ईजाद करते रहे परमाणु -लील गया सूक्ष्म जीवाणु https://suniljainrana.blogspot.com/
March 29, 2020 • सुनील जैन राना • राजनीति
भौतिक युग में विनाश के कागार पर बैठा मानव पता नहीं कब और कैसे बन गया दानव। कुछ देश पूरी दुनिया पर राज करने , अपने आप को सबसे ताकतवर दिखाने को विध्वंसक-घातक-परमाणु-रासायनिक हथियारों को बनाने की होड़ में लग गए और एक दूसरे को मरने -मारने की धमकी देने लगे। कई बार ऐसा लगने लगा था जैसे तीसरा विश्वयुध्द जल्दी होने वाला है। लेकिन रखे रह गए सब परमाणु बम -मिसाइलें और लील गया एक जीवाणु।
चीन की चतुराई और उसकी आधुनिकता की अंधी दौड़ ने विकास और विनाश की ऊंचाइयों को पार करते हुए कुदरत पर भी विजय पाने के मंसूबे पाल लिए और परमाणु के साथ -साथ जीवाणु पर भी अधिकार जमाना शुरू कर दिया।बस यहीं से प्रकृति से छेड़छाड़ सम्पूर्ण मानव जाति पर भारी पड़ने वाली बन गई। बताया जाता है की चीन ने लगभग १५० जीवाणुओं को कैद कर रखा है। उन्ही में से एक कोरोना नाम का जीवाणु कब कैसे बाहर निकलकर चीन के वुहान शहर में फ़ैल गया पता ही नहीं चला। किसी को नहीं पता की वुहान में कितने लोग मारे गए या मार दिए गए ?अब यह जीवाणु विश्व के लगभग २०० देशों में फ़ैल गया है। अमेरिका -बिट्रेन -इटली जैसे विकसित देशों में कोरोना ने तबाही मचा दी है। भारत में भी अभी दूसरी स्टेज तक फैला है। भारत सरकार इसके निवारण के उपायों में लगी है।
ऐसा बताया जा रहा है की चीन ने पूरी दुनिया के साथ विश्वासघात किया है। कोरोना जीवाणु जानबूझकर बनाया और छोड़ा है। खुद इसका तोड़ निकालकर अब विकसित देशों को अपने दबाब में लेकर इसकी वैक्सीन एवं जरूरी संसाधन मनमाने दामों पर बेचेगा। अमेरिका जैसे बड़े देशों द्वारा ऐसे आरोप लगाने के अनेको कारण भी हैं। मुख्य कारण यह है की चीन के बड़े शहरों शंघाई -बीजिंग आदि पर इसका कोई असर नहीं पड़ा जो इससे एक हज़ार किलोमीटर से भी पास हैं जबकि न्यूयार्क -मिलान -इटली -बिट्रेन आदि देश इससे १० -१५ हज़ार किलोमीटर दूर हैं। इसका मतलब यही लगाया जा रहा है की विकसित देशों की अर्थव्यवस्था चौपट करने के लिए चीन द्वारा ऐसा घिनौना -विध्वंसक कार्य किया गया है ?
पिछले दो माह में ही कोरोना ने दुनिया भर में हा -हा कार मचा दिया है। अभी तक इसकी कोई दवा -वैक्सीन नहीं बनाई जा सकी है। जब विकसित देशों के ये हाल हैं तो १३० करोड़ की जनता वाले भारत में यदि समय रहते इसपर अंकुश नहीं लग पाया तो बहुत भयंकर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में हम सभी को सरकारी निर्देशों का पालन एवं बचाव के घरेलू उपायों को अनिवार्य रूप से करना ही चाहिए। * सुनील जैन राना *
चीन की चतुराई और उसकी आधुनिकता की अंधी दौड़ ने विकास और विनाश की ऊंचाइयों को पार करते हुए कुदरत पर भी विजय पाने के मंसूबे पाल लिए और परमाणु के साथ -साथ जीवाणु पर भी अधिकार जमाना शुरू कर दिया।बस यहीं से प्रकृति से छेड़छाड़ सम्पूर्ण मानव जाति पर भारी पड़ने वाली बन गई। बताया जाता है की चीन ने लगभग १५० जीवाणुओं को कैद कर रखा है। उन्ही में से एक कोरोना नाम का जीवाणु कब कैसे बाहर निकलकर चीन के वुहान शहर में फ़ैल गया पता ही नहीं चला। किसी को नहीं पता की वुहान में कितने लोग मारे गए या मार दिए गए ?अब यह जीवाणु विश्व के लगभग २०० देशों में फ़ैल गया है। अमेरिका -बिट्रेन -इटली जैसे विकसित देशों में कोरोना ने तबाही मचा दी है। भारत में भी अभी दूसरी स्टेज तक फैला है। भारत सरकार इसके निवारण के उपायों में लगी है।
ऐसा बताया जा रहा है की चीन ने पूरी दुनिया के साथ विश्वासघात किया है। कोरोना जीवाणु जानबूझकर बनाया और छोड़ा है। खुद इसका तोड़ निकालकर अब विकसित देशों को अपने दबाब में लेकर इसकी वैक्सीन एवं जरूरी संसाधन मनमाने दामों पर बेचेगा। अमेरिका जैसे बड़े देशों द्वारा ऐसे आरोप लगाने के अनेको कारण भी हैं। मुख्य कारण यह है की चीन के बड़े शहरों शंघाई -बीजिंग आदि पर इसका कोई असर नहीं पड़ा जो इससे एक हज़ार किलोमीटर से भी पास हैं जबकि न्यूयार्क -मिलान -इटली -बिट्रेन आदि देश इससे १० -१५ हज़ार किलोमीटर दूर हैं। इसका मतलब यही लगाया जा रहा है की विकसित देशों की अर्थव्यवस्था चौपट करने के लिए चीन द्वारा ऐसा घिनौना -विध्वंसक कार्य किया गया है ?
पिछले दो माह में ही कोरोना ने दुनिया भर में हा -हा कार मचा दिया है। अभी तक इसकी कोई दवा -वैक्सीन नहीं बनाई जा सकी है। जब विकसित देशों के ये हाल हैं तो १३० करोड़ की जनता वाले भारत में यदि समय रहते इसपर अंकुश नहीं लग पाया तो बहुत भयंकर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में हम सभी को सरकारी निर्देशों का पालन एवं बचाव के घरेलू उपायों को अनिवार्य रूप से करना ही चाहिए। * सुनील जैन राना *