शुक्रवार, 6 सितंबर 2019



 दसलक्षण धर्म में आज उत्तम शौच का दिन है 

कुछ पुस्तकों में आज उत्तम सत्य भी बताया गया है 

इस पर एक सुंदर हाइकु 

उत्तम शौच 
मन में पवित्रता 
सुचिता लाऊँ 

उत्तम शौच से तातपर्य मन की पवित्रता से है। जब तक हमारा मन निर्मल नहीं होगा तब तक धर्म की सार्थकता नहीं है। दसलक्षण के प्रथम चार दिन चार कषायो का अभाव करना चाहिए।  क्रोध, मान ,माया , लोभ ये चारो कषाय के अभाव स्वरूप ही मन में पवित्रता आती है। इन चारो कषायो के वशीभूत होकर ही मानव पाप करता है। इन चारों कषायो का त्याग कर हम अपनी आत्मा की आराधना करें ,अपनी आत्मा को पवित्र करें। यही उत्तम शौच धर्म कहलाता है। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

ध्वजारोहण

*UPSC इंटरव्यू में पूछा जाने वाला ऐसा सवाल जिसका उत्तर बहुत कम अभ्यर्थी दे पाते हैं-* स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क...