शनिवार, 28 मई 2022

अतिक्रमण ही अतिक्रमण

साल में एक दो बार प्रशासन का अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता है लेकिन वह भी खानापूरी सी कर टॉय टॉय फिस्स हो जाता है। अभियान की शुरुवात भी ऐसी जगह से होती है जहां जगह बहुत होती है। क्यों नहीं अतिक्रमण अभियान चौक फव्वारे से चलाया जाता है।जहां से चार सड़के मुख्य बाज़ारो को जाती हैं और सभी जगह अतिक्रमण रहता है। अतिक्रमण के कारण ही जगह-जगह जाम रहता है। अवैध पार्किंग स्टेशन के पास की सड़कों पर बिना पुलिस के सहयोग के सम्भव नही है। लकड़ी बाजार, रेंच के पुल से जे बी एस स्कूल तक बीच मे या तो अवैध पार्किंग है या फिर अतिक्रमण है जिसपर प्रशासन का ध्यान ही नही जाता है। यह परेशानी भी दूर होनी चाहिये। गड्ढों ने तो सारे नगर को ही लील लिया है।प्रशासन को इस पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। जो भी कम्पनी कार्य कर रही है वह अपना प्लान प्रशासन को बताकर कार्य करे ऐसा होना चाहिये। एक दशक में नगर में कई बार स्ट्रीट लाइटों पर लाखों रुपए व्यय हो चुके हैं। अभी हाल ही में फिर से नगर के कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाईट लगाई गई है जिमसें से अधिकांश बन्द रहती है या खराब हो गई हैं।नगर में ये पहले भी कामयाब नहीं हो पाई थी अब भी शायद ऐसा ही हो। नगर की जनता को शिक्षित करना पड़ेगा सड़क पर चलने के तरीकों से। युवा पीढ़ी तो ऐसी है की बाज़ारो में दुकान के बाहर अपना वाहन भी ठीक से पार्क नही करते। कुछ दुकाने जिनके बाहर ज्यादा भीड़ रहती है उन्हें सतर्क करना चाहिये। सबसे ज्यादा समस्या अतिक्रमण की ही है। प्रशासन को एक बार कड़े होकर अतिक्रमण को हटाना ही चाहिये फिर एक विंग ऐसी बना दें जो रोजाना सभी बाज़ारो में विज़िट करे एवं पुनः अतिक्रमण करने वालो पर मुकदमा कायम करे तभी निजात मिल सकती है। सुनील जैन राना

