शनिवार, 9 जुलाई 2022
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूरी
बरसात के चार महीने देश के कुछ राज्य बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त रहते हैं। ऐसा दशकों से होता आ रहा रहा है। बरसात के इन महीनों में देश के अनेको हिस्से जलमग्न रहते हैं। इससे बचने के उपाय तो हैं लेकिन इच्छा शक्ति और कहीं धन की कमी के कारण योजनायें किर्यान्वित नही हो पा रही रही हैं।
बरसात का पानी धरती में जाये इसके लिये बड़े पैमाने पर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ दूरगामी योजनायें बनाकर कार्य करने की जरूरत है। हिंदी पखवाड़े की तर्ज पर भूगर्भ जल सप्ताह मनाकर बरसात का पानी धरती में नहीं भेजा जा सकता है। इसके लिये सरकारी, गैरसरकारी स्तर पर प्रत्येक नगर-शहर-कस्बे-गाँव आदि के सरकारी, गैरसरकारी कार्यालयों , अस्पतालों, होटलों,बड़े स्कूलों, बड़ी सोसाइटियों, मॉल, बैंक आदि बिल्डिंगों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाने बहुत जरूरी हैं। लोगो मे इसके प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। यही नहीं यदि गली-मोहल्लों-सड़कों पर बहता पानी जहां भी जाकर अंत होता हो उस जगह उस पानी को धरती में जाने के व्यापक उपाय किये जाने चाहिये तभी बरसात का पानी बरबाद होने से बचाया जा सकता है।
पानी का अंधाधुंध दोहन हो रहा है लेकिन साथ ही पानी बचाने की सोच का भी दोहन हो रहा है। यदि हम अभी सचेत नहीं हुए तो आने वाले समय मे पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। केंद्र व राज्य सरकारें मनरेगा के इस्तेमाल नहरे बनाने में करे एवं नहरों को आपस मे जोड़ने का कार्य करे तो जहां ज्यादा पानी है उसे कम पानी की जगह मोड़कर बाढ़ की विभीषिका से बचा जा सकता है। सरकार के साथ जनता का सहयोग बहुत जरूरी होता है तभी ऐसी योजनायें किर्यान्वित हो पाती हैं। बरसात का पानी धरती में जायेगा तभी धरती माँ भी सभी को भरपूर पानी दे पायेगी।
सुनील जैन राना
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