शुक्रवार, 31 मार्च 2017
शनिवार, 25 मार्च 2017
बुधवार, 22 मार्च 2017
रविवार, 19 मार्च 2017
शनिवार, 18 मार्च 2017
यूपी की कमान योगी को
----------------------------
प्रचण्ड बहुमत से जीतने के बाद यूपी की कमान गोरखपुर
के सांसद योगी आदित्यनाथ को दे दी गई है।
अब योगीजी प्रदेश को कैसे चलाते हैं यह जनता देखेगी।
योगीजी अपने कड़क हिदुत्ववादी स्वभाव के लिए जाने
जाते हैं। गोरखपुर को अच्छे से चला रहे हैं लेकिन एक
शहर चलाना और एक प्रदेश चलाने में बहुत अन्तर होता
है। योगीजी को मोदीजी की राह पर चलना चाहिए ,यानि
सबका साथ -सबका विकास की नीति पर। मोदीजी ने
हाल ही में कहा था की फलदार पेड़ सदैव झुकता ही है।
अतः योगीजी को बड़ी विनम्रता से प्रदेश का शासन चलाना
चाहिए और प्रदेश को नई उचाईयों पर ले जाना चाहिए।
शुक्रवार, 17 मार्च 2017
गिरावट की इन्तेहाँ
----------------------
भारतीय राजनीति में गिरावट की इन्तेहाँ हो रही है।
राजनीतिक दलों को देश की चिन्ता नही है बल्कि
मोदीजी को कैसे हरायें इस बात की चिन्ता है ?
ये दल यह नही सोच रहे की जनता के हित में जो
कार्य करेगा जनता उसी को वोट देगी। यदि जनता
मोदीजी को वोट दे रही है तो सिर्फ उनके जुमलों
पर वोट नही दे रही बल्कि मोदीजी की कार्य प्रणाली
को देखकर बीजेपी को वोट दे रही है।
सम्पूर्ण विपक्ष जिस तरह एकत्र होकर मोदीजी को
घेरने में लगा है यह उनकी हताशा -निराशा को ही
दर्शाता है। जनता भी इन सबको देख रही है और
सोच रही है की जो पिछले दिनों आपस में एक दूसरे
को फूटी आँख नही सुहाते थे आज कैसे आपस में
भाईचारे की बातें कर रहे हैं।
यूपी में कांग्रेस और सपा ने बेमेल साथ का अन्जाम
देख ही लिया है। सपा अगर अकेले चुनाव लड़ती तो
ज्यादा सीटे ले जाती ,लेकिन 27 साल जंगलराज कहने
वालो से दोस्ती उन्हें महँगी पड़ी।
अब तो राजनीति में जो जनहित के कार्य करेगा वही
जीतेगा। जनता अब सिर्फ वोट बैंक बनकर नही रहना
चाहती। यदि बीजेपी भी जनहित में कार्य नही करेगी
तो जनता उन्हें भी नकार देगी।
हारजीत तो चलती रहती है लेकिन इतनी कटुता ठीक
नही है। सिर्फ मोदी विरोध को इकट्ठे होना जनता की
नजरों में गलत सन्देश ही देगा। वैसे भी इस प्रकार से
बना गठबंधन सिर्फ दिखावा ही होता है आपस में दिलों
को नही जोड़ता।
बुधवार, 15 मार्च 2017
विश्व उपभोक्ता/ग्राहक दिवस
---------------------------------
टेलीविज़न से पता चला की आज विश्व ग्राहक दिवस है। भला हो
टीवी का ,की अनेक बाते तो अब हमें टीवी से ही पता चलती हैं।
इनमें से अधिकांश बातें ऐसी होती हैं जो भारतीय संस्क्रति पर
लाद दी गई होती हैं ,जैसे विश्व ग्राहक दिवस।
भारतीय ग्राहक के लिए ग्राहक दिवस के क्या मायने हैं शायद
अधिकांश ग्राहक यह भी नही जानते होंगे। वैसे भी भारतीय
ग्राहक की नियति है ठगा जाना। कभी महंगाई के नाम पर तो
कभी बिल के नाम पर तो कभी नए -नए टैक्स के नाम पर।
भारत में जागरूकता का अभाव है। ग्राहक रूपी आम आदमी
अक्सर ठगा जाता है लेकिन शिकायत नही करता।
वैसे तो अब सरकार भी अब इस तरफ लोगो को जागरूक कर
रही है ,लेकिन खुद कई सरकारी विभाग ही गाहको को छलने
में आगे रहते हैं। रेलवे का खानपान विभाग /पेन्ट्री कार भोजन
में ही देख लो ग्राहकों /मुसाफिरों से पुरे पैसे लेकर कम दाम का
भोजन उपलब्ध कराते हैं। मैन्यू कार्ड नही दिखाते ,बिल नही देते,
ऊपर से टिप के नाम धौंस जमाते हैं ट्रेन के बैरे।
यह हाल जब है की सरकार खुद डिजिटल पेमेंट का हल्ला मचा
रही है। एसी डब्बो में कॉकरोच -चुहियां होना आम बात है तो
जनरल डब्बो की क्या बात करें ?यानि अनेक स्तरों पर ग्राहकों
का ठगा जाना कोई खास बात नही है।
यह सब हम लोगो में जागरूकता की कमी ही है। हालांकि अब
हमारे पास सुचना का अधिकार कानून भी है। लेकिन अधिकांश
भारतीय आज भी अनेक प्रकार के उत्पीड़न को सहजता से सहन
कर लेता है।
सोमवार, 13 मार्च 2017