मोदी सरकार

मोदी सरकार के 8 साल पूरे.... 56 अहम बातें और उपलब्धियां 1- 1984 के बाद 2014 में मोदी ने भारत को पूर्ण बहुमत की सरकार दी.. 26 मई 2014 को मोदी ने पीएम पद की शपथ ली थी 2- आज भारत की 66 करोड़ से ज़्यादा आबादी पर राज्य सरकारों के माध्यम से बीजेपी का शासन है 3- भारत की 42 प्रतिशत भूमि पर बीजेपी या बीजेपी गठबंधन की राज्य सरकारें चल रही हैं 4- अमेरिकन एजेंसी मॉर्निंग कंसल्ट के मुताबिक 71 पर्सेंट की अप्रूवल रेटिंग के साथ मोदी दुनिया के नंबर वन लोकप्रिय नेता हैं 5- गुजरात के सीएम बनने के बाद आज तक 7,536 दिन बीत गए जब मोदी हेड ऑफ गवर्नमेंट हैं 6- इंस्टाग्राम पर मोदी के 67.4 मिलियन मिलियन फॉलोअर है 35.3 मिलियन फॉलोअर के साथ ओबामा दूसरे नंबर पर हैं 7- फेसबुक पर मोदी के 46 मिलियन फॉलोअर 8- ट्विटर पर मोदी के 79 मिलियन फॉलोअर हैं । 9- 3 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सऊदी अरब का सर्वोच्च नागरिक सम्मान Order of Abdulaziz Al Saud दिया गया.... 10- 10 फरवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिलिस्तीन का सर्वोच्च नागरिक सम्मान Grand Collar of the State of Palestine दिया गया । 11- 4 अप्रैल 2019 को संयुक्त अरब अमीरात ने भी मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया... 12- 12 April 2019 को रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मोदी को ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रियू से सम्मानित किया... ये भी रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है 13- इसी तरह मालदीव, बहरीन और भूटान भी मोदी को सम्मानित कर चुके हैं । 14- अमेरिका ने भी 21 दिसंबर 2020 को मोदी को Legion of Merit (लीजन ऑफ मेरिट) से सम्मानित किया । 15- भारत के सबसे बड़े दुश्मन इमरान खान भी एक नहीं दो दो बार भारत की विदेश नीति की तारीफ कर चुके हैं । 16- जब यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ तो जेलेंस्की ने कहा मोदी मदद करें और युद्ध खत्म करवाएं । 17- युद्ध के बीच जब भारतीय नागरिक यूक्रेन में संकट में फंसे हुए थे तब भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की ताकत दिखाई... तिरंगे ने ही लोगों की जान बचाई । 18- पाकिस्तान और तुर्की के मुस्लिम छात्रों ने भी तिरंगे की मदद से यूक्रेन में अपनी जान बचाई 19- यूक्रेन में ऑपरेशन गंगा के तहत मोदी सरकार 22 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने में सफल हुई । 20- अफगानिस्तान संकट के वक्त भी भारत सरकार ने लोगों को सफलतापूर्वक बाहर निकाला । सिख अल्पसंख्यकों को भी तालिबान के कब्जे से आजाद करवाने में भारत सरकार सफल हुई । 21- साल 2015 में यमन में भी मोदी सरकार ने राहत-बाचव अभियान सफलतापूर्वक चलाया 22- 2015 में ही नेपाल में भूकंप आया तब भारत ने 67 मिलियन डॉलर की मदद की 23- योग दिवस से लेकर सोलर एनर्जी तक... भूटान से संबंध मजबूत करने से लेकर संकट ग्रस्त श्रीलंका की मदद तक और भारत के साथ बांग्लादेशी भूमि सीमा विवाद खत्म करने तक... मोदी सरकार ने राष्ट्रीय हितों के 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने की कोशिश की है । 24- प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया 25- केदारनाथ में पुनर्निर्माण और यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाई गईं Break *नोट- कई मित्रों ने 9990521782  मोबाइल नंबर दिलीप नाम से सेव किया है लेकिन मिस्ड कॉल नहीं की , लेख के लिए मिस्ड कॉल और नंबर सेव,  दोनों काम करने होंगे क्योंकि मैं ब्रॉडकास्ट लिस्ट से मैसेज भेजता हूं जिन्होंने नंबर सेव नहीं किया होगा उनको लेख नहीं मिलते होंगे.. जिनको लेख मिलते हैं वो मिस्डकॉल ना करें प्रार्थना* * ज्ञानवापी में मिल गया शिवलिंग से भी बड़ा सबूत* *https://youtu.be/QIF_DO36J7E* *ये मेरा यूट्यूब चैनल है इसको जरूर सब्सक्राइब करें और बेल आइकन दबाएंआप यूट्यूब पर सर्च कीजिए लिखिए... Dileep Pandey तो आपको सबसे पहले मेरा चैनल मिल जाएगा ! उसी चैनल पर आपको कई ज्ञानवर्धक वीडियो मिलेंगे* Continue 26- सरकार के कामकाज का तुलनात्मक अध्ययन करें तो 2004 से 2014 तक 10 सालों में यूपीए सरकार ने विकास योजनाओं पर करीब 49 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जबकि 2014 से अब तक 8 सालों में मोदी सरकार ने विकास योजनाओं पर 91 लाख करोड़ रुपए खर्च कर दिए 27-मोदी की लीडरशिप में ना केवल भारत ने खुद के लिए वैक्सीन बनाई बल्कि दुनिया के 90 देशों को करोड़ों वैक्सीन डोज़ सप्लाई भी की । 