शुक्रवार, 3 मार्च 2023

रहन-सहन बदलें

किन ग़लतियों से टूट रहे हैं जवान दिल; क्यों हो रहें है उनको हार्ट अटैक? इन दिनों में समाज में कितने ही ऐसे केस हुए जिनमें एक फिट जवान व्यक्ति की आकस्मिक हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। क्योंकि इनमें से कई कम उम्र के आदर्श डॉक्टर भी हैं, समाज में एक भय व्याप्त है। कुछ लोग अब व्यायाम करने में भी हिचकिचा रहे हैं। कुछ लोग इसको कोविड या उसकी वैक्सीन का दूरगामी परिणाम मान लेते हैं। हर कोई ये जानना चाहता है की मैं कुछ ग़लतियाँ तो नहीं कर रहा? सर्वप्रथम - हार्ट अटैक से बचाव के लिए आदर्श जीवन शैली (जिसमें अच्छा आहार और व्यायाम समाहित है) किसी भी अन्य चिकित्सक विद्या से अधिक प्रामाणिक और असरदार है। दुनिया भर में असंख्य स्टडीज़ में ऐसा बहुत डेटा है के एक स्वस्थ जीवनशैली आपको हार्ट अटैक और आकस्मिक मृत्यु से बचाती है। फिर प्रश्न ये है की ग़लतियाँ कहाँ हो रही हैं? - [ ] गलती १) उम्र के साथ अपने स्पोर्ट्स/ व्यायाम में बदलाव ना करना - जैसे जैसे उम्र बड़ती है स्पोर्ट्स के तीव्रता और निरंतरता में कुछ बदलाव ज़रूरी है। आप कितने भी फिट हूँ आपके शरीर के सब अंगों की जैविक उम्र होती है। कभी आकस्मिक शारीरिक/ मानसिक स्ट्रेस को ये शरीरिक प्रणाली अभ्यस्त नहीं हो पाती। - [ ] *गलती 2) लक्षणों को न पहचानना/उपेक्षा करना। बेचैनी/दर्द/सांस लेने में तकलीफ के पहले लक्षण दिखाई देने पर आपको गतिविधि बंद कर देनी चाहिए और चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए... कभी-कभी साथियों के दबाव के कारण खेल जारी रहता है। हार्ट अटैक में.... ये कुछ मिनट जीवन रक्षक हो सकते हैं। - [ ] गलती ३) उम्र संगत जाँचे/ परीक्षण ना करना। कभी कभी स्पोर्ट्स मन को ये ग़लतफ़हमी होती है की मेरी शारीरिक क्षमता अच्छी है। ये डेटा है की १/३ लोगों में बीमारी मूक होती है और लक्षण उत्पन्न नहीं होते। - [ ] गलती ४) अपने नंबर्स ना जानना - आपकी उम्र के अनुसार आपका एक अनुकूल ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर इत्यादि की गणना होती है जो आपको पता होनी चाहिए। कभी-कभी, डॉक्टर भी लिपोप्रोटीन (ए) या होमोसिस्टीन जैसे नए जोखिम वाले कारकों के लिए परीक्षण करने की उपेक्षा करते हैं। इन परीक्षणों व आपकी रिस्क के अनुसार आपकी टीएमटी या कोरोनरी कैल्शियम स्कोरिंग भी की जा सकती है। - [ ] गलती ५) स्पोर्ट्स को काम की तरह लेना। स्पोर्ट्स के सेहत संबंधी फ़ायदों में इससे मिलने वाली ख़ुशी एवं उत्साह भी शामिल है। कई लोग रनिंग या जिम को एक अनावश्यक पीड़ा बना लेते हैं। कुछ लोग स्पोर्ट्स/ क्रीड़ा को फटाफट निपटा कर काम पर जाने की जल्दी में होते हैं। अगर आप मानसिक रूप से बेचैन हैं तो स्पोर्ट्स के पूर्ण लाभ से वंचित हैं। - [ ] गलती ६) फिटनेस के लिए नींद से समझौता करना। आज के व्यस्त माहौल में ग्रस्त व्यक्ति अपनी प्रतिबद्धता या देखादेखी में व्यायाम का समय अपनी नींद के समय में से निकालने का प्रयास करता है। एक संपूर्ण, समुचित नींद आपके शरीर और मस्तिष्क को विराम देने के लिए आवश्यक है। नींद की कमी से ना केवल फिटनेस बिगड़ती है अपितु शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स भी ज़्यादा संचारित होते हैं। - [ ] गलती ७) अपने शरीर की क्षमता के विपरीत व्यायाम। कई लोग अपने जीवन के पाँचवे दशक में अनायास ही एकदम से मैराथन रनर या प्रतिस्पर्धात्मक स्पोर्ट्स के लिए तत्पर हो जाते हैं। ऐसे में उनकी शारीरिक प्रणालियाँ इस के अनुकूल बदल नहीं पातीं। बड़ती उम्र में कोई भी नयी स्पोर्ट्स गतिविधि आहिस्ता और यथा-क्रम ही होनी चाहिए। - [ ] गलती ८) अपनी डाइट को उम्र के अनुरूप ना ढालना। सुबह की सैर के बाद कचौड़ी/ जलेबी की दुकान पर भीड़ सर्वज्ञात है। हमें अपने भोजन में शुगर और वसा के रूप में छुपे रोग को पहचाना ही होगा। २८-३० की उम्र के बाद जो भी आपका वजन बड़ा है वो अनावश्यक विस्सरल वसा है जो बीमारी का कारण है। - [ ] गलती ९) अपने स्ट्रेस फ़ैक्टर्स को ना पहचाना। कैरियर की रैट-रेस में लगे हम सब ये भूल जाते हैं की ये अनंत रेस जीत भी गये तो जीवन तो चूहे का ही रहा। हम अपने परिवार/ शौक़/ सेहत को अपने कैरियर गोल के लिए नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। शायद ही किसी व्यक्ति के पास अपने जीवन का कोई रिटायरमेंट प्लान है। …. आपके स्वस्थ हृदय के लिए शुभकामना … डॉ साकेत गोयल हृदय रोग विशेषज्ञ

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