रविवार, 31 दिसंबर 2017
शनिवार, 30 दिसंबर 2017
शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017
मन्दिर - जनेऊ - हिन्दू
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देश भर में मोदी लहर के चलते अब कुछ अन्य
राजनितिक दलों को हिंदुत्व की राह आसान दिखाई
दे रही है। कुछ दलों ने एलान भी कर दिया है की
अगले चुनावों में हिदुत्व की राह पर चलेंगे। गुजरात
के चुनावों में कांग्रेस के आका राहुल गांधी ने भी
इसी सोच के चलते मन्दिर -जनेऊ - हिन्दू का सहारा
लिया था।
समझ में नहीं आता की देश के राजनितिक दल कब
जातिवाद के कुँए से बाहर निकलेंगे ?मोदीजी की तरह
यदि सारे दल सबका साथ -सबका विकास के मुद्दे पर
चलते तब आज देश इतना मोदीमय नहीं होता। लेकिन
ऐसी सोच रखना आसान नहीं है। इसके लिए कठिन
निर्णय लेने पड़ते हैं। जनता -व्यापारियों की बदसलूकी
सहनी पड़ती है। वोट हाथ से निकल जाने का डर रहता
है। मोदीजी को यदि सिर्फ वोट चाहिये थे तो मोदीजी ऐसे
कठिन निर्णय नहीं लेते जैसे नोटबंदी -जी एस टी आदि।
देश के सभी दलों को भी वर्ग विशेष की बात ना कर सबके
हित की बात सोचनी चाहिये।
गुरुवार, 28 दिसंबर 2017
कुल भूषण जाधव परिवार के साथ बदसलूकी
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पाकिस्तान बनाम आतंकिस्तान अपने कुकर्मो से कभी
बाज़ नहीं आयेगा। यह नापाक देश कुत्ते के नक्शे जैसा ,
कुत्ते की दुम जैसा टेहड़ा ,साँप जैसे तिरछी चाल वाला
जहरीला ,लोमड़ी जैसा धूर्त और न जाने क्या -क्या है ?
भारत हमेशा से अपने पड़ौसी देश पाकिस्तान से दोस्ती
का हाथ आगे बढ़ाता आया है लेकिन हर बार पाकिस्तान
ने दोस्ती की आड़ में आतंक ही मचाया है।
हाल ही में कुल भूषण जाधव परिवार के साथ पाकिस्तान
ने जैसा विश्वासघात किया है माफ़ी योग्य नहीं है। दरअसल
पाकिस्तान विश्वास करने योग्य देश ही नहीं है। भारत ही
नहीं बल्कि पूरी दुनिया पाकिस्तान को गिरी हुई नज़र से
देखती है। किसी भी देश में पाकिस्तानियों को संदेह की
नज़र से ही देखा जाता है।
पाकिस्तान के हुक्मरानों से अपना देश सम्भलता नहीं है।
अपनी नाक़ामियाँ छुपाने के लिए भारत विरोधी राग में
पाकिस्तानी जनता को उलझाये रखते हैं। कश्मीर का
राग गाना पाकिस्तान की मज़बूरी हो गई है।
कुछ भी होता रहा है लेकिन अब समय आ गया है की
भारत पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित कर उससे
हर प्रकार के संबन्ध तोड़ दे। सिर्फ आलोचना - निंदा
करने से कुछ नहीं होने वाला है। पाकिस्तान द्वारा सेना
पर हमला कर हमारे जवान मारे जा रहे है। बाद में भले
ही हम उनके कुत्ते रूपी सैनिकों को मार दे लेकिन इससे
हमारे शेर रूपी जवान तो वापस नहीं आ जाते। कब तक
हमारी सरकार सिर्फ चिन्ता ज़ाहिर करती रहेगी ?