28- जब महामारी आई तो भारत में ना तो पीपीई किट का प्रोडक्शन होता था और ना ही एन 95 मास्क का लेकिन आज भारत पीपीई किट और एन 95 मास्क का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश बन चुका है । 29- कोविन वेबसाइट के मुताबिक देश में अब तक 191 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लग चुकी हैं। इनमें से 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को पहली डोज जबकि करीब 88 करोड़ दूसरी डोज़ भी दी जा चुकी है। 30 - इमरजेंसी यूज़ के लिए भारत में 8 वैक्सीन मंजूर की गई जिसमें से 3 का निर्माण भारत में ही हो रहा है । 31- भारत ने दुनिया की पहली DNA वैक्सीन विकसित कर ली है, जिसे 12 साल की आयु से ज्यादा के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। 32- अब तक 44 करोड़ 23 लाख जनधन अकाउंट खोले जा चुके हैं 33- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-2020 से वित्त वर्ष 2021 से 2022 तक सिर्फ 3 वित्त वर्षों के अंदर ही भारत सरकार 15 लाख 60 हज़ार करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कर चुकी है । 34- जनवरी 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब 2 करोड़ गरीबों को पक्के घर मुहैया करवाए जा चुके हैं । अब तक देश के 27 हजार गांवों में 40 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी कार्ड जारी हो चुके हैं । 35- इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत जनवरी 2022 तक देश के 11 करोड़ किसानों के अकाउंट में 1.8 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जा चुके हैं । 36- फसल बीमा योजना में भई जनवरी 2022 तक करीब 8 करोड़ किसानों को एक लाख करोड़ रुपए का हर्जाना दिया जा चुका है 37- मार्च 2022 तक देश में 17 करोड़ 90 लाख आयुष्मान कार्ड जारी हो चुके थ और करीब 3 करोड़ 3 लाख लोगों ने आयुष्मान कार्ड का लाभ लिया है । 38- 2014-15 में हर दिन 12 किलोमीटर रोड का निर्माण हो रहा था अब हर दिन करीब 37 किलोमीटर रोड का निर्माण हो रहा है 39- 2014 से 2021 तक देश में 50 हजार किलोमीटर नए राजमार्ग का निर्माण हुआ है 40- अगले 5 साल में मोदी सरकार ने 83 हजार 677 किलोमीटर नया राजमार्ग बनाने का लक्ष्य रखा है । 41- 2016 से अब तक देश में 60 हजार स्टार्ट अप स्थापित किए जा चुके हैं 42- धारा 370 को अप्रभावी बनाना ऐसा ही एक बड़ा फैसला है... जम्मू कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय हुआ 43- आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 फीसदी का आरक्षण 44- तीन तलाक खत्म करने का कानून बनाया, ट्रिपल तलाक के केसों में 80 फीसदी की कमी आई 45- डिजिटल इंडिया और यूपीआई से लेन देन आसान हुआ 46- कोरोना संकट के बाद शुरू मुफ्त अन्न योजना । कोरोना महामारी के दौरान 19 महीनों के लिए 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज बांटा गया जिसमें 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए का खर्च आया । 47- जीएसटी लागू कर आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया को तेज किया 48- पाकिस्तान के द्वारा पैदा किया गया परमाणु हमले का भय खत्म हुआ 49- पहली सर्जिकल स्ट्राइक भारत की सेनाओं ने साल 2015 में म्यांमार में की और दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक साल 2016 में POK के अंदर की और उरी आतंकी हमले का बदला लिया 50- 26 फरवरी 2019 को भारत ने बालाकोट स्ट्राइक की । भारत ने 1971 के बाद पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पारकर पाकिस्तान के अंदर 40 किलोमीटर घुसकर एयर स्ट्राइक की थी । 51- रूस से भारत को S-400 की पहली खेप मिलना भी बड़ी कामयाबी है 52- भारत की तीनों सेनाओं में समन्वय के लिए CDS के पद का सृजन भी बड़ा फैसला है 53- वन रैंक वन पेंशन जैसे फैसलों ने रक्षा क्षेत्र में भारत को नए आयाम दिए हैं । 54- सेना के आधुनिकीकरण के लिए 2020 से 2021 के बीच 87% स्वीकृतियां मेक इन इंडिया श्रेणी से थीं । 55- सशस्त्र बलों ने 209 सैन्य हथियारों की एक लिस्ट जारी की जिन्हें अब विदेश से नहीं खरीदा जाएगा 56- इसके अलावा 2800 से ज्यादा हथियारों की लिस्ट बनाई गई है जिनका अब घरेलू निर्माण किया जाएगा साभार

