टवीटर पर ट्रोल
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टीवी चैनलों पर समाचार चल रहा है की टवीटर पर किसी बात को
भड़काने -धमकाने -रीट्वीट कराने के लिए बाकायदा माफ़िया नियुक्त
हैं। कई बार राजनितिक दल अपने विरोधी को पस्त करने के लिए
इनका सहारा लेते हैं। जिसके लिए ये दल भारी भरकम रकम भी देते हैं ?
मेरी समझ में यह कोई नई बात नही है। फेसबुक पर भी अक्सर ऐसे
विज्ञापन आते हैं की अपनी बात इतने लोगो तक पहुँचाने या लाइक
कराने के लिए इतने रूपये दे तो आपको इतने लाइक मिलेंगे ?
दरअसल आम आदमी और नेता में यही फर्क होता है। आम आदमी
कुछ भी कह देता है -लिख देता है ,लेकिन नेता या राजनीतिक दल
इन सबसे घबराता है। विरोधी उनकी किसी भी बात की धज्जियां उड़ाने
को ताक में रहते हैं।
लेकिन बाकायदा किसी की धज्जियां उड़ाने को माफ़िया लोग धनराशि
लेकर गाली गलौज -धमकी देते हैं तो यह अपराध की श्रेणी में आना ही
चाहिये। सरकार अब ऐसे माफियाओं पर नज़र भी रख रही है।
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