हाइकु
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प्रक्रति गीत
पेड़- पर्वत- पानी
उर्वर भूमि
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बादल अाया
बरस नहीं पाया
जलहीन था
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संजो के रख
बरसात का पानी
काम अायेगा
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बंजर जमीं
लहलहाते पेड़
अासान नहीं
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