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September 24, 2019 • सुनील जैन राना
श्री दया सिंधु जीव रक्षा केंद्र - सहारनपुर
देश में इंसानो के लिए तो बहुत से मानवीय कार्य होते हैं लेकिन असहाय पशु -पक्षियों के लिए देश बहुत कम चैरिटेबल संस्थाएं हैं। पशु -पक्षियों में भी पक्षियों के उपचार को निशुल्क अस्पताल हैं असहाय पशु में गोधन के लिए भी हिन्दू समाज दिखावे के लिए जाग्रत है लेकिन सड़क पर असहाय कुत्ते आदि के उपचार के लिए बहुत कम संस्थाएं हैं देश में।
सहारनपुर में लगभग १९६४ से श्री दया सिंधु जीव रक्षा केंद असहाय -आवारा घायल ,बीमार पशु -पक्षियों के निशुल्क उपचार और देखभाल में कार्यरत है। श्री दिगंबर जैन बालबोधनी सभा द्वारा संचालित श्री दया सिंधु जीव रक्षा केंद्र द्वारा हज़ारो पशु -पक्षियों की जान बचाई जा चुकी है। आवारा -असहाय घायल ,बीमार कोई भी पक्षी या पशु को बस संस्था में पहुंचा दो ,बाकी कार्य यानि उपचार ,देखभाल ,आवास ,भोजन ,पानी ,दवाई आदि सभी कुछ संस्था के कर्मचारी करते हैं। इसके अतिरिक्त मात्र दस रूपये की सहयोग राशि में पालतू पशु का उपचार भी कर दिया जाता है। जिसमें यथासम्भव दवाई आदि भी दे दी जाती है।
इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा नगर के मुख्य मार्गो पर बीझा ढोने वाले पशुओं के लिए पशु प्याऊ भी बनवाये गए हैं। पशु पक्षी कल्याण पखवाड़े लगाकर सड़क के किनारे निशुल्क शिविर भी लगाए जाते हैं जिसमे घायल -बीमार बोझा ढोने वाले पशुओ को रोक कर उनका निरीक्षण कर उपचार किया जाता है। निशुल्क दवाई -मलहम आदि देकर पशु पालको को अपने प्यारे कमाऊ पशु की देखभाल को जागरूक किया जाता है। उन्हें समय पर भोजन पानी आदि देने और बीमार होने पर उपचार कराने को भी जागरूक किया जाता है।
संस्था बिना किसी सरकारी सहयोग के कार्य कर के कार्य कर रही है। कुछ रचनात्मक सहयोग मिले तो और भी अधिक कार्य किये जा सकते हैं। हमे आम जनता का सहयोग भी अपेक्षित रहता है जो कम ही मिलता है। फिर भी हम जिव दया के कार्यो में जी जान से लगे रहते हैं। मैं सुनील जैन राना ,संयोजक - श्री दया सिंधु जिव रक्षा केंद्र , मुझे जीव दया के कार्यो की सराहना पर मुझे दो बार दैनिक जागरण समाचार पत्र द्वारा विशिष्ट अवसरों पर * वह है बीमार -घायल पशुओं का मसीहा * से नवाज़ा। मैं चाहता हूँ इंसानो की भाँति असहाय पशु -पक्षियों के लिए भी अस्पताल खुलें। इंसानों के लिए तो बहुत प्याऊ बनते हैं ,बोझा ढोने वाले पशुओ के लिए भी मुख्य मार्गो पर पशु प्याऊ बनवाये जायें। धन्यवाद। सुनील जैन राना (संयोजक )
देश में इंसानो के लिए तो बहुत से मानवीय कार्य होते हैं लेकिन असहाय पशु -पक्षियों के लिए देश बहुत कम चैरिटेबल संस्थाएं हैं। पशु -पक्षियों में भी पक्षियों के उपचार को निशुल्क अस्पताल हैं असहाय पशु में गोधन के लिए भी हिन्दू समाज दिखावे के लिए जाग्रत है लेकिन सड़क पर असहाय कुत्ते आदि के उपचार के लिए बहुत कम संस्थाएं हैं देश में।
सहारनपुर में लगभग १९६४ से श्री दया सिंधु जीव रक्षा केंद असहाय -आवारा घायल ,बीमार पशु -पक्षियों के निशुल्क उपचार और देखभाल में कार्यरत है। श्री दिगंबर जैन बालबोधनी सभा द्वारा संचालित श्री दया सिंधु जीव रक्षा केंद्र द्वारा हज़ारो पशु -पक्षियों की जान बचाई जा चुकी है। आवारा -असहाय घायल ,बीमार कोई भी पक्षी या पशु को बस संस्था में पहुंचा दो ,बाकी कार्य यानि उपचार ,देखभाल ,आवास ,भोजन ,पानी ,दवाई आदि सभी कुछ संस्था के कर्मचारी करते हैं। इसके अतिरिक्त मात्र दस रूपये की सहयोग राशि में पालतू पशु का उपचार भी कर दिया जाता है। जिसमें यथासम्भव दवाई आदि भी दे दी जाती है।
इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा नगर के मुख्य मार्गो पर बीझा ढोने वाले पशुओं के लिए पशु प्याऊ भी बनवाये गए हैं। पशु पक्षी कल्याण पखवाड़े लगाकर सड़क के किनारे निशुल्क शिविर भी लगाए जाते हैं जिसमे घायल -बीमार बोझा ढोने वाले पशुओ को रोक कर उनका निरीक्षण कर उपचार किया जाता है। निशुल्क दवाई -मलहम आदि देकर पशु पालको को अपने प्यारे कमाऊ पशु की देखभाल को जागरूक किया जाता है। उन्हें समय पर भोजन पानी आदि देने और बीमार होने पर उपचार कराने को भी जागरूक किया जाता है।
संस्था बिना किसी सरकारी सहयोग के कार्य कर के कार्य कर रही है। कुछ रचनात्मक सहयोग मिले तो और भी अधिक कार्य किये जा सकते हैं। हमे आम जनता का सहयोग भी अपेक्षित रहता है जो कम ही मिलता है। फिर भी हम जिव दया के कार्यो में जी जान से लगे रहते हैं। मैं सुनील जैन राना ,संयोजक - श्री दया सिंधु जिव रक्षा केंद्र , मुझे जीव दया के कार्यो की सराहना पर मुझे दो बार दैनिक जागरण समाचार पत्र द्वारा विशिष्ट अवसरों पर * वह है बीमार -घायल पशुओं का मसीहा * से नवाज़ा। मैं चाहता हूँ इंसानो की भाँति असहाय पशु -पक्षियों के लिए भी अस्पताल खुलें। इंसानों के लिए तो बहुत प्याऊ बनते हैं ,बोझा ढोने वाले पशुओ के लिए भी मुख्य मार्गो पर पशु प्याऊ बनवाये जायें। धन्यवाद। सुनील जैन राना (संयोजक )
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