रविवार, 5 मार्च 2023
राहुल गांधी खुद पर भारी
राहुल गांधी की आलोचनात्मक सोच
कांग्रेस के आका राहुल गांधी की देश के प्रति, बीजेपी- आरएसएस के प्रति सदैव आलोचनात्मक सोच रही है। जबकि राहुल गांधी कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी के नेता ही नहीं बल्कि आका है उन्हें अच्छे को अच्छा, बुरे को बुरा कहना चाहिये लेकिन मोदीजी में उन्हें सिर्फ बुराई दिखाई देती है अच्छाई दिखाई नहीं देती। उनकी इस सोच का असर यह हो रहा है की अब उनकी बात को कोई सीरियसली नहीं लेता।
अभी हाल ही में ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में राहुल गांधी ने अपने वक्तव्य में मोदी सरकार के कारण भारतीय लोकतंत्र खतरे में है ऐसा बयान दिया है। साथ ही पेगासस मामले पर उन्होंने कहा की उनका फोन टेप किया जा रहा था यह बात खुद खुफिया अधिकारी ने उन्हें बताई। कितनी हास्यापद और गिरावट की बात उन्होंने विदेश की धरती पर कही।
दरअसल हताश-निराश राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस का पतन होता चला गया। इसका कारण जेएनयू में टुकड़े गैंग का समर्थन, कश्मीर में धारा 370 का विरोध, CAA, NRC का विरोध, सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध,अग्निवीर का विरोध, खलिस्तानियों पर चुप्पी, दिल्ली दंगे और शाहीन बाग पर मौन, अडानी का विरोध, जबकि कांग्रेस के समय से ही अडानी को अनेक बड़े प्रोजेक्ट दिये गये। ये सभी कारण राहुल गांधी के पतन के कारण बन गये।
राहुल गांधी अच्छे वक्ता भी नहीं हैं। आलू से सोना, आटा लीटर में, गांधी जी का सत्ता ग्रह, पांडवो के समय GST, जैसे वक्तव्य उनका मजाक ही उड़ाते हैं। चीन से खुद की दोस्ती, चीन से राजीव गांधी फाउंडेशन में चंदा लेना देश हित की बात नहीं है। इल्जाम मोदी सरकार पर लगाना ठीक नहीं है। भारत जोड़ो यात्रा में देश विरोधी तत्वों की मौजूदगी, कश्मीर में हर जगह तिरंगा ही तिरंगा कहना उन पर ही भारी पड़ता है। कश्मीर में कांग्रेस के समय तिरंगा फहराना जान जोखिम में डालना होता था आज मोदीजी- अमितशाह के कारण कश्मीर में तिरंगा ही तिरंगा दिखाई दे रहा है।
भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को क्या फायदा हुआ यह तो पता नहीं लेकिन एक के बाद एक चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना ही करना पड़ रहा है। एक विद्द्वान राजनीतिज्ञ की तरह राहुल गांधी को सिर्फ आलोचना छोड़कर देश के लिये कुछ अच्छी सोच, योजनाएं बनाकर जनता के सामने पेश करनी चाहिये। तभी कांग्रेस आगे बढ़ सकती है।
सुनील जैन राना
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