रविवार, 12 जून 2022
ये टीवी चैनल
गोपनीय जानकारी दे देते हैं टीवी चैनल
टेलीविजन आम और खास सभी के लिये जानकारी एवं टाईम पास का मुख्य साधन है।कुछ लोगो को प्रातः समाचार पत्र पढ़े बिना चाय हज़म नही होती लेकिन उसके बाद उन्हें भी टीवी की जरूरत महसूस होती ही है। यह तो बहुत पहले बता दिया गया था की साइंस एक अच्छा सेवक हो सकती है लेकिन अच्छा मालिक नहीं। यही हो रहा है साइंस के एक अविष्कार टेलिविज़न के द्वारा। वर्तमान में टीवी का स्वरूप बहुत बदल गया है। जहाँ एक ओर टीवी अच्छी जानकारी एवं अच्छे कार्यक्रमो का स्रोत है वहीं दूसरी ओर टीवी चैनल अपनी टी आर पी बढ़ाने के चक्कर मे ऐसी जानकारी या ऐसी डिबेट चलाते रहते हैं जो देश और समाज के लिये घातक सिध्द हो जाती है। आजकल टीवी पर मन्दिर-मस्जिद का मुद्दा छाया है। जिसमें टीवी चैनल चार परस्पर विरिधियो को डिबेट में बैठा लेते हैं और पांचवा एंकर मिलकर खूब एक दूसरे पर जहरीले अल्फाज़ो की बौछार करते हैं। ऐसे में उत्तेजित होकर किसी के भी मुँह से किसी दूसरे के धर्म के प्रति अपशब्द निकल जाएं तो बबाल खड़ा हो जाता है। ऐसा ही आजकल देश मे हो रहा है।
इसके अलावा कुछ ऐसी गोपनीय जानकारियां टीवी चैनल दे देते हैं जो देश और समाज के लिये हानिकारक साबित होती हैं। देश मे रक्षा सामग्री कितनी है, क्या नहीं है ,कहाँ पर रखी है, मिसाइलें कहाँ तैनात है,कहाँ नहीं है आदि अनेक जानकारियां टीवी चैनल सार्वजनिक कर देते हैं। यही नहीं अन्य दुश्मन देशों के मुकाबले हथियार कितने कम हैं, कितने ज्यादा है यह सब जानकारी दे देते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। इसी तरह हाल में कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को टारगेट कर मारा जाने पर बाकी कश्मीरी पंडितो को अन्य सुरक्षित क्षेत्रों में भेजा गया। कहाँ भेजा गया यह जानकारी टीवी चैनलों ने बता दी।यह जानकारी उनकी जान को जोखिम में डाल सकती है। ऐसे ही नकली-मिलावटी वस्तुएँ बनाने वाले जब पकड़े जाते हैं तो टीवी चैनल उनके बनाने के तरीकों को विस्तार से दिखाते हैं जिससे अनेक बेरोजगार इसी काम पर लग जाते हैं। देश में सिंथेटिक दूध और मावा इसी बदौलत जितना चाहे उतना मिल जाता है। ऐसी जानकारियों को सार्वजनिक करने पर रोक लगनी चाहिये।
सुनील जैन राना
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