैन तीर्थ घोषित कराने के लिये समाज में जागरूकता आ गई है। यह ऐतिहासिक चेतना ही वांछित सफलता दिलायेगी ———- अंतरिक्ष पार्शवनाथ जी सिद्ध और तीर्थ क्षेत्र का प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं। जैनियों के साथ यह तो अन्याय हो रहा है।

शनिवार, 17 दिसंबर 2022

ॐ की महिमा

🕉️ *ॐ' का जाप न केवल आध्यात्मिक बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।* रोजाना सिर्फ पांच मिनट *'ॐ'* का जाप करने से मानसिक और शारीरिक लाभ होता है। *'ॐ' का उच्चारण कैसे करें?* 'ओम' का जाप करने के लिए आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं। अपनी आंखें बंद करें और गहरी सांस लें और फिर 'ओम' का जाप करते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस दौरान पूरे शरीर को वाइब्रेट करने की कोशिश करें। *ॐ कर जप का महत्व और प्रभाव :* *1)* मानव मन को शुद्ध करने के लिए। *2)* मानव मन की भावनाओं को नियंत्रित करना। *3)* मन, स्मृति और बुद्धि की एकाग्रता बढ़ाने के साथ-साथ मन की किसी बात को समझने की क्षमता को बढ़ाने के लिए। *4)* शारीरिक, मानसिक रूप से तनावमुक्त, साथ ही भावनाओं पर नियंत्रण। *'ॐ' कार जप* ➡️ ए …… यू …… एम ……… ए …… उम …… एम …… ए …… यू ……… एम ……… .. *ओंकार जप से करें कई रोगों पर नियंत्रण।* ओंकार जप से भौतिक स्तर पर अनेक लाभ होते हैं। *1. थायराइड -* ओंकार का पाठ करने से कंठ में स्पंदन उत्पन्न होता है। इसका थायरॉयड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। *2. बेचैनी-* यदि आप असहज महसूस करते हैं, तो अपनी आंखें बंद करें और पांच गहरी सांसों के साथ ओंकार का जाप करें। *3. तनाव -* इससे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। *4. खून का दौरा -* इससे हृदय स्वस्थ रहता है और रक्त प्रवाह सुचारू रहता है। *5. पाचन-* ओंकार के जाप से पाचन क्रिया में सुधार होता है। *6. प्रेरणा -* ओंकार शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है। *7. थकान -* थकान के लिए इससे बेहतर कोई उपाय नहीं है। *8. सोना -* ओंकार के नियमित जाप से कुछ ही दिनों में अनिद्रा दूर हो जाती है। इसलिए सोने से पहले ओंकार का पाठ जरूर करना चाहिए। *9. फेफड़े -* ओंकार का जाप करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है। *10. मेरुदण्ड -* ओंकार द्वारा निर्मित कंपन रीढ़ को मजबूत करता है। साभार

शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

कैसा कानून ?

