सोमवार, 30 सितंबर 2024
शनिवार, 28 सितंबर 2024
नालन्दा विश्वविद्यालय
।।----- नालंदा विश्वविद्यालय की कुछ खास रहस्य -----।।
नालंदा यूनिवर्सिटी - अभी तक के ज्ञात इतिहास की सबसे महान यूनिवर्सिटी ।
आज भले ही भारत शिक्षा के मामले में 191 देशों की लिस्ट में 145वें नम्बर पर हो लेकिन कभी यहीं भारत दुनियाँ के लिए ज्ञान का स्रोत हुआ करता था। आज सैकड़ो छात्रों पर केवल एक अध्यापक उपलब्ध होते हैं वहीं हजारों वर्ष पहले इस विश्वविद्यालय के वैभव के दिनों में इसमें 10,000 से अधिक छात्र और 2,000 शिक्षक शामिल थे यानी कि केवल 5 छात्रों पर एक अध्यापक ..। नालंदा में आठ अलग-अलग परिसर और 10 मंदिर थे, साथ ही कई अन्य मेडिटेशन हॉल और क्लासरूम थे। यहाँ एक पुस्तकालय 9 मंजिला इमारत में स्थित था, जिसमें 90 लाख पांडुलिपियों सहित लाखों किताबें रखी हुई थीं । यूनिवर्सिटी में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, ईरान, ग्रीस, मंगोलिया समेत कई दूसरे देशो के स्टूडेंट्स भी पढ़ाई के लिए आते थे। और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि उस दौर में यहां लिटरेचर, एस्ट्रोलॉजी, साइकोलॉजी, लॉ, एस्ट्रोनॉमी, साइंस, वारफेयर, इतिहास, मैथ्स, आर्किटेक्टर, भाषा विज्ञानं, इकोनॉमिक, मेडिसिन समेत कई विषय पढ़ाएं जाते थे।
इसका पूरा परिसर एक विशाल दीवार से घिरा हुआ था जिसमें प्रवेश के लिए एक मुख्य द्वार था। उत्तर से दक्षिण की ओर मठों की कतार थी । केन्द्रीय विद्यालय में सात बड़े कक्ष थे और इसके अलावा तीन सौ अन्य कमरे थे। इनमें व्याख्यान हुआ करते थे। मठ एक से अधिक मंजिल के होते थे प्रत्येक मठ के आँगन में एक कुआँ बना था। आठ विशाल भवन, दस मंदिर, अनेक प्रार्थना कक्ष तथा अध्ययन कक्ष के अलावा इस परिसर में सुंदर बगीचे तथा झीलें भी थी। इस यूनिवर्सटी में देश विदेश से पढ़ने वाले छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा भी थी ।
यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा इतनी कठिन होती थी की केवल विलक्षण प्रतिभाशाली विद्यार्थी ही प्रवेश पा सकते थे। यहां आज के विश्विद्यालयों की तरह छात्रों का अपना संघ होता था वे स्वयं इसकी व्यवस्था तथा चुनाव करते थे। छात्रों को किसी प्रकार की आर्थिक चिंता न थी। उनके लिए शिक्षा, भोजन, वस्त्र औषधि और उपचार सभी निःशुल्क थे। राज्य की ओर से विश्वविद्यालय को दो सौ गाँव दान में मिले थे, जिनसे प्राप्त आय और अनाज से उसका खर्च चलता था।
लगभग 800 सालों तक अस्तित्व में रहने के बाद इस विश्वविद्यालय को तहस नहस कर दिया ।।
ख़ुश वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10 युक्तियाँ.❤️ 1. सुबह-सुबह, यदि आपकी नींद अलार्म घड़ी, मोबाइल फ़ोन, पक्षियों की चहचहाहट या अन्य शोर से खुल जाती है, तो ख़ुश हो जाइए और खुद को भाग्यशाली मानिएगा। इसका मतलब है कि आप अभी भी इस दुनियां का हिस्सा हैं। 2. जागने के बाद, थोड़ा पानी पिएं और उन लोगों को संदेश भेजें जिन्हें आप जानते हैं, प्यार करते हैं और जिनकी आप परवाह करते हैं। उन्हें नमस्कार करें, "सुप्रभात।" इसका मतलब है कि आप स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं और स्वस्थ हैं। आप एक नए और ख़ूबसूरत दिन की शुरुआत कर सकते हैं। 3. आपको दोस्तों से टेक्स्ट संदेश और कॉल प्राप्त होते हैं जो आपको एक साथ भोजन करने या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए आमंत्रित करते हैं। इसका मतलब है कि आप मिलनसार हैं और लोगों के साथ आपके अच्छे संबंध हैं। आपके दोस्त अभी भी आपके बारे में सोच रहे हैं। 4. कभी-कभी, कुछ लोग आपकी बुराई कर सकते हैं या आपकी पीठ पीछे चुगली कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आप अभी भी उनके दिलों में बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वे निश्चित रूप से जीवन में आपके जैसा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। आपको ख़ुश और भाग्यशाली महसूस करना चाहिएं। 5. यदि आप अधिक वज़न होने के बारे में चिंतित हैं, तो आप बहुत अच्छा खा रहे हैं, और आपका भोजन स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर है। चिंता मत करो। स्वस्थ जीवन, लंबे जीवन और मजबूत प्रतिरक्षा के बारे में सभी स्वास्थ्य संबंधी बातें भोजन पर आधारित हैं। बस नियंत्रण रखें और बाकी सब कुछ संयमित रखें। 