सोमवार, 19 सितंबर 2022

गहरी बात

गहरी बात लिख दी है किसी ने !👌👌👌😳😳😳😳😇 👉बेज़ुबान पत्थर पे लदे हैं करोड़ों के गहने मंदिरों में। उसी दहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हे हाथों को देखा है।। 😘😘😘 👉सजे थे छप्पन भोग और मेवे मूरत के आगे। बाहर एक फ़कीर को भूख से तड़प के मरते देखा है।।😘😘😘 👉लदी हुई है रेशमी चादरों से वो हरी मज़ार। बाहर एक बूढ़ी अम्मा को ठंड से ठिठुरते देखा है।।😘😘😘 👉वो दे आया एक लाख़ गुरद्वारे में हॉल के लिए। घर में उसको 200 रूपये के लिए काम वाली बाई को बदलते देखा है।।😘😘😘 👉सुना है चढ़ा था कोई सलीब पे दुनिया का दर्द मिटाने को। आज चर्च में बेटे की मार से बिलखते माँ बाप को देखा है।।😩😩😩😩 👉जलाती रही जो अखन्ड ज्योति देसी घी की दिन रात पुजारिन। आज उसे प्रसव में कुपोषण के कारण मौत से लड़ते देखा है।।😘😘😩 👉जिसने न दी माँ बाप को भर पेट रोटी कभी जीते जी। उनके मरने के बाद आज उसको भंडारे लगाते देखा है।।😳😳😳 👉दे के समाज की दुहाई ब्याह दिया था जिस बेटी को जबरन बाप ने। आज उसी शौहर के हाथों अपने जिगर के टुकड़े को सरे राह पिटते देखा है।। 👉मारा गया वो पंडित बे मौत सड़क दुर्घटना में यारों। जिसे ख़ुद को काल- सर्प, तारे और हाथ की लकीरों का माहिर लिखते देखा है।। 👉जिसे घर की एकता की देता था ज़माना कभी मिसाल दोस्तों। आज उसी आँगन में खिंचती दीवार को देखा है।। 👉बन्द कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर। अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।। 👉आत्म हत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोड़कर। अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता।। 👉गिद्ध भी कहीं चले गए , लगता है उन्होंने देख लिया कि। इंसान हमसे अच्छा नोंचता है।। 👉कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर। क्या मस्त तलवे चाटते हुए इंसान देखा है। 🌹वास्तविकता को उजागर करती उपरोक्त पंक्तियाँ .....

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