बुधवार, 27 दिसंबर 2017
https://www.facebook.com/jeevrakshakendra
इंसानों के लिए तो बहुत अस्पताल आदि मौजूद हैं।
देश में असहाय मूक पशु -पक्षियों के उपचार हेतु
बहुत ही कम निःशुल्क अस्पताल हैं।
हम सभी इंसानों में दया की भावना प्राकृतिक रूप
से होती ही है। ऐसे में यदि सड़क पर कोई घायल या
बीमार पशु -पक्षी मिले तो उसका उपचार करना या
करवाना भी चाहे तो सम्भव नहीं होता।
इसके लिए प्रत्येक शहर में समाज सहयोग से निःशुल्क
पशु -पक्षी चिकित्सा केंद्र होने ही चाहियें। सहारनपुर -
उत्तर प्रदेश में जैन समाज के सहयोग से बने ******
*श्री दया सिन्धु जीव रक्षा केन्द्र * के द्वारा हज़ारो पशु -
पक्षियों का उपचार कर जान बचाई जा चुकी है। आप
भी अपने शहर में जीव दया हेतु निःशुल्क अस्पताल
खोलें। मन को बहुत शान्ति मिलेगी।
निवेदक - सुनील जैन राना ( संयोजक )
श्री दया सिन्धु जीव रक्षा केन्द्र , सहारनपुर (
इंसानों के लिए तो बहुत अस्पताल आदि मौजूद हैं।
देश में असहाय मूक पशु -पक्षियों के उपचार हेतु
बहुत ही कम निःशुल्क अस्पताल हैं।
हम सभी इंसानों में दया की भावना प्राकृतिक रूप
से होती ही है। ऐसे में यदि सड़क पर कोई घायल या
बीमार पशु -पक्षी मिले तो उसका उपचार करना या
करवाना भी चाहे तो सम्भव नहीं होता।
इसके लिए प्रत्येक शहर में समाज सहयोग से निःशुल्क
पशु -पक्षी चिकित्सा केंद्र होने ही चाहियें। सहारनपुर -
उत्तर प्रदेश में जैन समाज के सहयोग से बने ******
*श्री दया सिन्धु जीव रक्षा केन्द्र * के द्वारा हज़ारो पशु -
पक्षियों का उपचार कर जान बचाई जा चुकी है। आप
भी अपने शहर में जीव दया हेतु निःशुल्क अस्पताल
खोलें। मन को बहुत शान्ति मिलेगी।
निवेदक - सुनील जैन राना ( संयोजक )
श्री दया सिन्धु जीव रक्षा केन्द्र , सहारनपुर (
शनिवार, 23 दिसंबर 2017
चारा घोटाले में लालू फिर गए जेल
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चारा घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल
से बाहर निकला और लालू यादव समेत कईओं
को बोतल की बजाय जेल में ले चला।
विडंबना की बात यह है की राजनीति में बुरे
कर्म कर रहा कोई -निर्णय दे रही कोर्ट -लेकिन
कोसा जा रहा बीजेपी को।
टू जी घोटाला या चारा घोटाला या अन्य कोई घोटाला।
इसमें बीजेपी का क्या लेना देना ?बीजेपी की सरकार
के दौरान यह घोटाले नहीं हुए। अब कोर्ट इनपर अपना
फैसला सुना रही है तो बीजेपी का क्या दोष ?
विपक्ष के हित में कोर्ट का फैसला आ जाये तो विपक्ष
कोर्ट के निर्णय के सम्मान की बात करता है लेकिन
विरोध में फैसला आ जाए तो वह राजनीति से प्रेरित।
उसमें बीजेपी का हाथ होने की बात कही जाती है।
यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
रिलाइंस इंडस्ट्री के ४० साल पूरा होने पर जश्न
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रिलाइंस इंडस्ट्रीज अपने ४० साल पूर्ण होने पर
जश्न मना रही है। यह ठीक है की भारत देश में
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ व्यापार -रोजगार में बहुत बड़ा
मुकाम है। लेकिन क्या ही अच्छा होता की इस दिन
देश के गरीबों के लिए रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ द्वारा कुछ
स्कूल -अस्पतालों को बनवाने की घोषणा भी करते।
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रिलाइंस इंडस्ट्रीज अपने ४० साल पूर्ण होने पर
जश्न मना रही है। यह ठीक है की भारत देश में
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ व्यापार -रोजगार में बहुत बड़ा
मुकाम है। लेकिन क्या ही अच्छा होता की इस दिन
देश के गरीबों के लिए रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ द्वारा कुछ