6. यदि आप अक़्सर दोस्तों के साथ बाहर जाते हैं, खाना खाते हैं, बातें करते हैं, यात्रा करते हैं और जगहें देखते हैं और आपके वातावरण में बदलाव आता है, तो यह साबित करता है कि आपके जीवन जीने के तरीके में कुछ मानक हैं। 7. यदि विपरीत लिंग को देखकर या उससे बात करते समय आपके मन में भावनाएँ आती हैं, तो शर्म महसूस नां करें। इसका मतलब है कि आप दिल से जवान हैं और बहुत स्वस्थ हैं। 8. यदि आप 65 पार कर चुके हैं तो ख़ुश और संतुष्ट रहें। एक विश्व सर्वेक्षण के अनुसार, 100 में से केवल 8 लोग ही 65 वर्ष से अधिक जीवित रहते हैं। 9. यदि आप बाहर जा सकते हैं और सामग्री खरीद सकते हैं और खाना बना सकते हैं, आप अच्छी तरह से देखते हैं, अच्छी तरह से सुनते हैं, टेक्स्ट संदेश भेजने के लिए अपने मोबाइल फोन का उपयोग करना जानते हैं, अपनी यादों के बारे में लिखते हैं, एक कहानी लिखते हैं, और ख़ुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं। आपका जीवन बहुत सफल रहा है. 10. यदि आप यह संदेश पढ़ रहे हैं और आपके चेहरे पर मुस्कान है, तो आप बहुत खुश, संतुष्ट और संतुष्ट व्यक्ति हैं। यदि आप इस संदेश को दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं, तो इसका मतलब है कि आप स्वार्थी नहीं हैं; आप दयालु हैं; आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो मानव जाति की परवाह करते हैं और उससे प्यार करते हैं। आइए सेवानिवृत्त मित्र इस संदेश को पढ़ें और खुशियाँ फैलाएँ। 😇😊
ख़ुश वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10 युक्तियाँ.❤️
1. सुबह-सुबह, यदि आपकी नींद अलार्म घड़ी, मोबाइल फ़ोन, पक्षियों की चहचहाहट या अन्य शोर से खुल जाती है, तो ख़ुश हो जाइए और खुद को भाग्यशाली मानिएगा। इसका मतलब है कि आप अभी भी इस दुनियां का हिस्सा हैं।
2. जागने के बाद, थोड़ा पानी पिएं और उन लोगों को संदेश भेजें जिन्हें आप जानते हैं, प्यार करते हैं और जिनकी आप परवाह करते हैं। उन्हें नमस्कार करें, "सुप्रभात।" इसका मतलब है कि आप स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं और स्वस्थ हैं। आप एक नए और ख़ूबसूरत दिन की शुरुआत कर सकते हैं।
3. आपको दोस्तों से टेक्स्ट संदेश और कॉल प्राप्त होते हैं जो आपको एक साथ भोजन करने या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए आमंत्रित करते हैं। इसका मतलब है कि आप मिलनसार हैं और लोगों के साथ आपके अच्छे संबंध हैं। आपके दोस्त अभी भी आपके बारे में सोच रहे हैं।
4. कभी-कभी, कुछ लोग आपकी बुराई कर सकते हैं या आपकी पीठ पीछे चुगली कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आप अभी भी उनके दिलों में बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वे निश्चित रूप से जीवन में आपके जैसा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। आपको ख़ुश और भाग्यशाली महसूस करना चाहिएं।
5. यदि आप अधिक वज़न होने के बारे में चिंतित हैं, तो आप बहुत अच्छा खा रहे हैं, और आपका भोजन स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर है। चिंता मत करो। स्वस्थ जीवन, लंबे जीवन और मजबूत प्रतिरक्षा के बारे में सभी स्वास्थ्य संबंधी बातें भोजन पर आधारित हैं। बस नियंत्रण रखें और बाकी सब कुछ संयमित रखें।
6. यदि आप अक़्सर दोस्तों के साथ बाहर जाते हैं, खाना खाते हैं, बातें करते हैं, यात्रा करते हैं और जगहें देखते हैं और आपके वातावरण में बदलाव आता है, तो यह साबित करता है कि आपके जीवन जीने के तरीके में कुछ मानक हैं।
7. यदि विपरीत लिंग को देखकर या उससे बात करते समय आपके मन में भावनाएँ आती हैं, तो शर्म महसूस नां करें। इसका मतलब है कि आप दिल से जवान हैं और बहुत स्वस्थ हैं।
8. यदि आप 65 पार कर चुके हैं तो ख़ुश और संतुष्ट रहें। एक विश्व सर्वेक्षण के अनुसार, 100 में से केवल 8 लोग ही 65 वर्ष से अधिक जीवित रहते हैं।
9. यदि आप बाहर जा सकते हैं और सामग्री खरीद सकते हैं और खाना बना सकते हैं, आप अच्छी तरह से देखते हैं, अच्छी तरह से सुनते हैं, टेक्स्ट संदेश भेजने के लिए अपने मोबाइल फोन का उपयोग करना जानते हैं, अपनी यादों के बारे में लिखते हैं, एक कहानी लिखते हैं, और ख़ुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं। आपका जीवन बहुत सफल रहा है.
