हाइकु
------------------
अमर हुई
कालजयी रचना
नाम न लिखा
---------------------
दीखता नहीं
अन्धकार में साया
दोनों छलिये
----------------------
जीवन मिला
सूर्य की किरणों से
वर्षावन में
----------------------
नभ में घन
कब तक ढकेंगे
सूर्य रोशनी
--------------------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें