होली -कुछ सार्थक हाइकु
March 10, 2020 • सुनील जैन राना • जनहित
होली का त्यौहार हम सभी मनाते हैं। मेरी सोच से होली की सार्थकता इन तीन हाइकु से है।
होलिका दहन करते हैं लेकिन सार्थकता तभी है जब......
होली दहन
जलावें अहंकार
जले कषायें
दिखावे की होली से कोई फायदा नहीं है। मन से हो स्नेह,,,,,,
लगा के रंग
तन धोया सबने
धोया न मन
फायदा तब है जब इस संसारिक भवसागर से पार होने की भी सोचें ,,,,,,
रंगो की होली
तन तो रंगे सब
मन भी रंग
निवेदक - सुनील जैन राना ,सहारनपुर -२४७००१ (उप्र )भारत
होलिका दहन करते हैं लेकिन सार्थकता तभी है जब......
होली दहन
जलावें अहंकार
जले कषायें
दिखावे की होली से कोई फायदा नहीं है। मन से हो स्नेह,,,,,,
लगा के रंग
तन धोया सबने
धोया न मन
फायदा तब है जब इस संसारिक भवसागर से पार होने की भी सोचें ,,,,,,
रंगो की होली
तन तो रंगे सब
मन भी रंग
निवेदक - सुनील जैन राना ,सहारनपुर -२४७००१ (उप्र )भारत
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