10. यदि आप यह संदेश पढ़ रहे हैं और आपके चेहरे पर मुस्कान है, तो आप बहुत खुश, संतुष्ट और संतुष्ट व्यक्ति हैं।
यदि आप इस संदेश को दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं, तो इसका मतलब है कि आप स्वार्थी नहीं हैं; आप दयालु हैं; आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो मानव जाति की परवाह करते हैं और उससे प्यार करते हैं।
आइए सेवानिवृत्त मित्र इस संदेश को पढ़ें और खुशियाँ फैलाएँ। 😇😊
गुरुवार, 26 सितंबर 2024
परमात्मा से मिलन
*🙏🌹ॐ सुप्रभात🌹🙏*
*🌻मै कौन हूं ?🌻*
एक संन्यासी सारी दुनिया की यात्रा करके भारत वापिस लौटा था | एक छोटी सी रियासत में मेहमान हुआ।उस रियासत के राजा ने जाकर संन्यासी को कहा :- स्वामी !! एक प्रश्न बीस वर्षो से निरंतर पूछ रहा हूं कोई उत्तर नहीं मिलता।क्या आप मुझे उत्तर देंगे ?
स्वामी ने कहा :- निश्चित दूंगा।
उस संन्यासी ने उस राजा से कहा : नहीं !! आज तुम खाली नहीं लौटोगे | पूछो ?
उस राजा ने कहा : मैं ईश्वर से मिलना चाहता हूं | ईश्वर को समझाने की कोशिश मत करना | मैं सीधा मिलना चाहता हूं |
उस संन्यासी ने कहा :- अभी मिलना चाहते हैं कि थोड़ी देर ठहर कर ?
राजा ने कहा : माफ़ करिए !! शायद आप समझे नहीं | मैं परम पिता परमात्मा की बात कर रहा हूं ! आप यह तो नहीं समझे कि किसी ईश्वर नाम वाले आदमी की बात कर रहा हूं ;जो आप कहते हैं कि अभी मिलना है कि थोड़ी देर रुक सकते हो ?
उस संन्यासी ने कहा :- महानुभाव !! भूलने की कोई गुंजाइश नहीं है | मैं तो चौबीस घंटे परमात्मा से मिलाने का धंधा ही करता हूं | अभी मिलना है कि थोड़ी देर रुक सकते हैं,सीधा जवाब दें |
बीस साल से मिलने को उत्सुक हो और आज वक्त आ गया तो मिल लो |राजा ने हिम्मत की , उसने कहा : अच्छा मैं अभी मिलना चाहता हूं मिला दीजिए |
संन्यासी ने कहा:- *कृपा करो !! इस छोटे से कागज पर अपना नाम पता लिख दो ताकि मैं भगवान के पास पहुंचा दूं कि आप कौन हैं !!*
राजा ने लिखा-अपना नाम , अपना महल,अपना परिचय , अपनी उपाधियां और उसे दीं |
वह संन्यासी बोला कि महाशय , ये सब बाते मुझे झूठ और असत्य मालूम होती हैं जो आपने कागज पर लिखीं !!
उस संन्यासी ने कहा : मित्र !! अगर तुम्हारा नाम बदल दें तो क्या तुम बदल जाओगे ?
तुम्हारी चेतना,तुम्हारी सत्ता , तुम्हारा व्यक्तित्व दूसरा हो जाएगा ?उस राजा ने कहा :- नहीं !! नाम के बदलने से मैं क्यों बदलूंगा ? नाम नाम है , मैं मैं हूं |
तो संन्यासी ने कहा : एक बात तय हो गई कि नाम तुम्हारा परिचय नहीं है , क्योंकि तुम उसके बदलने से बदलते नहीं | आज तुम राजा हो कल गांव के भिखारी हो जाओ तो बदल जाओगे ?
