रविवार, 15 मई 2022
लाखो करोड़ बढ़े- डूबे
दो लाख करोड़ बढ़े, तीन लाख करोड़ डूबे।
शीर्षक बहुत अहम है, यह दर्शाता है की अब करोड़ो, अरबो,खरबो नहीँ बल्कि लाखो करोड़ रुपये प्रतिदिन घट-बढ़ जाते हैं। यह कहानी है भारतीय शेयर बाजार की जिसमें शेर-गीदड़ की लड़ाई में मारा जाता है आम भाई। हालांकि भारतीय शेयर बाजार पहले से कहीं अधिक मजबूत स्तिथी में है।गरीबो की गरीबत,मध्यम की मुसीबत के बावजूद शेयर बाजार में पहले से कहीं अधिक वॉल्यूम रोज ही लाखो करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है
मुम्बई शेयर इंडेक्स लगभग 62000 से अब 52000 के बीच चल रहा है।कोरोना काल ने जहाँ सभी को रुला दिया वहीं शेयर बाजार हाथी की मदमस्त चाल चलता रहा। कुछ साल पहले किसी ने सोचा भी नही होगा की इंडेक्स इतना भी हो सकता है।
हालांकि देश-विदेश की परिस्तिथियों के कारण विश्व भर के शेयर बाजार मंदी की चपेट में आये लेकिन फिर भी अन्य देशो की अपेक्षा भारतीय शेयर बाजार सुदृढ़ रहा है। लेकिन अब रूस-यूक्रेन के लंबे युद्ध के चलते महंगाई के कारण भारतीय शेयर बाजार भी लगता है मंदी की चपेट में आ सकता है। एक ही दिन में निवेशकों के लाखो करोड़ बढ़ जाते है एवं डूब जाते हैं। ऐसा भी हो रहा है की कल 3 लाख करोड़ बढ़ गए थे आज 2 लाख करोड़ डूब गए। यह पता नहीं चलता की यह धन कहाँ चला जाता है और कहां से आ जाता है। रोज की ट्रेडिंग करने वालो को जरूर पता चलता होगा।
दरअसल बात यह है की बैंक एफ डी आदि पर ब्याज कम मिलने के कारण आंम आदमी भी शेयर बाजार की तरफ चल पड़ा है।उसे ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं की फला कम्पनी के शेयर का भाव एक साल में कई गुणा हो गया। इनसे प्रभावित होकर आम आदमी भी अपनी किस्मत आज़माने शेयर बाजार में कूद गया। लेकिन शेयर बाजार का यह सच है की अधिकांश लोगों का धन बढ़ता कम है डूबता ज्यादा है।यही हाल म्यूचल फंडों का है। आम आदमी के लिये आज भी सबसे सुरक्षित निवेश डाकघर की एफडी या आरडी ही है। इससे अच्छा और कुछ नही है।
सुनील जैन राना
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