सोमवार, 28 मार्च 2022
रविवार, 27 मार्च 2022
तेल की बचत यानि
बेहतरीन सड़के, भरपूर बिजली, यानि
मोदी सरकार के सात सालों में देश भर में सड़कों का जाल बिछा दिया गया है। गडकरी जी के नेत्तरव में लाखो करोड़ रुपये से बेहरतीन उन्नत किस्म की सड़कें बनाई जा रही है। अनेक नये रुट बनाये जा रहे है जिससे समय और तेल की बचत हो रही है। गडकरी जी के कार्यो की प्रशंसा पक्ष ही नही विपक्ष भी कर रहा है। हाल ही में गडकरी जी ने एलान किया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर 60 किलोमीटर से पहले टोल नही लिया जाएगा। गडकरी जी के कार्यो के 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड बन चुके हैं।
इसी तरह यूपीए की सरकार में जिस तरह बिजली की किल्लत रहती थी अब मोदी सरकार में सभी को भरपूर बिजली मिल रही है।पहले बिजली कब आएगी इसका इंतजार रहता था।बड़े नगरों में ही विद्युत आपूर्ति ठीक नही हो पाती थी। छोटे शहर, गांव आदि में तो 8-10 घण्टे ही मुश्किल से बिजली आती थी।तब बिजली आते ही लोड पड़ने से फाल्ट ही जाता था जो घण्टो ठीक नही होता था। अब बिजली भी भरपूर है, वोल्टेज भी ठीक हैं एवं जल्दी से कोई फाल्ट भी नही होता। होता भी है तो जल्दी ही ठीक हो जाता है।
अच्छी सड़क और भरपुर बिजली, यानि प्रदूषण कम, तेल की बचत, समय की बचत। बिजली भरपूर है तो जेनरेटर कम चलते है जिससे प्रदूषण में कमी आयी है। सड़क ठीक है तो तेल और समय की बचत हो रही है। दोनों कार्यो में तेल की बचत बहुत अहम है। भारत अपनी जरूरत का 80% तेल आयात करता है जिसमे विदेशी मुद्रा खर्च होती है। तेल की जितनी बचत होगी उतनी ही विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इतना ही नही गडकरी जी तो देश में प्रदूषण रहित इन्धन पर प्रयोग कर रहे हैं। जो देश के लिये एक क्रांति साबित हो सकता है।
सुनील जैन राना
रविवार, 20 मार्च 2022
कश्मीर फाइल्स का विरोध क्यो ?
बढ़िया बात है ना। भाजपा के समर्थन से केंद्र में सरकार थी और कश्मीरी हिन्दुओं का पलायन हो रहा था, नरसंहार हो रहा था। आज वो फाइलें खुल रही हैं। तकलीफ कैसी? खुलने दो ना। भाजपा एक्सपोज होगी। तुम विरोधियों को क्यों डर है? तुम क्यों परेशान हो?
भाजपा के सबसे बड़े नेता ग्लोबल लीडर स्वयं नरेंद्र मोदी कश्मीर की फाइलें खोलने वालों के साथ खड़े हैं। और कितनी इमानदारी चाहिए? जो अपने ही खिलाफ अपनी फाइलें खुलवा रहा। हां, अच्छा होगा तुम भी साथ हो जाओ।
जमके फाइलें खुलेगीं। जितनी भी दबी हुई हैं सब में भाजपा और संघ दोषी है। गोधरा खुलेगा। मोदी, संघ और अमित शाह दोषी है।
कैराना खुलेगा।
चौरासी खुलेगा।
साधुओं का नरसंहार 1966 खुलेगा।
नोआखाली खुलेगा।
लाहौर खुलेगा।
महाराष्ट्र के चितपावन की भी फाइलें खुलेगी।
तब मोपला भी खुलेगा।
सब कुछ खुलेगा। कुछ नहीं बचेगा। अगर हर जगह आरएसएस ने किया है। तो फिर दिक्कत ही क्या है? हो जाने दो एक्सपोज़
राम मंदिर तो बन ही रहा है। मथुरा का पूरातत्व भी खुलेगा।
और योगी जी दुबारा आ गए हैं,
तो अब ताजमहल का ताला भी खुलेगा।
संघियों को भ्रम है कि तेजोमहालय का राज बाहर आएगा। अगर यह संघियों को भ्रम है तो पर्दा फाश हो जाने दो मुँह की खाने दो
झूठे साबित संघी होंगे न
तुम विरोधियों को क्यों पीड़ा है?
तब भी न हुआ तो औरंगजेब, अकबर,
बाबर भी खुलेगा।
तब मोहम्मद गौरी और गजनबी की भी फाइलें खुलेगी।
अगर यह सब संघियों का किया धराया है। एक्सपोज होना चाहिए। दर्द तुम्हे क्यों है?