उस राजा ने कहा : नहीं,राज्य चला जाएगा,भिखारी हो जाऊंगा, लेकिन मैं क्यों बदल जाऊंगा ? मैं तो जो हूं | राजा होकर जो हूं,भिखारी होकर भी वही होऊंगा |
न होगा मकान,न होगा राज्य , न होगी धन- संपति,लेकिन मैं ? मैं तो वही रहूंगा जो मैं हूं |
तो संन्यासी ने कहा : तय हो गई दूसरी बात कि राज्य तुम्हारा परिचय नहीं है,क्योंकि राज्य छिन जाए तो भी तुम बदलते नहीं | तुम्हारी उम्र कितनी है ?
उसने कहा : चालीस वर्ष |
संन्यासी ने कहा : तो पचास वर्ष के होकर तुम दूसरे हो जाओगे ? बीस वर्ष या जब बच्चे थे तब दूसरे थे ?
उस राजा ने कहा :- नही | उम्र बदलती है,शरीर बदलता है लेकिन मैं ? मैं तो जो बचपन में था जो मेरे भीतर था,वह आज भी है |
उस संन्यासी ने कहा : फिर उम्र भी तुम्हारा परिचय न रहा,शरीर भी तुम्हारा परिचय न रहा |
फिर तुम कौन हो ? उसे लिख दो तो पहुंचा दूं भगवान के पास,नहीं तो मैं भी झूठा बनूंगा तुम्हारे साथ !! यह कोई भी परिचय तुम्हारा नहीं है|
राजा बोला :- तब तो बड़ी कठिनाई हो गई | उसे तो मैं भी नहीं जानता फिर ! जो मैं हूं,उसे तो मैं नहीं जानता ! इन्हीं को मैं जानता हूं मेरा होना |
उस संन्यासी ने कहा : फिर बड़ी कठिनाई हो गई क्योंकि जिसका मैं परिचय भी न दे सकूं,बता भी न सकूं कि कौन मिलना चाहता है ! तो भगवान भी क्या कहेंगे कि किसको मिलना चाहता है ?
तो जाओ पहले इसको खोज लो कि *तुम कौन हो?* और मैं तुमसे कहे देता हूं कि जिस दिन तुम यह जान लोगे कि तुम कौन हो ? उस दिन तुम आओगे नहीं भगवान को खोजने |क्योंकि खुद को जानने में वह भी जान लिया जाता है जो परमात्मा है |l
हरि बोल
*👉अपना सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है।*
*🌻हम बदलेंगे,युग बदलेगा।🌻*
*आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो।*🙏💐
बुधवार, 25 सितंबर 2024
जैन समाज को बधाई
*नमन है समाज के इस प्रयास को*
दक्षिण अफ्रीका का देश नामीबिया भयंकर अकाल का सामना कर रहा है भुखमरी फैली हुई है
लोगों का पेट भरने के लिए नामीबिया की सरकार ने 700 से ज्यादा जंगली जानवरों को करने का आदेश दिया
इसमें 200 तो हाथी थे
यह खबर जब मीडिया में आई तब अहमदाबाद की जैन संस्था तपोवन यूथ ने नामीबिया दूतावास से बात करके 27 मेट्रिक टन अनाज नामीबिया भेजा
बदले में नामीबिया सरकार से लिखित में गारंटी लिया कि लोगों का इंसानों को खिलाने के लिए जंगली जानवरों की हत्या नहीं की जाएगी
इसके अलावा इस जैन संस्था तपोवन यूथ ने नामीबिया सरकार से कहा कि अगर भविष्य में इस तरह का आदेश न देने का नामीबिया सरकार गारंटी दे तो हम 500 मेट्रिक टन अनाज और भेजेंगे
आज इस बारे में खुद गुजरात के मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके तपोवन युद्ध संस्था की खूब तारीफ किया है और इस नेक काम में गुजरात सरकार भी पूरा सहयोग करेगी यह कहा है ।
मंगलवार, 17 सितंबर 2024
शनिवार, 14 सितंबर 2024
स्वस्थ्य रहें
🍃 *Arogya*🍃
*5 आदतें,जो आपको हमेशा रखेंगी थकान से दूर*
*---------------------------------*
*1. भरपूर पीएं पानी :*