कैसा कानून? हत्यारा है तो सज़ा दो पहले कसाब अब आफताब। सारी दुनिया ने क़साब को टीवी पर आतंक मचाते देखा, हत्या करते देखा फिर भी उस पर लम्बा मुकदमा चला। जेल में रखकर उसे मनपसन्द बियानियाँ खिलाई गई। लाखों रुपये उसके खाने पर खर्च किये गये। तब जाकर उसे कोर्ट से सज़ा का एलान हुआ। अब उसी की तर्ज पर आफताब पुलिस की हिरासत में है। लड़की की हत्या का दोषी। जघन्य अपराध किया। लड़की से प्रेम के बहाने उस पर दबाब बनाकर ब्लैकमेल किया और फिर उसकी हत्या कर उसके शरीर के 35 टुकड़े कर फ्रिज़ में रखे। कितना दर्दनाक है यह सुनना और होना। पकड़े जाने पर उसने जुल्म भी कबूल लिया लेकिन कानूनी प्रकिर्या पूरी करने को उसे लेकर उन स्थानों पर ले जाया गया जहां उसने शरीर के टुकड़े डाले थे एवं हत्या करने का सामान चाकू आदि फेंके होंगे। एक छोटे मुजरिम को पकड़ कर पुलिस उसकी ऐसी सिकाई कर देती है की वह चलने लायक नहीं रहता। लेकिन हत्यारा तो मुहँ ढककर पुलिस के साथ बड़ी शान से आ- जा रहा है जैसे उसे किसी का ख़ौफ़ ही नहीं है। पता नहीं ऐसे हत्यारों को पुलिस मुहँ ढकने ही क्यों देती है। ऐसे हत्यारे का चेहरा तो जनता को दिखाना चाहिये। सब कुछ जान लेने, पता कर लेने के बाद भी हत्यारे का पॉलीग्राफ टेस्ट, नार्को टेस्ट आदि करने की कानूनी प्रकिर्या जनता की समझ से बाहर है। जनता में इस बात को लेकर आक्रोश है की सब कुछ जान लेने जुल्म कबूल लेने के बाद भी इतनी लंबी प्रकिर्या का क्या मतलब? बलात्कार से लेकर ऐसे जघन्य अपराध करने वाला अपराधी चाहे कोई भी हो उसके मुक़दमे को जल्दी से जल्दी निपटा कर सज़ा का एलान कोर्ट को करना ही चाहिये। देश में बलात्कार की घटनाएं बहुत हो रही हैं। सिर्फ सज़ा से बलात्कारियों में ख़ौफ़ नहीं है। सर्वप्रथम बलात्कारी का अंग भंग करना चाहिये ताकि उसे भी जीवन भर एक एहसास रहे जैसा पीड़िता को रहता है। ततपश्चात कठोर सज़ा दी जानी चाहिये। सुनील जैन राना

प्राचीन भारतीय संस्कृति

🌱🌱😌😌🌱🌱 हल खींचते समय यदि कोई बैल गोबर या मूत्र करने की स्थिति में होता था तो किसान कुछ देर के लिए हल चलाना बन्द करके बैल के मल-मूत्र त्यागने तक खड़ा रहता था ताकि बैल आराम से यह नित्यकर्म कर सके,यह आम चलन था हमनें (ईश्वर वैदिक) यह सारी बातें बचपन में स्वयं अपनी आंखों से देख हुई हैं जीवों के प्रति यह गहरी संवेदना उन महान पुरखों में जन्मजात होती थी जिन्हें आजकल हम अशिक्षित कहते हैं यह सब अभी 30-40 वर्ष पूर्व तक होता रहा उस जमाने का देसी घी यदि आजकल के हिसाब से मूल्य लगाएं तो इतना शुद्ध होता था कि 2 हजार रुपये किलो तक बिक सकता है । उस देसी घी को किसान विशेष कार्य के दिनों में हर दो दिन बाद आधा-आधा किलो घी अपने बैलों को पिलाता था । टटीरी नामक पक्षी अपने अंडे खुले खेत की मिट्टी पर देती है और उनको सेती है। हल चलाते समय यदि सामने कहीं कोई टटीरी चिल्लाती मिलती थी तो किसान इशारा समझ जाता था और उस अंडे वाली जगह को बिना हल जोते खाली छोड़ देता था । उस जमाने में आधुनिक शिक्षा नहीं थी । सब आस्तिक थे । दोपहर को किसान जब आराम करने का समय होता तो सबसे पहले बैलों को पानी पिलाकर चारा डालता और फिर खुद भोजन करता था । यह एक सामान्य नियम था । बैल जब बूढ़ा हो जाता था तो उसे कसाइयों को बेचना शर्मनाक सामाजिक अपराध की श्रेणी में आता था । बूढा बैल कई सालों तक खाली बैठा चारा खाता रहता था, मरने तक उसकी सेवा होती थी । उस जमाने के तथाकथित अशिक्षित किसान का मानवीय तर्क था कि इतने सालों तक इसकी माँ का दूध पिया और इसकी कमाई खाई है , अब बुढापे में इसे कैसे छोड़ दें , कैसे कसाइयों को दे दें काट खाने के लिए ? जब बैल मर जाता तो किसान फफक-फफक कर रोता था और उन भरी दुपहरियों को याद करता था जब उसका यह वफादार मित्र हर कष्ट में उसके साथ होता था । माता-पिता को रोता देख किसान के बच्चे भी अपने बुड्ढे बैल की मौत पर रोने लगते थे । पूरा जीवन काल तक बैल अपने स्वामी किसान की मूक भाषा को समझता था कि वह क्या कहना चाह रहा है । वह पुराना भारत इतना शिक्षित और धनाढ्य था कि अपने जीवन व्यवहार में ही जीवन रस खोज लेता था । वह करोड़ों वर्ष पुरानी संस्कृति वाला वैभवशाली भारत था वह अतुल्य भारत था ! आजकल हर इंसान दुःखी और तनाव ग्रस्त है क्योंकि वो अपनी संस्कृति और संस्कारों को भूल कर स्वार्थ में लिप्त हो चुका है।

