गुरुवार, 21 दिसंबर 2017

१ लाख ७६ हज़ार करोड़ -टू जी घोटाले में सभी बरी
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यूपीए 2 में कांग्रेस की सरकार के दौरान हुआ टू जी

घोटाले के निर्णय में आज सीबीआई कोर्ट ने सबूतों के

अभाव में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया।

२००८ में टू जी में स्पेक्ट्रम की बिक्री के तरीकों से घोटाले

की आशंका उजागर हुई। कांग्रेस के मंत्री ए राजा ने

सभी नियमों को ताक पर रखकर पहले आओ -पहले पाओ

की नीति बनाते हुए स्पेक्ट्रम की बिक्री करवा दी। इसपर

सुप्रीम कोर्ट ने भी आपत्ति प्रकट की थी। कैग की रिपोर्ट

 में भी इस निर्णय को गलत बताया था।

सुप्रीमकोर्ट ने तो इस गलत बिक्री के बाद १२२ कंपनियों

के लाइसेंस ही रद्द कर दिये थे।

दरअसल २००१ के भाव पर २००८ में स्पेक्ट्रम की बिक्री की

बात ही बेमानी थी। सात सालों में स्पेक्ट्रम की कीमतों में वृध्दि

की अनुमानित कीमत कैग द्वारा एक लाख ७६ हज़ार करोड़

रूपये आंकी गई थी। जिसे कांग्रेस ने नकार दिया था। अब

२०१५ और २०१६ में बीजेपी सरकार में यही स्पेक्ट्रम लाखों

करोड़ में बेचा।

अब सीबीआई के इस निर्णय से कांग्रेस पार्टी खुश है। वहीं

दूसरी ओर बीजेपी सरकार इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती

देने की सोच रही है। 

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