गर्मी के मौसम में पानी की कमी से थकान होने लगती है और आप चाहें कितना भी आराम कर लें, आपके शरीर में थकावट बरकरार रहती है। नेचुरल हाइड्रेशन काउंसिल के शोधकर्ताओं के मुताबिक, कम पानी रक्त के स्तर को कम करता है, जिससे शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
*2. मोबाइल से तौबा :*
हर वक्त मोबाइल से चिपके रहने की आदत से तौबा कर लें। सोने से पहले फोन चेक करने की आदत से आपकी नींद खराब होती है क्योंकि सोने के दौरान भी आदमी की दिमाग में मोबाइल चलता रहता है। मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी दिमाग के लिए खतरनाक है और यह सुस्ती पैदा करती है।
*3. व्यायाम जरूरी :*
व्यायाम को थकान से जोड़ना सरासर गलत है, बल्कि व्यायाम ताजगी और भरपूर नींद लाने में काफी सहायक है। यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के एक शोध के मुताबिक, जो वयस्क हफ्ते में तीन दिन कम से कम 20 मिनट के लिए व्यायाम करते हैं। उन्हें थकान बिल्कुल भी नहीं होती है।
*4. भोजन करें जल्दी :*
देर रात में भोजन करने की आदत आपकी सुस्ती का कारण हो सकती है। कई लोग ऑफिस या पार्टी के चक्कर में देर रात तक खाना खाते हैं, जिससे रात में नींद में परेशानी होती है। इससे आपका पूरा दिन खराब हो सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, रात में जल्दी खाना आपको चुस्ती देता है।
*5. शराब को करें मना :*
कई लोगों का मानना है कि रात में शराब पीने से उन्हें अच्छी नींद आएगी। लेकिन इससे नींद खराब हो जाती है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के एक शोध के मुताबिक, शराब का सेवन शरीर में सुस्ती पैदा करता है और रातभर आपकी नींद खुलती रहती है।
*Dr. (Vaid) Deepak Kumar*
*Adarsh Ayurvedic Pharmacy*
*Kankhal Hardwar* *aapdeepak.hdr@gmail.com*
*9897902760*
गुरुवार, 12 सितंबर 2024
देश खतरे में
Modi is playing in a defensive mode, as he would like to avoid any situation that has happened in our neighbouring countries. Rahul left for the USA last night to learn lessons from the agents of Deep State stalwarts to destabilize India and topple Modi.
*नरेंद्र मोदी चक्रव्यूह मैं फंस चुके हैं।*
सुशांत सिन्हा वरिष्ठ पत्रकार ने अपने शो में बताया था कि असल में चक्रव्यूह कैसा है…?
इस चक्रव्यूह के बीच में मोदी है। मोदी के नाम पर भारत है। और भारत के नाम पर हिंदुत्व की बात करने वाला वो हिन्दू जो जातियों से ऊपर अपने धर्म और देश को रखता है। इस तरह मोदी के नाम पर मोदी के चारों ओर चक्रव्यूह सेट किया हुआ है।
*इसके सबसे पहले घेरे में है…* आर्थिक तंत्र पर चोट! ताकि भारत की अर्थव्यवस्था चरमरा जाए। इसके लिए किसी हिडेनबर्ग की मदद लेकर कहा जाए कि भारत का बाजार फ्रॉड है। यहां से निवेश निकाल दो। LIC/SBI/HAL सब डूब रहे हैं। अपना पैसा हर जगह से निकाल दो और आगे भी निवेश मत करना।
*फिर दूसरे घेरे में है…* अग्निवीर जैसे मुद्दे! ताकि सेना में बगावत हो जाये। वो सेना ही है जो गृहयुद्ध या युद्ध के समय इस देश की रक्षा करेगी, तो उसे सरकार के खिलाफ भड़का दो ताकि वो भी गृहयुद्ध के समय तख़्तापलट करने में साथ दे।
*तीसरे घेरे में हैं…* किसान! ताकि उसे भड़काकर भारत की फ़ूड सप्लाई खत्म कर दो। एक देश भूखे पेट कितने दिन सर्वाइव कर सकता है…?
