*किसने की पता नहीं पर ताश के 52 पत्ते और दो जोकर पर जो रिसर्च हुई है सो प्रस्तुत है!*
ताश के पत्तों में कुछ महानुभाव ज्योतिष्य ज्ञान का प्रतिफल युक्त गणित आजमाते है, आप भी देखें: अपने पूर्वजों का ज्ञानार्जन ….
.......!! *ताश का मर्म* !!......
हम ताश खेलते है, अपना मनोरंजन करते है। पर शायद कुछ ही लोग जानते होंगे कि *ताश का आधार वैज्ञानिक है* व साथ साथ ही *प्रकृति* से भी जुड़ा हुआ है :-
आयताकार मोंटे कागज़ से बने पत्ते चार प्रकार के ..... ईंट, पान, चिड़ी, और हुक्म, प्रत्येक 13 पत्तों को मिलाकर कुल 52 पत्ते होते हैं।
पत्ते.... एक्का से दस्सा, गुलाम, रानी एवं राजा
1. 52 पत्ते .......52 सप्ताह
2. 4 प्रकार के पत्ते .... 4 ऋतु
3. प्रत्येक रंग के 13 पत्ते.... प्रत्येक ऋतु में 13 सप्ताह
4. सभी पत्तों का जोड़ ..1 से 13 = 91 × 4 = 364
5. एक जोकर..... 364+1= 365 दिन...1 वर्ष
6. दूसरा जोकर गिने..365 +1=366 दिन..लीप वर्ष
7. 52 पत्तों में 12 चित्र वाले पत्ते - 12 महिने
8. लाल और काला रंग ... दिन और रात!
*पत्तों का अर्थ:-*
1. ईक्का- एक आत्मा
2 *दुक्की* - जीव और पुद्गल
3 *तिक्की*- सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चारित्र
4. *चौकी* - चार अनुयोग(प्रथमानुयोग,चरणानुयोग,करनानुयोग,द्रव्यानुयोग )
5. *पंजी* - पंच पाप से बचना(हिंसा,झूठ,चोरी,कुशील,परिग्रह)
6. *छक्की* - षड आवश्यक कार्य करना (देव पूजा, गुरु उपासना,स्वाध्याय,संयम,तप,दान)
7. *सत्ती*- सात तत्व को जानो (जीव, अजीव, आश्रव,संवर, निर्जरा,मोक्ष)
8. *अटठी*- सिद्ध के आठ गुण प्रकट करो (अनंत दर्शन,अनंत ज्ञान,अनंत सुख, अनंत वीर्य, अव्यबाधत्व, अगुरुलघुत्व, अवगाहनत्व)
9. *नव्वा*- नौ कषाय को भी त्यागो (हास्य,रति, अरति,शोक,भय, जुगुप्सा,स्त्रीवेद पुरुष वेद, नपुंसक वेद,)
10. *दस्सी*- दस धर्म प्रकट करो (उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव,सत्य, शौच,संयम,तप,त्याग, आकिंचन,ब्रह्मचर्य)
11. *गुलाम*- मन की वासना के गुलाम मत बनो
12. *रानी*- मोह रूपी माया को त्यागो
13. *राजा* - आत्म गुणों पर शासन करो
मित्रो अवश्य पढ़ें। आनंद के साथ साथ ज्ञान भी। *भारतीय संस्कार और परंपरा को नमन* जो हर कार्य में अच्छाई ढूंढ लेती हुई।
दृष्टिकोण दृष्टि बदल देता है
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