बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

महाकुंभ में हादसे

महाकुंभ में करोड़ो लो आस्था की डुबकी लगा कर पुण्य कम रहे हैं। पूरे विश्व मे इतना बड़ा धार्मिक जनसमूह ओर कहीं नहीं होता। इतनी बड़ी व्यवस्था से विदेश के लोग भी प्रभावित हैं की बिना किसी विवाद के, बिना किसी झगड़े के सभी कार्य नियमित और व्यवस्थित चल रहे हैं। कुछ जगहों पर खाने के सिलेंडर से लगी आग पर भी समय रहते काबू पा लिया गया कोई हताहत नहीं हुआ। भगदड़ में काफ़ी लोगो की जाने गई हैं। जो काफ़ी दुःखद है। भगदड़ में मरने वालों की संख्या पर अखिलेश यादव बहुत बोल रहे हैं। विपक्ष के कुछ घटक तो महाकुंभ की आस्था पर ही सवाल उठा रहे हैं। इतने बड़े आयोजन पर सवाल उठाना उचित नहीं है। एक बड़े नेता की रैली में, एक बड़े विद्द्वान की रैली में भी कई बार भगदड़ से मौते हो जाती रही हैं। ऐसे में करोड़ो लोगो की आस्था के कुंभ में भगदड़ से ऐसा हो जाना दुर्भाग्यपूर्ण तो है लेकिन इस पर जानबूझकर विरोध ही बयान देना ठीक नहीं है। सपा के समय मन्दिर आंदोलकारियों पर गोली चलवा देना, सम्भल में एक शतक से ज्यादा हिंदुओ का मारा जाना।कभी अखिलेश यादव इस पर बयान देते क्यों नहीं। सिर्फ एक कौम के वोटों की राजनीति के कारण ही सत्ता से बाहर हैं। मुस्लिमों के वोट लेकर भी उनके लिये क्या किया है बताएं। भारत के 140 करोड़ लोगों को साथ लेकर चलना आसान नहीं है। मोदीजी बहुत दूरदर्शिता से देश को चला रहे। योगी उत्तरप्रदेश को चला रहे हैं। उनका निशाना सिर्फ माफ़िया है जिन्होंने गरीबो का उत्पीड़न कर अकूत सम्पत्ति जमा कर ली थी। इस माफ़िया में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदू माफ़िया भी है। प्रदेश में सुख-शांति है। आम हिन्दू-मुस्लिम मिलजुकर रह रहा है।

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