इस तरह अपने देश का पैसा, सेना और भोजन तीनों ब्लॉक कर दिए जो किसी भी युद्ध के समय महत्त्वपूर्ण हैं।
*फिर चौथे घेरे में है…* आरक्षण! कि इसके नाम पर हिन्दूओं को आपस में लड़ा दो और उनके अंदर भयंकर जातिवाद पनपा दो। इससे जब किसी युद्ध के समय उनसे एक होने की अपील की जाए तो वो आपस में ही एक-दूसरे को खत्म कर दें।
*पांचवे घेरे में है…* संविधान! संविधान को खतरे में बता दो कि इस देश में तानाशाही आ चुकी है और इससे पहले कि सरकार तुम्हें मारना शुरू करे, तुम स्वयं ही सरकार और उसके समर्थकों को चुन चुन कर मार दो वरना ये तुम्हे खत्म कर डालेंगे।
*छठे घेरे में…* फिर अल्पसंख्यक का मुद्दा ले आओ कि वो भी खतरे में हैं और यदि उन्हें खुद को बचाना है तो हमारा साथ दो और हमारी सरकार स्थापित करो, फिर हम सब मिलकर इनसे चुन चुन कर बदला लेंगे।
*और सातवें घेरे में हैं…* विदेशी ताकतें! कि तुम हमें फंडिंग करो, हमें प्लान समझाओ, कैसे कोई खलिस्तान करना है, कैसे कोई ईसाई देश नार्थईस्ट में करना है, कैसे कोई इस्लामी निजाम की बात केरल/बंगाल में करनी है, कैसे नार्थ बनाम साउथ में लड़ाना है, कैसे हिंदी/गैर हिंदी में बांटना है और फिर जब ये हो जाए तो विदेशी ताकतें लोकतंत्र बचाने के नाम पर इस देश में हस्तक्षेप करें जैसा वो अन्य देशों में करती हैं।
*इस तरह का सात घेरों का चक्रव्यूह है जिसके खिलाफ मोदी को*
मोदी की ताकत जनता का उन पर अटूट विश्वास है। और वर्तमान समय में हर वो चीज की जा रही है जिससे कि वो अटूट विश्वास टूट सके।
मोदी खत्म, तो उनकी आड़ में जितने भी हिन्दू फुदकते हैं और कांग्रेस से लेकर मजहब तक को गालियां देते हैं, फिर उन्हें खत्म किया जाएगा। राष्ट्रवाद को अपराध घोषित किया जाएगा। जुल्म के खिलाफ बोलने पर ही उठा दिया जाएगा। अन्य देशों से कोई कुछ नहीं बोलेगा जैसे आज बंग्लादेश पर नहीं बोलता, उल्टा कहता है कि सब फर्जी बातें हैं। पश्चिम बंगाल की तरह ही आवाज उठाने पर ही घर से उठा दिया जाएगा।
और सुप्रीम कोर्ट, वो स्वतः बचाने आएगा…?
सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी उसी तरह घेरा जाएगा जैसा बांग्लादेश में किया, तत्पश्चात उनसे इस्तीफा ले लिया जाएगा।
और इन सबका बहाना रहेगा कि तानाशाही के खिलाफ जनता ने बगावत कर दी है।
वो हिंदुत्व करने वालों को थोड़ी मार रहे हैं, वो तो भाजपा समर्थकों को मार रहे। जो मोदी का साथ देकर जुल्म का साथ देते थे। फलां टोपी वाले ने तो हिंदू को इसलिए काट दिया कि इतने सालों से उसका उत्पीड़न हो रहा था। फलां हिंदू लड़की को तो इसलिए उठाकर रेप कर दिया क्योंकि ये बेअदबी करती थी मजहब की। फलां हिंदू का घर तो इसलिए लूट लिया क्योंकि ये पूंजीवाद का समर्थन करता था और गरीबों को दुत्कारता था। फलां हिंदुओं से इसलिए इस्तीफा ले रहें कि ये सरकार के साथ तानाशाही में शामिल थे। फलां हिंदुओं पर इसलिए जजिया (सम्पत्ति) टैक्स इसलिए लगा रहें कि इन्होंने बहुत लूट मचाई हुई थी।
और ये सब अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं, बल्कि आपके पड़ोसी देश बांग्लादेश में हो रहा है, आपके राज्य बंगाल में हो रहा है, और कितने दर्जन देशों में इसका इतिहास है।
हाँ वो अलग बात है कि तुम गलतफ़हमी में रहो कि मेरे साथ नहीं होगा और तब तक मैं किसी महंगाई या टैक्स के नाम पर विधवा-विलाप करता हूँ और सबक सिखाने निकल पड़ता हूँ।
अतः हिन्दूओ अब जागो और अपने धर्म को, अपनी आनेवाली पीढ़ियों को बचाओ । एकजुट हो जाओ अपना स्वाभिमान जगाओ कब तक सोए रहोगे । जागो हिन्दू जागो। जाति पाति के चक्कर से बाहर निकलकर अपने , अपने परिवार, अपने समाज, अपने धर्म व अपने देश को बचाने के लिए एक हो जाओ। ये सब मतलबी नेता कोई भी साथ नहीं देंगे सब विधर्मियों के साथ मिल जाएंगे। ये मोदी जी ही हैं जिन की बजह से हम बच रहे हैं।