गुरुवार, 8 दिसंबर 2022

अकेली नारी कैसे बचें?

1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ? Police का कहना है: जब आप लिफ़्ट में प्रवेश करें और आपको 13 वीं मंज़िल पर जाना हो, तो अपनी मंज़िल तक के सभी बटनों को दबा दें ! कोई भी व्यक्ति उस परिस्थिति में हमला नहीं कर सकता जब लिफ़्ट प्रत्येक मंजिल पर रुकती हो ! 2. जब आप घर में अकेली हों और कोई अजनबी आप पर हमला करे तो क्या करें ? तुरन्त रसोईघर की ओर दौड़ जायें Police का कहना है: आप स्वयं ही जानती हैं कि रसोई में पिसी मिर्च या हल्दी कहाँ पर उपलब्ध है ! और कहाँ पर चक्की व प्लेट रखे हैं !यह सभी आपकी सुरक्षा के औज़ार का कार्य कर सकते हैं ! और भी नहीं तो प्लेट व बर्तनों को ज़ोर- जोर से फैंके भले ही टूटे !और चिल्लाना शुरु कर दो !स्मरण रखें कि शोरगुल ऐसे व्यक्तियों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है ! वह अपने आप को पकड़ा जाना कभी भी पसंद नहीं करेगा ! 3. रात में ऑटो या टैक्सी से सफ़र करते समय ! Police का कहना है: ऑटो या टैक्सी में बैठते समय उसका नं० नोट करके अपने पारिवारिक सदस्यों या मित्र को मोबाईल पर उस भाषा में विवरण से तुरन्त सूचित करें जिसको कि ड्राइवर जानता हो ! मोबाइल पर यदि कोई बात नहीं हो पा रही हो या उत्तर न भी मिल रहा हो तो भी ऐसा ही प्रदर्शित करें कि आपकी बात हो रही है व गाड़ी का विवरण आपके परिवार/ मित्र को मिल चुका है ! . इससे ड्राईवर को आभास होगा कि उसकी गाड़ी का विवरण कोई व्यक्ति जानता है और यदि कोई दुस्साहस किया गया तो वह अविलम्ब पकड़ में आ जायेगा ! इस परिस्थिति में वह आपको सुरक्षित स्थिति में आपके घर पहुँचायेगा ! जिस व्यक्ति से ख़तरा होने की आशंका थी अब वह आपकी सुरक्षा का ध्यान रखेगा ! 4. यदि ड्राईवर गाड़ी को उस गली/रास्ते पर मोड़ दे जहाँ जाना न हो और आपको महसूस हो कि आगे ख़तरा हो सकता है - तो क्या करें ? Police का कहना है कि आप अपने पर्स के हैंडल या अपने दुपट्टा/ चुनरी का प्रयोग उसकी गर्दन पर लपेट कर अपनी तरफ़ पीछे खींचती हैं तो सैकिण्डो में वह व्यक्ति असहाय व निर्बल हो जायेगा ! यदि आपके पास पर्स या दुपट्टा न भी हो तो भी आप न घबरायें ! आप उसकी क़मीज़ के काल़र को पीछे से पकड़ कर खींचेंगी तो शर्ट का जो बटन लगाया हुआ है वह भी वही काम करेगा और आपको अपने बचाव का मौक़ा मिल जायेगा ! 5. यदि रात में कोई आपका पीछा करता है ! Police का कहना है: किसी भी नज़दीकी खुली दुकान या घर में घुस कर उन्हें अपनी परेशानी बतायें ! यदि रात होने के कारण बन्द हों तो नज़दीक में एटीएम हो तो एटीएम बाक्स में घुस जायें क्योंकि वहाँ पर सीसीटीवी कैमरा लगे होते हैं ! पहचान उजागर होने के भय से किसी की भी आप पर वार करने की हिम्मत नहीं होगी ! आख़िरकार मानसिक रुप से जागरुक होना ही आपका आपके पास रहने वाला सबसे बड़ा हथियार सिद्ध होगा ! कृपया समस्त नारी शक्ति जिसका आपको ख़्याल है उन्हें न केवल बतायें बल्कि उन्हें जागरुक भी कीजिए ! अपनी नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये ऐसा करना ! न केवल हम सभी का नैतिक उत्तरदायित्व है बल्कि कर्त्तव्य भी है ! प्रिय मित्रों इससे समस्त नारी शक्ति -अपनी माताश्री,बहन, पत्नी व महिला मित्रों को अवगत करावें !