शनिवार, 11 मार्च 2017
जीत गए यूपी
पाँच राज्यो में चुनावों के नतीजे आ गए हैं। जिनमें मुख्य रूप से
यूपी पर सबकी नजर थी। बीजेपी ने यूपी बहुमत से ही नही बल्कि
सुनामी की तरह जीत लिया।
इसका सारा श्रेय मोदीजी की विकास की राजनीति को ही जाता है।
न मन्दिर ,न मस्जिद ,न हिन्दू ,न दलित ,न मुसलमान। सबका साथ
सबका विकास के मंत्र से मोदीजी ने सबका दिल जीत लिया। उन्होंने
दिखा दिया की काम बोलता है। जनता को हावर्ड नही हार्ड वर्क चाहिए।
यूपी की जनता ने राजनीति में जो करवट ली है वह लाजबाब है.दलित
और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी बीजेपी का परचम लहराया है। जिससे
लगता है की अब यूपी की जनता वोटबैंक की राजनीति से ऊब चुकी है।
मोदीजी और अमित शाह की कार्य प्रणाली जातिवाद परे विकास की
कार्य प्रणाली है। उनका कहना की सबका साथ -सबका विकास से ही
देश आगे बढ़ेगा। यही बात अब सबको भा रही हैं।
बुधवार, 8 मार्च 2017
विश्व महिला दिवस
कुछ हाइकु
------------------------
कोख में नारी
मार देती है नारी
माँ नहीँ ना री
-------------------------
बेटी बचाओ
नवजीवन लाओ
सुख से रहो
--------------------------
सारे जग में
नहीँ कोई माँ जैसा
सच है बात
-------------------------
दानों में दान
सबसे बड़ा दान
बिटिया दान
-------------------------
मंगलवार, 7 मार्च 2017
रविवार, 5 मार्च 2017
शनिवार, 4 मार्च 2017
शुक्रवार, 3 मार्च 2017
गुरुवार, 2 मार्च 2017
टवीटर पर ट्रोल
------------------
टीवी चैनलों पर समाचार चल रहा है की टवीटर पर किसी बात को
भड़काने -धमकाने -रीट्वीट कराने के लिए बाकायदा माफ़िया नियुक्त
हैं। कई बार राजनितिक दल अपने विरोधी को पस्त करने के लिए
इनका सहारा लेते हैं। जिसके लिए ये दल भारी भरकम रकम भी देते हैं ?
मेरी समझ में यह कोई नई बात नही है। फेसबुक पर भी अक्सर ऐसे
विज्ञापन आते हैं की अपनी बात इतने लोगो तक पहुँचाने या लाइक
कराने के लिए इतने रूपये दे तो आपको इतने लाइक मिलेंगे ?
दरअसल आम आदमी और नेता में यही फर्क होता है। आम आदमी
कुछ भी कह देता है -लिख देता है ,लेकिन नेता या राजनीतिक दल
इन सबसे घबराता है। विरोधी उनकी किसी भी बात की धज्जियां उड़ाने
को ताक में रहते हैं।
लेकिन बाकायदा किसी की धज्जियां उड़ाने को माफ़िया लोग धनराशि
लेकर गाली गलौज -धमकी देते हैं तो यह अपराध की श्रेणी में आना ही
चाहिये। सरकार अब ऐसे माफियाओं पर नज़र भी रख रही है।
बुधवार, 1 मार्च 2017
उप्र चुनाव -बयानबाज़ी
--------------------------
उप्र में चुनावों का आखिरी दौर चल रहा है। बढ़ चढ़ कर बयानबाज़ी
हो रही है। मोदी विरोध को दिलजले भी दिल मिला रहे हैं। सपा-बसपा
के बयान विकास की बात कम, बीजेपी को रोकने के लिए ज्यादा हैं।
27 साल जंगलराज का नारा देने वाली कांग्रेस ,जंगलराज वालो से ही
जा मिली। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के बयान तो सिर्फ मोदीजी
की आलोचना से ही प्रेरित होते हैं।
युवराज कह रहे हैं की मोदीजी ने सिर्फ अमीरों का विकास किया है।
गरीबो के कल्याण के लिए उन्होंने कुछ नही किया। वे खुद यह भूल
जाते हैं की अमीर -गरीब की खाई तो पिछले 65 सालों में कांग्रेस के
राज में ही बढ़ी है। कांग्रेस के राज में ही देश में एक चौथाई
जनता भूखे पेट क्यों रही ?
मोदीजी भी अपने 5 साल का लेखा जोखा देंगे। तभी उसपर कुछ कहना
न्याय संगत होगा। 60 साल के गड्ढे 3 साल में भरने आसान नही हैं। सबसे
बड़ी बात यह है की ऊपरी स्तर पर बिना भ्र्ष्टाचार बड़ी -बड़ी योजनाये
बन रही हैं और कार्य हो रहा है। अगले 10 साल में देश काफी आगे बढ़
जाएगा ,ऐसा दिखाई दे रहा है।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
ध्वजारोहण
*UPSC इंटरव्यू में पूछा जाने वाला ऐसा सवाल जिसका उत्तर बहुत कम अभ्यर्थी दे पाते हैं-* स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क...