साभार
बुधवार, 11 सितंबर 2024
बुधवार, 4 सितंबर 2024
इच्छाएं कम करो
मैं जितने साल जी चुका हूँ,
उससे अब कम साल मुझे जीना है।
यह समझ आने के बाद
मुझमें यह परिवर्तन आया है:
**०१)** किसी प्रियजन की विदाई से अब मैं रोना छोड़ चुका हूँ क्योंकि आज नहीं तो कल मेरी बारी है।
**०२)** उसी प्रकार, अगर मेरी विदाई अचानक हो जाती है, तो मेरे बाद लोगों का क्या होगा, यह सोचना भी छोड़ दिया है क्योंकि मेरे जाने के बाद कोई भूखा नहीं रहेगा और मेरी संपत्ति को कोई छोड़ने या दान करने की ज़रूरत नहीं है।
**०३)** सामने वाले व्यक्ति के पैसे, पावर और पोजीशन से अब मैं डरता नहीं हूँ।
**०४)** खुद के लिए सबसे अधिक समय निकालता हूँ। मान लिया है कि दुनिया मेरे कंधों पर टिकी नहीं है। मेरे बिना कुछ रुकने वाला नहीं है।
**०५)** छोटे व्यापारियों और फेरीवालों के साथ मोल-भाव करना बंद कर दिया है। कभी-कभी जानता हूँ कि मैं ठगा जा रहा हूँ, फिर भी हँसते-मुस्कुराते चला जाता हूँ।
**०६)** कबाड़ उठाने वालों को फटी या खाली तेल की डिब्बी वैसे ही दे देता हूँ, पच्चीस-पचास रुपये खर्च करता हूँ, जब उनके चेहरे पर लाखों मिलने की खुशी देखता हूँ तो खुश हो जाता हूँ।
**०७)** सड़क पर व्यापार करने वालों से कभी-कभी बेकार की चीज़ भी खरीद लेता हूँ।
**०८)** बुजुर्गों और बच्चों की एक ही बात कितनी बार सुन लेता हूँ। कहने की आदत छोड़ दी है कि उन्होंने यह बात कई बार कही है।
**०९)** गलत व्यक्ति के साथ बहस करने की बजाय मानसिक शांति बनाए रखना पसंद करता हूँ।
**१०)** लोगों के अच्छे काम या विचारों की खुले दिल से प्रशंसा करता हूँ। ऐसा करने से मिलने वाले आनंद का मजा लेता हूँ।
**११)** ब्रांडेड कपड़ों, मोबाइल या अन्य किसी ब्रांडेड चीज़ से व्यक्तित्व का मूल्यांकन करना छोड़ दिया है। व्यक्तित्व विचारों से निखरता है, ब्रांडेड चीज़ों से नहीं, यह समझ गया हूँ।
**१२)** मैं ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखता हूँ जो अपनी बुरी आदतों और जड़ मान्यताओं को मुझ पर थोपने की कोशिश करते हैं। अब उन्हें सुधारने की कोशिश नहीं करता क्योंकि कई लोगों ने यह पहले ही कर दिया है।
**१३)** जब कोई मुझे जीवन की दौड़ में पीछे छोड़ने के लिए चालें खेलता है, तो मैं शांत रहकर उसे रास्ता दे देता हूँ। आखिरकार, ना तो मैं जीवन की प्रतिस्पर्धा में हूँ, ना ही मेरा कोई प्रतिद्वंद्वी है।
**१४)** मैं वही करता हूँ जिससे मुझे आनंद आता है। लोग क्या सोचेंगे या कहेंगे, इसकी चिंता छोड़ दी है। चार लोगों को खुश रखने के लिए अपना मन मारना छोड़ दिया है।
**१५)** फाइव स्टार होटल में रहने की बजाय प्रकृति के करीब जाना पसंद करता हूँ। जंक फूड की बजाय बाजरे की रोटी और आलू की सब्जी में संतोष पाता हूँ।
**१६)** अपने ऊपर हजारों रुपये खर्च करने की बजाय किसी जरूरतमंद के हाथ में पाँच सौ हजार रुपये देने का आनंद लेना सीख गया हूँ। और हर किसी की मदद पहले भी करता था और अब भी करता हूँ।
**१७)** गलत के सामने सही साबित करने की बजाय मौन रहना पसंद करने लगा हूँ। बोलने की बजाय चुप रहना पसंद करने लगा हूँ। खुद से प्यार करने लगा हूँ।
**१८)** मैं बस इस दुनिया का यात्री हूँ, मैं अपने साथ केवल वह प्रेम, आदर और मानवता ही ले जा सकूंगा जो मैंने बाँटी है, यह मैंने स्वीकार कर लिया है।
**१९)** मेरा शरीर मेरे माता-पिता का दिया हुआ है, आत्मा परम कृपालु प्रकृति का दान है, और नाम फॉइबा का दिया हुआ है... जब मेरा अपना कुछ भी नहीं है, तो लाभ-हानि की क्या गणना?