फिर भी ना हुआ तो एक एक कर हर मुगलियों की डीएनए भी खुलेगी। आखिर चेक किया जाएगा ना,
कि BJP और RSS ने कहाँ कहाँ गलत किया है
फाइल खोलने में जब BJP RSS साथ है तो गलती होंगी उनकी तो वो स्वयं दफ़न हो जायेंगे
फिर दूसरों को तकलीफ क्यों हो रही है फाइलों के खुलने से
फिर फाइलों के खुलने पर प्रोपोगंडा और नैरेटिवस क्यों गढ़ रहे हैं विपक्षी लोग???
शनिवार, 19 मार्च 2022
हर रोज, नई खोज
जहाँ एक ओर प्रिंट मीडिया का अपना महत्व है वहीँ दूसरी ओर टीवी मीडिया ने भी धूम मचा रखी है। समाचार पत्र का पाठक तो प्रतिदिन प्रातः ही समाचार का अवलोकन कर पत्र को लपेट कर रख देता है लेकिन टीवी के समाचार तो दिन भर चलते ही रहते हैं। कुछ विशेष समाचार हल्ला मचा मचाकर, आकर्षक शीर्षक बनाकर गाये सुनाये जाते हैं।
मीडिया - आगे दौड़,पीछे छोड़ से तातपर्य यह है की किसी घटना या दुर्घटना को एक - दो दिन बहुत तल्ख तरीके से समाचार पत्रों एवम टीवी चैनलों पर दिखाया बताया जाता है। फिर अचानक उसी घटना- दुर्घटना का समाचार ऐसे गायब हो जाता है जैसे अब उसकी कोई महत्ता न रह गई हो। जबकि उस घटना- दुर्घटना के बाद की अतिमहत्वपूर्ण जानकारी देनी चाहिये, उससे जनता महरूम रह जाती है।
अभी पिछले दिनों एक इत्र व्यापारी के यहां छापा पड़ा तो लगभग दो सौ करोड़ की नगदी के अतिरिक्त कई किलो सोना एवं कई प्रोपर्टी के कागजात मिले। दो तीन दिन तक मीडिया ने खूब हल्ला मचाया फिर अचानक सब शांत हो गया। अब जनता को यह नही पता की बाद में उस व्यापारी से पकड़ी नगदी,सोना आदि का क्या हुआ? ऐसे ही ड्रग आदि पकड़ी जाती है। दोषियों को जेल हो जाती है लेकिन ड्रग का क्या हुआ कोई पता नही करता। अवैध शराब की गाड़ियां पकड़ी जाती है। दोषी जेल में , शराब रेल में यानी उस सैंकड़ो बोतल शराब का क्या हुआ कुछ पता नहीं चलता। कुछ वर्ष पहले बिहार में ऐसे ही सैकड़ो बोतल शराब पुलिस कस्टडी में रखी थी। लेकिन बाद में पता चला की बोतलें खाली हैं तो बताया गया की शायद शराब को चूहें पी गए होंगे।
कहने का तातपर्य यह है की जब मीडिया प्रत्येक बात को जानने में सक्षम है तो मीडिया यदि किसी भ्र्ष्टाचार को उजागर करता है तो उसके बाद की खबर को भी जनता के संज्ञान में लाना चाहिए। यदि पुलिस,प्रशासन की कस्टडी में कुछ जब्त किया गया है तो बाद में उसका क्या हुआ इस बात को भी समाचार के माध्यम से बताना चाहिये। वरना हर रोज नई खोज। आगे दौड़, पीछे छोड़।
सुनील जैन राना
रविवार, 13 मार्च 2022
शनिवार, 12 मार्च 2022
शुक्रवार, 11 मार्च 2022
योगी ही उपयोगी
प्रचंड जीत-दो तिहाई-बीजेपी आई
देश मे पांच राज्यो के चुनावों के नतीजे आ गए हैं। चार राज्यो उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा में बीजेपी की सरकार और पंजाब में आप की सरकार बनने जा रही है।
इस बार चुनावों में वोटरों ने समझा दिया है की दलबदलु और परिवारवाद अब नहीं चलेगा। उत्तरप्रदेश जहां से प्रधानमंत्री पद का रास्ता जाता है उसमें प्रधानमंत्री मोदी जी ने पहले ही बता दिया था की उत्तरप्रदेश के लिये योगी ही उपयोगी है।उत्तरप्रदेश में योगीजी का बुलडोजर जिस तरह माफिया,अपराधियों और बाहुबलियों पर चला उससे जनता बहुत खुश है। सुरक्षा का मुद्दा जनता में बहुत भाया। परिवारवाद को जनता ने नकारा। कुछ मायनों में उत्तरप्रदेश के चुनाव हिन्दू बनाम मुस्लिम भी नज़र आया। फिर भी शातिपूर्वक ढंग से चुनाव प्रकिर्या सम्पन्न हुई।
उत्तरप्रदेश के इन चुनावों में जहां एक ओर सपा ने अच्छा प्रदर्शन किया वहीं दूसरी ओर बसपा और कांग्रेस ने अपना जनाधार खो दिया। कांग्रेस के भाई बहन से जनता खुश नही है। लगता है अब कांग्रेस और ज्यादा टूटेगी। कांग्रेस के गांधी परिवार से जनता एवं पदाधिकारीगण खुश नही हैं।
