शुक्रवार, 5 मई 2023
एक अहंकारी, एक नासमझ
ब्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमीर जेकेन्स्की
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंसकी के बीच 14 महीने से भयंकर युद्ध चल रहा है। दोनों ही मीर हैं, दोनों ही अहंकारी हैं। एक हराने को त्तपर है एवम दूसरा हारने को तैयार नहीं है। एक अहंकार से भरा है दूसरा अहंकार में नासमझी - नादानी कर रहा है। एक को अपनी शक्ति पर बहुत भरोसा है दूसरा खैरात के हैथियारो के भरोसे लड़ाई लड़ रहा है और अपने सुंदर देश को बर्बाद करा रहा है। दोनों ही मीर हैं लेकिन लेकिन लगता है समझ से अमीर नहीं हैं। दोनों का बेहताशा जानों माल का नुकसान हो रहा है लेकिन लगता है दोनों को ही इसकी परवाह नहीं है।
अभी हाल ही में मास्को के राष्ट्रपति भवन पर ड्रोन से हमला कर पुतिन की जान लेने के आरोप जेकेन्स्की पर रूस द्वारा लगाये गए हैं। जिसके फलस्वरूप लगता है की अब रूस यूक्रेन पर और भी ज्यादा तेजी से हमले शुरू कर देगा। हालांकि शक्तिशाली देश रूस के द्वारा एक छोटे देश यूक्रेन पर इतने लंबे समय तक भी युद्ध कर कब्जा न कर पाना रूस की कमजोरी ही दर्शाता है। लेकिन दूसरी तरफ यह सही है की रूस सिर्फ यूक्रेन से युद्ध नहीं कर रहा बल्कि उसे नाटो के कई बड़े देशों और साथ ही अमेरिका जैसे बड़े देश के हथियारों से लड़ना पड़ रहा है। या यों कहिये की अप्रत्यक्ष रूप से रूस विश्व के कई देशों से लड़ रहा है जिसमें आर्थिक पाबंदियों एवं आधुनिक हथियार शामिल हैं।
पता नहीं यह युद्ध कब तक चलेगा? लेकिन इस युद्ध से यह साबित हो गया है की वैश्विक संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ के नियम- कानून सिर्फ छोटे देशों पर ही चलते हैं। बड़े देशों को संयुक्त राष्ट्र संघ की कोई आवश्यकता नहीं लगती। इस समय विश्व के हालात ठीक नहीं है। सम्पूर्ण विश्व बारूद के ढेर पर बैठा है। अनेक बड़े देश एक दूसरे के दुश्मन बनें हुए हैं। यदि किसी एक देश के द्वारा भी कोई बड़ी कार्यवाही हो गई तो तृतीय विश्व युद्ध का आरंभ हो जायेगा इसमें कोई शक की गुंजाइश नहीं है। फिर कौन रहेगा , कौन बचेगा कुछ पता नहीं। इसलिये हे अहंकारियों, हे दुराचारियों, हे भृष्टाचारियों अभी भी समय है सम्भल जाओ। अपना यह लोक तो तुमने जैसा जिया उसका फल तो परलोक में ही मिलेगा लेकिन अभी समय रहते बुरे कार्य छोड़कर अच्छे कार्यों में लग जाओ। सब यहीं धरा रह जायेगा।कम से कम अपना परलोक तो सुधार लो।
सुनील जैन राना
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