**२०)** अपनी सभी प्रकार की कठिनाइयाँ या दुख लोगों को कहना छोड़ दिया है, क्योंकि मुझे समझ आ गया है कि जो समझता है उसे कहना नहीं पड़ता और जिसे कहना पड़ता है वह समझता ही नहीं।
**२१)** अब अपने आनंद में ही मस्त रहता हूँ क्योंकि मेरे किसी भी सुख या दुख के लिए केवल मैं ही जिम्मेदार हूँ, यह मुझे समझ आ गया है।
**२२)** हर पल को जीना सीख गया हूँ क्योंकि अब समझ आ गया है कि जीवन बहुत ही अमूल्य है, यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं है, कुछ भी कभी भी हो सकता है, ये दिन भी बीत जाएँगे।
**२३)** आंतरिक आनंद के लिए मानव सेवा, जीव दया और प्रकृति की सेवा में डूब गया हूँ, मुझे समझ आया है कि अनंत का मार्ग इन्हीं से मिलता है।
**२४)** प्रकृति और देवी-देवताओं की गोद में रहने लगा हूँ, मुझे समझ आया है कि अंत में उन्हीं की गोद में समा जाना है।
*देर से ही सही, लेकिन समझ आ गया है*
*शायद मुझे जीना आ गया है*
*मुझे लगता है, यह स्वीकार करने जैसा है।*
उद्योगों से ही नॉकरियाँ हैं
एटलस साइकिल का नाम सुना होगा आपने! एटलस साइकिल भारत का प्रतिष्ठित साइकिल ब्रांड हुआ करता था। गांव गांव एटलस की साइकिलें मिला करती थीं। पिछले दिनों इसका अंतिम फैक्ट्री जो साहिबाबाद, गाज़ियाबाद में स्थित था, बंद हो गया।
कल इसके मालिक रहे सलिल कपूर ने अपने तुगलक रोड, दिल्ली स्थित कोठी में आत्महत्या कर ली।
इसके पहले 2021 में सलिल कपूर की पत्नी नताशा कपूर ने भी आत्महत्या कर लिया था
Rags to Riches और फिर Riches to Rags का यह उदाहरण होगा। यह इस बात का उदाहरण होगा कि जैसे जैसे तकनीक बदलती है वैसे वैसे आपको भी बदलना होता है। जो नहीं बदलता है वह सरवाइव नहीं कर पाता।
कॉरपोरेट्स पर, उद्योगपतियों पर भी बहुत दबाव होता है, यह भी ध्यान रखने की बात है। देश में करोड़ों लोगों को रोजगार इन्ही उद्यामोंं के रास्ते आता है।
हम एक मिनट नहीं लगाते पूंजी और पूंजीपतियों को कोसने में। खैर!
क्रोध से मुक्ति
पति ने अपनी गुस्सैल पत्नी से तंग आकर एक दिन उसे कीलों से भरा एक थैला देते हुए कहा, तुम्हें जब भी क्रोध आए तुम थैले से एक कील निकाल कर आंगन की दीवार में ठोंक देना।
पत्नी को अगले दिन जैसे ही क्रोध आया उसने एक कील आंगन की दीवार पर ठोंक दी। यह प्रक्रिया वह लगातार करती रही।
धीरे धीरे उसकी समझ में आने लगा कि कील ठोंकने की व्यर्थ मेहनत करने से अच्छा तो अपने क्रोध पर नियंत्रण करना है और क्रमशः कील ठोंकने की उसकी संख्या कम होती गई।
एक दिन ऐसा भी आया कि पत्नी ने दिन में एक भी कील नहीं ठोंकी।
उसने खुशी खुशी यह बात अपने पति को बताई। उसका पति बहुत प्रसन्न हुआ और कहा, जिस दिन तुम्हें लगे कि तुम एक बार भी क्रोधित नहीं हुई, ठोंकी हुई कीलों में से एक कील निकाल लेना।
पत्नी ऐसा ही करने लगी। एक दिन ऐसा भी आया कि आंगन की दीवार पर एक भी कील नहीं बची। उसने खुशी खुशी यह बात अपने पति को बताई।
पति अपनी पत्नी को आंगन में लेकर आया और कीलों के छेद दिखाते हुए पूछा, क्या तुम ये छेद भर सकती हो?
पत्नी ने कहा, नहीं जी
पति ने उसके कन्धे पर हाथ रखते हुए कहा,अब समझ में आया, क्रोध में तुम्हारे द्वारा कहे गए कठोर शब्द, दूसरे के दिल में ऐसे छेद कर देते हैं, जिनकी भरपाई भविष्य में तुम कभी नहीं कर सकती।
जब भी आपको क्रोध आये तो सोचिए कि कहीं आप भी किसी के दिल में शब्दो के द्वारा कील ठोंकने तो नहीं जा रहे। समय के साथ कील तो निकल जायेगी लेकिन निशान नहीं जायेंगे।शिष्टता एवं विनम्रता को अपने व्यवहार का आभूषण बनाए।
सुप्रभात🙏
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