रविवार, 4 दिसंबर 2022

मलेरिया का उपचार

✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ घरेलू उपचार मलेरिया :-------- * बुखार में सेब का सेवन करने से, बुखार जल्दी सही हो जाता है । मलेरिया आने के समय से पहले , सेब का सेवन करने से , बुखार नही आता है । * मलेरिया में , नमक व कालीमिर्च को , नींबू में भरकर चूसने से, बुखार की गर्मी दूर हो जाती है । * दो नींबू का रस, नींबू के छिलकों सहित, 500 ग्राम पानी में मिलाकर, मिट्टी की हांडी में , रात में उबालकर, आधा रहने पर रख दें। सुबह उसका सेवन करने से, मलेरिया बुखार आना बंद हो जाता है । * पानी में नींबू निचोड़कर, स्वाद के अनुसार, चीनी मिलाकर सेवन करने से, चार दिन में , मलेरिया आना बंद हो जाता है । * मलेरिया में , उल्टी होने पर, नींबू में नमक भरकर चूसे। * नींबू व गन्ने का रस का सेवन करना भी , लाभ देता है । उल्टी आना बंद हो जाता है । * नींबू मलेरिया की प्राकृतिक औषध है । * चाय में , दूध के स्थान पर, नींबू डालकर सेवन करें । मलेरिया में लाभ देता है । * भोजन करते समय, हरिमिर्च पर नींबू निचोड़ कर सेवन करें । * फिटकरी भून कर, कालीमिर्च व सेंधा नमक को समान मात्रा में मिलाकर, पीस लें। नींबू की एक फांक पर, यह चौथाई चम्मच भरकर, गर्म करके, बुखार आने के , एक घंटे पहले, यह चूर्ण चौथाई चम्मच भरकर, गर्म करके, आधे -आधे घंटे के अंतर से चूसे। मलेरिया बुखार नही आएगा। दो-तीन दिन, इस प्रयोग करें । * दो संतरे के छिलके, दो कप पानी में उबाले। जब आधा पानी रह जाएं तो, उतार कर व छानकर, गर्म - गर्म सेवन करें । संतरे का सेवन करें या रस का सेवन करें । * मलेरिया में , अमरूद का सेवन करें । 3 - 4 दिन के अंतराल से , आने वाले मलेरिया बुखार में नित्य सेवन करना लाभदायक है । * मूंग या मोंठ की दाल के पानी का सेवन करें । * एक गिलास दूध में , 8 मुनक्का, आधा चम्मच सौंठ डालकर व उबालकर, नित्य सुबह - शाम सेवन करें । मलेरिया ठीक हो जाता है । * छाछ का सेवन करें , मलेरिया में लाभदायक है । * एक चम्मच, जीरा का चूर्ण बनाकर, उसमें तीन गुना गुड़ मिलाकर, इसकी तीन गोलियां बना लें। समय के अंतराल से सर्दी देकर आने वाले, मलेरिया बुखार में , एक - एक घंटे के अंतर से, एक -एक गोली का सेवन करें । कुछ दिन नित्य सेवन करें । मलेरिया ठीक हो जाएगा। * मलेरिया आने पर, 1 चम्मच करेले के रस में , 1-1चम्मच जीरा व गुड़ मिलाकर, 3 बारसेवन करने से भी लाभ होता है । * एक हरीमिर्च के बीज निकालकर, मलेरिया आने के दो घंटे पहले , अँगूठे में पहनाकर बांध दें। इसप्रकार तीन बार बांधनें से, मलेरिया बुखार आना बंद हो जाता है । * पिसी हुई कलौंजी 1 चम्मच, 1 चम्मच शहद में मिलाकर, नित्य एकबार सेवन करें । चौथें दिन आने वाला मलेरिया बुखार सही हो जाता है । ऐसा आयुर्वेद में बताया गया है।

