कहाँ मर गए असहिष्णुता वाले ?
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देश में जरा -जरा सी बात पर हल्ला मचाने वाले ,
देश विरोधी सोच वालो का साथ देने वाले ,जाति
विशेष पर हल्ला मचाने वाले पता नहीं कहाँ मर
गए अब जबकि कश्मीर में सेना पर पत्थरबाज़ी
हो रही है ,पाकिस्तान फिर से भारतीय जवानों के
साथ बर्बरता वाला सलूक कर रहा है।
सुकमा और कश्मीर में भारतीय जवान मारे जा
रहे हैं। सरकार सिर्फ नीति बनाने और निन्दा करने
में व्यस्त है। लेकिन जिन्हे देश में डर लगता था,जिन्हे
सरकार के विरुद्ध जरा सी आहत मिलते ही मुद्दा
मिल जाता था। आज उनमे से एक भी सेना के जवानों
के प्रति जबाबदेह नहीं हुआ।
इससे लगता है की अब सरकार को -सेना को बाहरी
दुश्मन से पहले इन देश के दुश्मनों से निपटना चाहिये ?
इन्ही जैसे जयचंदो के कारण बार -बार भारत कमजोर
हुआ है। अब देश विरोधी बोलने वालों -साथ देने वालो -
सोच वालो पर सख्त कानून देशद्रोह की श्रेणी वाला
बने और पहले इनका ही इलाज होना चाहिए ?
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