मन्दिर - जनेऊ - हिन्दू
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देश भर में मोदी लहर के चलते अब कुछ अन्य
राजनितिक दलों को हिंदुत्व की राह आसान दिखाई
दे रही है। कुछ दलों ने एलान भी कर दिया है की
अगले चुनावों में हिदुत्व की राह पर चलेंगे। गुजरात
के चुनावों में कांग्रेस के आका राहुल गांधी ने भी
इसी सोच के चलते मन्दिर -जनेऊ - हिन्दू का सहारा
लिया था।
समझ में नहीं आता की देश के राजनितिक दल कब
जातिवाद के कुँए से बाहर निकलेंगे ?मोदीजी की तरह
यदि सारे दल सबका साथ -सबका विकास के मुद्दे पर
चलते तब आज देश इतना मोदीमय नहीं होता। लेकिन
ऐसी सोच रखना आसान नहीं है। इसके लिए कठिन
निर्णय लेने पड़ते हैं। जनता -व्यापारियों की बदसलूकी
सहनी पड़ती है। वोट हाथ से निकल जाने का डर रहता
है। मोदीजी को यदि सिर्फ वोट चाहिये थे तो मोदीजी ऐसे
कठिन निर्णय नहीं लेते जैसे नोटबंदी -जी एस टी आदि।
देश के सभी दलों को भी वर्ग विशेष की बात ना कर सबके
हित की बात सोचनी चाहिये।
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