हैलमेट चैकिंग

हैलमेट चैकिंग नगर सीमा से बाहर हो प्रदेश के अधिकांश शहरों में सड़कों पर अतिक्रमण, अवैध पार्किंग, असंवैधानिक वाहनों की समस्या बहुतायत में है। सभी शहरों- नगरों में समय-समय पर स्थानीय प्रशाशन द्वारा इनके निदान का उपाय भी किया जाता है लेकिन समस्या का स्थायी निदान नहीं हो पाता है। सहारनपुर की बात करें तो यहां भी इसी प्रकार की समस्या सभी सड़कों पर देखने मे आ रही है। इन समस्या का निदान तो हो नहीं रहा जनता के लिये एक नई समस्या उभर कर आ रही है जिससे नगर की जनता में आक्रोश भी है।जिसे समस्या बताया जा रहा है दरअसल प्रशासन द्वारा की भलाई के लिये ही नियम बनाया गया है लेकिन जनता का कहना है की वाहन चलाते समय हैलमेट पहनने की अनिवार्यता नगर की सीमाओं से बाहर होनी चाहिये। नगर की भीड़भाड़ वाली सड़को पर जहां वाहन 20 की स्पीड से भी नहीं चल पाता वहां वाहन चलाते समय हैलमेट से छूट दी जानी चाहिये। कई शहरों - नगरों में इस प्रकार की छूट दी जा रही है। नगर की सीमाओं के बाहर हैलमेट वास्तव में अत्यंत जरूरी है यह बात अब जनता भी समझ चुकी है। लेकिन अत्यंत भीड़भाड़ वाले इलाके जैसे खुम रान पुल, नबबाबगंज चौक, चिलकाना चुंगी, देहरादून चौक, अस्पताल चौक, दर्पण सिनेमा, कचहरी आदि अनेको क्षेत्रों में बिना हैलमेट वाहन चालकों के चालान काटे जा रहे हैं इस पर हैलमेट से छूट मिलनी चाहिये। जबकि सड़को पर बिना परमिट डग्गा वाहन, ई वाहन चल रहे हैं, अनेको प्रदूषण युक्त वाहन चल रहे हैं उन पर कार्यवाही नहीं हो रही। जनहित में प्रशासन को आर टी ओ विभाग से बातचीत कर समस्या का समाधान करना चाहिये। सुनील जैन राना

