वाहन के कागजात पुरे कराने को लग रही भीड़
September 20, 2019 • सुनील जैन राना
जब से यातायात नियमों में सख्ती हुई है तब से प्रत्येक वाहन स्वामी अपने वाहन के सभी कागजात ,अपना ड्राइविंग लाइसेंस और हेलमेट आदि की पूर्ति में लगा है। इन सभी बातों में खामी या लापरवाही वाहन स्वामी को भारी पड़ रही है।
वैसे तो इन नियमों में सख्ती होना सभी के लिए हितकारी ही है लेकिन भारतीय जनता को इतने कठोर अनुसाशन की आदत नहीं है। यह सब नियम सड़को पर हो रही बेहताशा दुर्घटनाओं में कमी तो लाएंगे ही साथ ही चोरी के वाहन ,चोरी के परमिट आदि पर भी अंकुश लगेगा
सरकार जनता के लिए कठोर नियम तो बना देती है लेकिन जनता की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखती। देश में हाईवे तो अच्छे बन रहे हैं लेकिन गाँव -देहात -शहर -नगरों की सड़को का हाल अच्छा नहीं है। जिनके कारण भी बहुत दुर्घटनाएं हो रही हैं। यातायात नियमो की अनदेखी पर भरी भरकम जुर्माना तो लगा दिया गया है लेकिन वाहन विभाग यानि वाहन रजिस्ट्रेशन कार्यालय में व्याप्त भ्र्ष्टाचार पर कोई नियम -कानून कार्य नहीं कर रहा है। दफ्तरों के बाहर दलालों की भीड़ लगी है जो सुविधाशुल्क लेकर तुरंत कार्य करवा देते हैं। आम आदमी सयंम कार्य करवाना चाहे तो धक्के खाकर भी मुश्किल से पूरा नहीं होता। सरकार को इस विभाग को दलालों पर भ्र्ष्टाचारियो से मुक्ति दिलवानी चाहिए।
कुछ कार्य तो जुर्माने की जगह ही किये जा सकते हैं जैसे हेलमेट न होने पर तुरंत हेलमेट दिया जा सकता है। जुर्माने की धनराशि से कुछ खामी पूरी करने की राहत दी जा सकती है। सबसे ज्यादा राहत तो पुलिस कर्मियों के गलत व्यवहार से दी जनि चाहिए। रोज रोज अनेको वीडियो में पुलिस कर्मी वाहन मालिकों से अभद्र व्यवहार करते और मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं। एक आम आदमी पर हाथ उठाना बहुत गलत बात है। वाहन चैक करने वाली पुलिस सिर्फ यातायात पुलिस होनी चाहिए। जहां देखो जब देखो कहीं भी कोई पुलिसकर्मी चैकिंग के नाम पर उत्पीड़न करता नज़र आ जाता है। इस पर पूर्ण रूप से पाबंदी होनी चाहिए। चालान काटे जाने पर तुरंत भुगतान की पाबंदी नहीं होनी चाहिए। चालान भुगतान का समय और जगह बताई जानी चाहिए।
जनता को भी चाहिए की वाहन सड़क पर लाने से पहले सभी नियम पुरे करे। हम विदेशों में जाकर यातायात नियमों को देखकर खुश होते हैं और कहते हैं की ऐसा हमारे देश में क्यों नहीं होता ?अब जब ऐसे नियम बनाये जा रहे हैं तो हम सबको उनका पालन करना ही चाहिये। तभी विदेशो की तर्ज पर भारत में भी सड़को पर चलना आसान हो सकेगा। *सुनील जैन राना *
वैसे तो इन नियमों में सख्ती होना सभी के लिए हितकारी ही है लेकिन भारतीय जनता को इतने कठोर अनुसाशन की आदत नहीं है। यह सब नियम सड़को पर हो रही बेहताशा दुर्घटनाओं में कमी तो लाएंगे ही साथ ही चोरी के वाहन ,चोरी के परमिट आदि पर भी अंकुश लगेगा
सरकार जनता के लिए कठोर नियम तो बना देती है लेकिन जनता की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखती। देश में हाईवे तो अच्छे बन रहे हैं लेकिन गाँव -देहात -शहर -नगरों की सड़को का हाल अच्छा नहीं है। जिनके कारण भी बहुत दुर्घटनाएं हो रही हैं। यातायात नियमो की अनदेखी पर भरी भरकम जुर्माना तो लगा दिया गया है लेकिन वाहन विभाग यानि वाहन रजिस्ट्रेशन कार्यालय में व्याप्त भ्र्ष्टाचार पर कोई नियम -कानून कार्य नहीं कर रहा है। दफ्तरों के बाहर दलालों की भीड़ लगी है जो सुविधाशुल्क लेकर तुरंत कार्य करवा देते हैं। आम आदमी सयंम कार्य करवाना चाहे तो धक्के खाकर भी मुश्किल से पूरा नहीं होता। सरकार को इस विभाग को दलालों पर भ्र्ष्टाचारियो से मुक्ति दिलवानी चाहिए।
कुछ कार्य तो जुर्माने की जगह ही किये जा सकते हैं जैसे हेलमेट न होने पर तुरंत हेलमेट दिया जा सकता है। जुर्माने की धनराशि से कुछ खामी पूरी करने की राहत दी जा सकती है। सबसे ज्यादा राहत तो पुलिस कर्मियों के गलत व्यवहार से दी जनि चाहिए। रोज रोज अनेको वीडियो में पुलिस कर्मी वाहन मालिकों से अभद्र व्यवहार करते और मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं। एक आम आदमी पर हाथ उठाना बहुत गलत बात है। वाहन चैक करने वाली पुलिस सिर्फ यातायात पुलिस होनी चाहिए। जहां देखो जब देखो कहीं भी कोई पुलिसकर्मी चैकिंग के नाम पर उत्पीड़न करता नज़र आ जाता है। इस पर पूर्ण रूप से पाबंदी होनी चाहिए। चालान काटे जाने पर तुरंत भुगतान की पाबंदी नहीं होनी चाहिए। चालान भुगतान का समय और जगह बताई जानी चाहिए।
जनता को भी चाहिए की वाहन सड़क पर लाने से पहले सभी नियम पुरे करे। हम विदेशों में जाकर यातायात नियमों को देखकर खुश होते हैं और कहते हैं की ऐसा हमारे देश में क्यों नहीं होता ?अब जब ऐसे नियम बनाये जा रहे हैं तो हम सबको उनका पालन करना ही चाहिये। तभी विदेशो की तर्ज पर भारत में भी सड़को पर चलना आसान हो सकेगा। *सुनील जैन राना *
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