स्कूल -अस्पतालों को बनवाने की घोषणा भी करते।
शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017
गुरुवार, 21 दिसंबर 2017
१ लाख ७६ हज़ार करोड़ -टू जी घोटाले में सभी बरी
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यूपीए 2 में कांग्रेस की सरकार के दौरान हुआ टू जी
घोटाले के निर्णय में आज सीबीआई कोर्ट ने सबूतों के
अभाव में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया।
२००८ में टू जी में स्पेक्ट्रम की बिक्री के तरीकों से घोटाले
की आशंका उजागर हुई। कांग्रेस के मंत्री ए राजा ने
सभी नियमों को ताक पर रखकर पहले आओ -पहले पाओ
की नीति बनाते हुए स्पेक्ट्रम की बिक्री करवा दी। इसपर
सुप्रीम कोर्ट ने भी आपत्ति प्रकट की थी। कैग की रिपोर्ट
में भी इस निर्णय को गलत बताया था।
सुप्रीमकोर्ट ने तो इस गलत बिक्री के बाद १२२ कंपनियों
के लाइसेंस ही रद्द कर दिये थे।
दरअसल २००१ के भाव पर २००८ में स्पेक्ट्रम की बिक्री की
बात ही बेमानी थी। सात सालों में स्पेक्ट्रम की कीमतों में वृध्दि
की अनुमानित कीमत कैग द्वारा एक लाख ७६ हज़ार करोड़
रूपये आंकी गई थी। जिसे कांग्रेस ने नकार दिया था। अब
२०१५ और २०१६ में बीजेपी सरकार में यही स्पेक्ट्रम लाखों
करोड़ में बेचा।
अब सीबीआई के इस निर्णय से कांग्रेस पार्टी खुश है। वहीं
दूसरी ओर बीजेपी सरकार इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती
देने की सोच रही है।
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यूपीए 2 में कांग्रेस की सरकार के दौरान हुआ टू जी
घोटाले के निर्णय में आज सीबीआई कोर्ट ने सबूतों के
अभाव में सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया।
२००८ में टू जी में स्पेक्ट्रम की बिक्री के तरीकों से घोटाले
की आशंका उजागर हुई। कांग्रेस के मंत्री ए राजा ने
सभी नियमों को ताक पर रखकर पहले आओ -पहले पाओ
की नीति बनाते हुए स्पेक्ट्रम की बिक्री करवा दी। इसपर
सुप्रीम कोर्ट ने भी आपत्ति प्रकट की थी। कैग की रिपोर्ट
में भी इस निर्णय को गलत बताया था।
सुप्रीमकोर्ट ने तो इस गलत बिक्री के बाद १२२ कंपनियों
के लाइसेंस ही रद्द कर दिये थे।
दरअसल २००१ के भाव पर २००८ में स्पेक्ट्रम की बिक्री की
बात ही बेमानी थी। सात सालों में स्पेक्ट्रम की कीमतों में वृध्दि
की अनुमानित कीमत कैग द्वारा एक लाख ७६ हज़ार करोड़
रूपये आंकी गई थी। जिसे कांग्रेस ने नकार दिया था। अब
२०१५ और २०१६ में बीजेपी सरकार में यही स्पेक्ट्रम लाखों
करोड़ में बेचा।
अब सीबीआई के इस निर्णय से कांग्रेस पार्टी खुश है। वहीं
दूसरी ओर बीजेपी सरकार इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती
देने की सोच रही है।
मंगलवार, 19 दिसंबर 2017
हारी हुई जमात का रोना - EVM
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देश में evm से चुनाव कांग्रेस के समय से ही हो रहे हैं।
चुनावों में कोई भी जीता हो या हारा हो ,कभी किसी ने
evm पर सवाल नहीं उठाये।
जब से मोदीजी प्रधानमंत्री बने तब से उनकी जीत का
सिलसिला लगातार जारी क्या रहा की विपक्ष ने हताशा
में evm पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए। जैसे कहीं
बीजेपी ने evm में सेटिंग कर रही हो।
यह सब हारी हुई जमात का रोना है। दिल्ली में केजरीवाल
की पार्टी बहुमत से जीती बीजेपी बुरी तरह हारी। पंजाब
में बीजेपी हारी। उत्तरप्रदेश के निकाय चुनावो में बीजेपी
के मेयर ज्यादा जीते लेकिन पार्षद कम जीते। ऐसे ही अनेक
जगह बीजेपी को कम वोट मिले तब विपक्ष चुप रहा। किसी
ने भी evm पर सवाल नहीं उठाये। जहां बीजेपी हारी वहां
बीजेपी ने कभी evm पर सवाल नहीं उठाया।