शुक्रवार, 2 दिसंबर 2022

पीएम, कैसे- कैसे

एक धनी प्रधानमंत्री बन सकता है ये *नेहरू* ने साबित किया। एक गरीब प्रधानमंत्री बन सकता है ये *शास्त्री जी* ने साबित किया.। एक बुजुर्ग प्रधानमंत्री बन सकता है ये *मोरारजी* ने साबित किया। एक युवा प्रधानमंत्री बन सकता है ये *राजीव गांधी* ने साबित किया। एक औरत प्रधानमंत्री बन सकती है ये *इंदिरा गांधी* ने साबित किया। एक अनपढ़ प्रधानमंत्री बन सकता है *चौ. चरण सिंह* ने साबित किया। एक राजघराने का व्यक्ति प्रधानमंत्री हो सकता है ये *वी.पी. सिंह* ने साबित किया। एक शिक्षित एवं बहुआयामी व्यक्ति प्रधानमंत्री बन सकता है ये *पी.वी.नरसिंहा राव* ने साबित किया। एक कवि प्रधानमन्त्री बन सकता है ये *अटल बिहारी बाजपेयी* ने साबित किया। कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है ये *एच.डी.देवगौडा* ने साबित किया। एक प्रधानमंत्री की आवश्यकता ही नहीं है ये *डा. मनमोहन सिंह* ने साबित किया। देश पर बिना प्रधान मंत्री बने भी शासन किया जा सकता है ये *सोनिया गांधी* ने साबित किया। *परन्तु एक चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन सकता है* और *इन सबसे बेहतर कार्य कर सकता है* तथा *भारत माता का परचम पूरी दुनिया में लहरा सकता है* ये *नरेन्द्र मोदी जी* ने साबित किया। सारी कायनात लगी है एक शख्स को झुकाने में... खुदा भी सोचता होगा, जाने किस मिटटी का इस्तेमाल किया मैंने "मोदी" को बनाने में!! JARA SOCHO... . जो व्यक्ति PM बनने से पहले यदि अमरीका को झुका सकता है, भूखे नंगे देश पाकिस्तान में हडकंप मचा सकता है, चीन जैसे गद्दार देश के अखबारों की सुर्खियों में आ सकता है तो भाई वह भारत को विश्व गुरु बना सकता है यह बात पक्की है! " देश की जरुरत है मोदी " . "मैं मुफ्त भोजन दूंगा" - राहुल गांधी . "मैं मुफ्त पानी दूंगा" - केजरीवाल . "न तो मैं मुफ्त पानी दूँगा , ना ही मुफ्त भोजन कि बात करूंगा , बल्कि मैं इतने रोजगार पैदा करूँगा, भारत के युवाओं को इतना सक्षम कर दूंगा, की मेरे देश का हरेक व्यक्ति . स्वाभिमान से अपना भी पेट भरेगा और दूसरों की भी प्यास बुझाएगा" - नरेंद्र मोदी . दिक्कत केजरीवाल में नहीं, भारत की जनता में है जो मुफ्त की चीज पाने के लिए लादेन को भी वोट दे देगी !!! . अगर देश के लिए कुछ करना है तो यह सन्देश 3 लोगो को भेजना है। बस आपको तो एक कड़ी जोड़नी है देखते ही देखते पूरा देश जुड़ जायेगा। जय श्रीराम।

मूंगफली की महत्ता

*भीगी मूंगफली है सेहत का खजाना.....!* अक्सर हम में से कई लोग रोजाना रात को बादाम (Almond) को भिगोकर सुबह खाते हैं, क्‍योंकि बादाम में एक से बढ़कर एक फायदे होते है जो हमें तंदरुस्‍त रखते है।लेकिन क्या आपने कभी बादाम की जगह मूंगफली ट्राई की है? मूंगफली (Peanut) का सेवन अगर रात में भिगोने के बाद सुबह उठकर किया जाए तो उसके कई बेहतरीन स्वास्थ्य फायदे देखने को मिल सकते हैं। पोटेशियम, कॉपर, केल्शियम, आयरन और सेलेनियम जैसे गुणों से भरपूर मूंगफली को भिगोकर खाने से उसकी पौष्टिकता और भी बढ़ जाती है। यहां जानिए आखिर कैसे भीगी हुई मूंगफली ज्यादा फायदेमंद है (Benefits of soaked peanut).... हार्ट के लिए बढि़या.... भीगी मूंगफली ब्लड सर्कुलेशन कंट्रोल करके शरीर को हार्ट अटैक के साथ कई हार्ट प्रॉब्लम से बचाती है ।इसलिए दिल की सेहत को ठीक रखने के लिये भीगी मूंगफली खाना लाभकारी रहता है। .मसल्स करे टोंड..... अगर आप अपने शरीर के आढ़ी-टेढ़ी मसल्स से परेशान हैं या फिर ये आपका लुक खराब कर रहे हैं तो रोजाना भीगी हुई मूंगफली खाएं ।इससे धीरे-धीरे आपकी मसल्स टोंड होंगी। गैस और एसिडिटी होती है दूर..... पोटेशियम,मैग्नीज, कॉपर, केल्सियम,आयरन, सेलेनियम के गुणों से भरपूर मूंगफली को भिगो कर सुबह खाली पेट खाने से गैस और एसिडिटी की परेशानी दूर होती है। गैस और एसिडिटी करे ठीक..... सर्दियों में भारी भरकम खाना पेट को फुला देता है. इस वजह से आप भरपेट नाश्ता और लंच नहीं कर पाते ।इसे ठीक करने के लिए रोज रात एक मुठ्ठी मूंगफली के दाने भिगोएं और सुबह उठकर खा लें। जोड़ो और कमर दर्द में दे आराम.... सर्दियों में कमर और जोड़ों का दर्द बहुत दिक्कत देता है. ऐसे में मूंगफली इस रोग से आपको आराम दिला सकती है. बस भीगी हुई मूंगफली को थोड़े गुड़ के साथ खाएं। याद्दाश्‍त बढ़ाता है..... बच्चों को सुबह भीगी मूंगफली के कुछ दाने खिलाने से इसमें मौजूद विटामिन आंखों की रोशनी और याद्दाश्त तेज करते है। मूंगफली को खाने से शरीर में खून की कमी भी पूरी हो जाती है ।इसके अलावा इससे शारीरिक उर्जा और स्फूर्ती भी बनी रहती है। स्किन के लिए अच्‍छा.... इसमें ओमेगा 6 फैटी एसिड्स होते हैं. ये स्किन सेल्‍स के लिए काफी फायदेमंद होता है. इससे रंग गोरा होता है ।

