सोमवार, 12 सितंबर 2022
पैसा रे पैसा
*वाह रे पैसा!*
*तेरे कितने नाम?*
मंदिर मे दिया जाये तो
*( चढ़ावा )*
स्कुल में
*( फ़ीस )*
शादी में दो तो
*( दहेज )*
तलाक देने पर
*( गुजारा भत्ता )*
आप किसी को देते
हो तो *( कर्ज )*
अदालत में
*( जुर्माना )*
सरकार लेती है तो
*( कर )*
सेवानिवृत्त होने पे
*( पेंशन )*
अपहर्ताओ के लिए
*( फिरौती )*
होटल में सेवा के लिए
*( टिप )*
बैंक से उधार लो तो
*( ऋण )*
श्रमिकों के लिए
*( वेतन )*
मातहत कर्मियों के लिए
*( मजदूरी )*
अवैध रूप से प्राप्त सेवा
*( रिश्वत )*
और मुझे दोगे तो
*(गिफ्ट)*
*मैं पैसा हूँ:!*
मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते;
मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ।
*मैं पैसा हूँ:!*
मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें।
*मैं पैसा हूँ:!*
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।
*मैं पैसा हूँ:!*
मैं नमक की तरह हूँ। जो जरुरी तो है, मगर जरुरत से ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है।
*मैं पैसा हूँ:!*
इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था;
मगर फिर भी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था।
*मैं पैसा हूँ:!*
मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ कि लोग
आपको कितनी इज्जत देते है।
*मैं पैसा हूँ:!*
मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ!
आपके पास नहीं हूँ तो,
आपका नहीं हूँ! मगर मैं
आपके पास हूँ तो
सब आपके हैं।
*मैं पैसा हूँ:!*
मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ;
मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ।
*मैं पैसा हूँ:!*
मैं सारे फसाद की जड़ हूँ;
मगर फिर भी न जाने क्यों
सब मेरे पीछे इतना पागल हैं?
🔴
एक सच्चाई ये भी है कि.........
*बदलता हुआ दौर है साहब ...*
*पहले "आयु" में बड़े का*
*सम्मान होता था...!*
*अब "आय" में बड़े का*
*सम्मान होता है*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय जिनेंद्र
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