evm खराबी का रोना सिर्फ हारी हुई जमात का रोना है।
सोमवार, 18 दिसंबर 2017
जीत गये गुजरात - हिमाचल
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मोदीजी के नेत्तृत्व में एक बार फिर से देश के दो राज्यों
गुजरात और हिमाचल में बीजेपी को पूर्ण बहुमत से जीत
मिली।
कांग्रेस के युवराज -अध्यक्ष राहुल गाँधी के अथक प्रयासों
के बावजूद उन्हें देश भर में हार का सामना करना पड़ रहा
है। अध्यक्ष बनते ही दोनों राज्यों के चुनावो में कांग्रेस को हार
का मुँह देखना पद रहा है।
बीजेपी और कांग्रेस के नेत्तृत्व में सबसे बड़ा अंतर यह है की
मोदीजी देश को भ्र्ष्टाचार मुक्त बनाते हुए विकास की गंगा
बहा देना चाहते हैं। इसके लिए वे असूलों से समझौता नहीं
करते। सिर्फ वोट की राजनीति नहीं करते। विकास के लिए
कठिन निर्णय लेने से भी नहीं हिचकते। सबका साथ -सबका
विकास का नारा बुलंद करते हुए आगे बढ़ते हैं।
वहीं दूसरी ओर राहुल गाँधी बिना किसी ठोस नीति के दूसरों
के सहारे आगे बढ़ना चाहते हैं। जिसमे उन्हें हार ही मिलती
है। कांग्रेस के बड़े -बड़े दिग्गजों को छोड़ नये -नये ऐसे मित्र
बना लेते हैं जो उनका अहित ही करते हैं। कभी टोपी की
राजनीति तो कभी मंदिर की राजनीति उन्हें ले डूबी। राहुल
गाँधी यदि अपनी कांग्रेस पार्टी के जहाज को मजबूती से चलायें
तभी वे आगे बढ़ सकते हैं। दुसरो के कंधे पर रखकर बंदूक
चलाना उनका अहित ही कर रहा है। राहुल गाँधी को जातिवाद
की राजनीति छोड़कर विकास की राजनीति पर आगे बढ़ना चाहिए।
शनिवार, 16 दिसंबर 2017
राहुल गांधी बन गए कांग्रेस के अध्यक्ष -बनना ही था
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देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी
आसीन हो गए -होना ही था।
अब देखना है की राहुल गांधी कांग्रेस की हालत बेहतर बनाते हैं
या कांग्रेस मुक्त भारत बनाते हैं।
कांग्रेस में बड़े नेताओं की कमी नहीं है। एक से एक दिग्गज नेता
कांग्रेस में मौजूद है। लेकिन विडंबना ही है की जो भी बड़ा नेता
गांधी परिवार के खिलाफ बोला उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया
गया।
राहुल गांधी एक हारे हुए अध्यक्ष हैं। गुजरात चुनाव के रिजल्ट
आने वाले हैं। ऐसे में यदि कांग्रेस गुजरात चुनाव भी हार गई तब
क्या राहुल गांधी कांग्रेस को एकजुट कर पायेंगे ?
वैसे तो सब जानते हैं की राहुल गांधी भले ही अध्यक्ष बन गए हों
लेकिन उन्हें अधिकांश निर्णय अपनी मम्मी सोनिया गांधी से पूंछ
कर ही करने पड़ेंगे।
कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी को बहुत सी अग्नि परीक्षा
से गुजरना पड़ेगा जो आसान नहीं है।
मंगलवार, 5 दिसंबर 2017
राम के देश में -राम मंदिर पर विवाद क्यों
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बहुत विडंबना की बात है की राम के देश में
राम मंदिर पर विवाद थमने का नाम नहीं ले
रहा है।
पिछले १०० सालों में भारत देश में सैंकड़ो हिन्दू
मंदिर तोड़ दिए गये। फिर भी हिन्दूओ ने भाई -
चारा कायम रखते हुए कभी फ़साद नहीं होने
दिया।
क्या ही अच्छा हो यदि आज मुस्लिम समुदाय भी
देश की एकता को कायम रखते हुए राम जन्म
भूमि पर राम मंदिर बनने में सहयोग करें फिर
देखे देश में एक नई विचारधारा उनका कितना
सम्मान करेगी।
देश में एक नये प्रकार के भाई चारे का जन्म होगा
जो देश की प्रगति में सहायक होगा। आपस में
सबका सदभाव बढ़ेगा। हम आपस में लड़ तो
बहुत लिए अब मेल मिलाप की जरूरत है।
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*ध्यान से पढ़ें* *कृपया पढ़ना न छोड़ें* *👏जब बूढ़े लोग बहुत अधिक बात करते हैं तो उनका मजाक उड़ाया जाता है, लेकिन डॉक्टर इसे आशीर्वाद के...