सहारनपुर में राजीव गुम्बर जीते
सहारनपुर की सात सीटों में बीजेपी ने नगर की सीट पर संजय गर्ग को हराकर राजीव गुम्बर ने विजय पाई। नकुड़ की सीट पर धर्मसिंह सैनी को हराकर मुकेश चौधरी ने विजय पाई। गंगोह में विक्रम सिंह, देवबंद में ब्रजेश सिंह, रामपुर मनिहारन में देवेंद्र निम ने विजय पाई। सहारनपुर देहात सीट पर सपा के आशु मलिक जीते , बेहट सीट पर स
सपा के उमर अली ने जीत दर्ज की।
पंजाब में चन्नी - सिद्दू की लड़ाई कांग्रेस को ले डूबी। पंजाब में एक बात और साफ की की शराब पीने में कोई बुराई नही है। अब भगवंतमान के। नेत्तरव में शायद और ज्यादा दारू का बोलबाला रहेगा।
सुनील जैन राना
सोमवार, 7 मार्च 2022
शनिवार, 5 मार्च 2022
मेक इन इंडिया
आयात कम- निर्यात ज्यादा, यानि ***
आज़ादी के बाद से यदि देश आयात कम,निर्यात ज्यादा के फार्मूले पर चला होता तो आज भारत देश की गिनती विकसित देश के रूप में होती। मोदीजी के द्वारा दिया गया मन्त्र मेक इन इंडिया वास्तव में देश को आगे ले जाने वाला मन्त्र है। कांग्रेस के युवराज भले ही इस मंत्र की मज़ाक उड़ाते हो लेकिन यह सत्य है की यदि आज़ादी के बाद से इस मंत्र का उपयोग किया जाता तो आज देश मे बेरोजगारी, गरीबी न रहती और देश आगे बढ़ गया होता।
आज़ादी के बाद से ही कांग्रेस की घटिया सोच ने देश को पीछे धकेल दिया एवम भारत को एक बाजार बनाकर रख दिया जिसमें देश की जरूरतों को पूरा करने के लिये विदेशों पर निर्भरता बढ़ गई। जिसके कारण देश से निर्यात बहुत कम और आयात बहुत ज्यादा होने से विदेशी मुद्रा व्यय होने लगी। जब तक भारत की निर्भरता विदेशो पर रहेगी तब तक भारत विकसित देशों की श्रेणी में नही आ सकता है।
मोदीजी के सात वर्षों के कार्यकाल में ही आज देश मे अनेक ऐसी वस्तुएं बनने लगी है जिनका पहले आयात करना पड़ता था। भारत का डिफेंस सिस्टम बहुत कमजोर था। सेना की जरूरत का सामान विदेशो से खरीदना पड़ता था। आज स्तिथी बदल रही है। अब सेना की जरूरतें देश मे ही पूरी हो रही हैं। हथियार अब निर्यात भी होने लगे हैं।
जिस भी देश से कच्चा माल निर्यात होकर तैयार माल आयात होता होगा वह देश कभी भी आगे नही बढ़ सकता। मेक इन इंडिया के तहत देश को रोजगार मिल रहा है एवं विदेशो पर से निर्भरता कम हो रही है। यह मंत्र ही देश को सुपर पावर बना सकता है।
सुनील जैन राना
शुक्रवार, 4 मार्च 2022
रूस- यूक्रेन युध्द क्यो?
रूस- यूक्रेन युद्ध क्यों?
रूस - यूक्रेन युद्ध चल रहा है। समझ मे नही आ रहा कि इस युद्ध का नतीजा क्या निकलेगा? यदि रूस इस युद्ध को जीत जाता है तो ही क्या होगा? फिलहाल दोनों तरफ से बमबारी जोर शोर से चल रही है।
रूस परमाणु हमले करने की फिराक में है। जिसके विरोध स्वरूप 36 देशों में रूस के लिये हवाई मार्ग बंद कर दिए हैं। इसके साथ ही यूरोपियन देशों ने रूस पर अनेको पाबंदियां लगा दी हैं। मोदीजी के नेत्तरव में भारत दोनों देशों के बीच तठस्थ बना हुआ है। यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को वापस भारत लाने में भारतीय जहाज लगे हुए हैं।
लगता है यह युद्ध लम्बा खीचेगा क्योकि दोनों देश पीछे हटने को तैयार नही हैं। युद्ध मे इन दोनों देशों को क्या हासिल होगा यह तो पता नही है लेकिन इसका असर पूरे विश्व पर बहुत बुरा पड़ने वाला है। भारत मे तेल गैस के दाम बहुत बढ़ जाएंगे। इनके बढ़ते ही सभी वस्तुओं के दामो में भी बहुत तेजी आ जायेगी। सम्पूर्ण विश्व मे इसके दूरगामी परिणाम बहुत भयानक हो सकते हैं।
सुनील जैन राना
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