गुरुवार, 1 दिसंबर 2022

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तीर्थ यात्रा का महत्व

तीर्थ यात्राओं से शरीर की बहुत सी नाड़ियां खुल जाती है ! तीर्थ यात्रा का महत्व उस समय अधिक बढ़ जाता है,जब आप तीर्थ यात्रा पैदल करें, इसलिए अधिकांश मंदिर नगर से अलग या तो निर्जन स्थान अथवा किसी पहाड़ी पर मिलेंगे। नंगे पैर तीर्थ यात्रा करने से पैरों के तलवों के एक्यूप्रेशर बिंदुओं में दाब पड़ता है, और शरीर तथा मस्तिष्क की अवरुद्ध नाड़ियां खुलती हैं। तीर्थ यात्राओं का १००% लाभ लेने के लिए तीर्थ यात्राओं के मध्य भोजन के रूप में फल या सलाद का अधिक प्रयोग करें और होटलों में फास्ट फूड ना खाएं या फिर पहाड़ी क्षेत्रों में होम स्टे करें वहां पर साधारण घर का भोजन उपलब्ध हो जाता है। वर्तमान समय में मनुष्य मंदिरों तक अपने वाहन ले जा रहे हैं जो कि तीर्थ यात्रा के शारीरिक और आध्यात्मिक महत्व को कम कर देता है। केवल उन्हीं मंदिरों मे तीर्थ यात्रा को करें जहां आपको कम से कम ५ किमी से अधिक पैदल चलना पड़े। पैदल चलने से शरीर के बहुत से रोग दूर होते हैं। ईश्वर भक्ति से मानसिक शांति मिलती है। मानसिक और शारीरिक कष्टों को अध्यात्म से जोड़ देने पर तीर्थ योग बन जाते हैं और शरीर को शुद्ध और निर्मल करते हैं। पर्वतों पर बने तीर्थों पर मनुष्य उपर नीचे चलते है, जिससे शरीर और फेफड़ों के सभी व्यायाम होते है, इसलिए अधिकांश मंदिर दूर पर्वतों के उपर मिलते हैं। पहाड़ी मंदिरों में जंगल होने के कारण वहां आक्सीजन की मात्रा भी अधिक होती है, और प्राण वायु भी शुद्ध होती है। बिना पैदल चलें तीर्थ का महत्व कम हो जाता है अतः पैदल ही तीर्थ करें घोड़े - पालकी और हवाई जहाज का प्रयोग केवल‌ वे लोग करें जो शारीरिक रूप से वृद्ध और पैदल चलने में असक्षम हैं।

ध्वजारोहण

*UPSC इंटरव्यू में पूछा जाने वाला ऐसा सवाल जिसका उत्तर बहुत कम अभ्यर्थी दे पाते हैं-* स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क...