शुक्रवार, 27 मई 2022

चर्चा ही चर्चा, नतीज़ा?

चर्चा इसपर हो रही है कि अयोध्या के बाद काशी, मथुरा, कुतुबमीनार और अब ताजमहल, आखिर देश में हो क्या रहा है। जबकि चर्चा इसपर होना चाहिए कि आखिर हर मस्जिद के अंदर से मंदिरों के प्रमाण कैसे निकल रहे है ? चर्चा इसपर होना चाहिए कि मंदिरों पर मस्जिद क्यों बनाई गई ? चर्चा तो इस पर भी होनी ही चाहिए कि देश की स्वतंत्रता के बाद 60 वर्ष से अधिक एक ही दल ने शासन किया उसकी हिन्दुओं के प्रति नकारात्मक भूमिका क्यों रही । और हिन्दुओं के स्वाभिमान को क्यों कुचला। चर्चा का विषय ये होना चाहिए कि तथाकथित महान मुगलों ने मंदिर क्यों विध्वंस किये ? और जिस दल द्वारा 60 वर्ष से अधिक देश पर एक छत्र शासन किया उस दौरान हिन्दुओं के हत्यारों और लुटेरों के नाम पर नगरों और मार्गो के नाम क्यो रखे । चर्चा में यह भी सम्मिलित होना चाहिए कि तथाकथित सेक्युलर, प्रगतिशील मुगलों ने हिन्दू आस्थाओं को रौंदकर मंदिरों पर मस्जिद क्यों बनाई ? चर्चा इसपर भी खुलकर होना चाहिए कि क्या हिंदू आर्किटेक्चर को तोड़ना ही मुगल आर्किटेक्चर था, जिसकी प्रशंसा इतिहासकार करते नही थकते थे। चर्चा तो इतिहासकारों के झूठ की भी होनी चाहिए जिन्होंने इतिहास के 'सच' को सलेक्टिव इतिहास की 'कब्र' में दफन कर उसके ऊपर झूठे और मिथ्या इतिहास का स्ट्रक्चर खड़ा कर देश को अंधेरे में रखा।और हिन्दुओं के गौरवशाली इतिहास को दबाए रखा। सच दबाने के लिए चर्चा का विषय मोड़ेंगे लेकिन हमें हर हाल में सेक्युरिज्म की इमारतों में दफन भारतीय इतिहास को कब्र फाड़कर बाहर लाना ही होगा। साभार

मंगलवार, 24 मई 2022

सत्संग की दुकान

एक दिन मैं सड़क से जा रहा था, रास्ते में एक जगह बोर्ड लगा था, ईश्वरीय किराने की दुकान...* *मेरी जिज्ञासा बढ़ गई क्यों ना इस दुकान पर जाकर देखूं इसमें बिकता क्या है?* *जैसे ही यह ख्याल आया दरवाजा अपने आप खुल गया, जरा सी जिज्ञासा रखते हैं तो द्वार अपने आप खुल जाते हैं, खोलने नहीं पड़ते, मैंने खुद को दुकान के अंदर पाया...* *मैंने दुकान के अंदर देखा जगह-जगह देवदूत खड़े थे, एक देवदूत ने मुझे टोकरी देते हुए कहा, मेरे बच्चे ध्यान से खरीदारी करना, यहां सब कुछ है जो एक इंसान को चाहिए है...* *देवदूत ने कहा एक बार में टोकरी भर कर ना ले जा सको, तो दोबारा आ जाना फिर दोबारा टोकरी भर लेना...* *अब मैंने सारी चीजें देखी, सबसे पहले "धीरज" खरीदा, फिर "प्रेम", फिर "समझ", फिर एक दो डिब्बे "विवेक" के भी ले लिए...* *आगे जाकर "विश्वास" के दो तीन डिब्बे उठा लिए, मेरी टोकरी भरती गई...* *आगे गया "पवित्रता" मिली सोचा इसको कैसे छोड़ सकता हूं, फिर "शक्ति" का बोर्ड आया शक्ति भी ले ली..* *"हिम्मत" भी ले ली सोचा हिम्मत के बिना तो जीवन में काम ही नहीं चलता...* *थोड़ा और आगे "सहनशीलता" ली फिर "मुक्ति" का डिब्बा भी ले लिया... *मैंने वह सब चीजें खरीद ली जो मेरे प्रभुजी मालिक को पसंद है, फिर एक नजर "प्रार्थना" पर पड़ी मैंने उसका भी एक डिब्बा उठा लिया.. *वह इसलिए कि सब गुण होते हुए भी अगर मुझसे कभी कोई भूल हो जाए तो मैं प्रभु से प्रार्थना कर लूंगा कि मुझे भगवान माफ कर देना...* *आनंदित होते हुए मैंने बास्केट को भर लिया, फिर मैं काउंटर पर गया और देवदूत से पूछा, सर.. मुझे इन सब समान का कितना बिल चुकाना होगा...* *देवदूत बोला मेरे बच्चे यहां बिल चुकाने का ढंग भी ईश्ववरीय है, अब तुम जहां भी जाना इन चीजों को भरपूर बांटना और लुटाना, जो चीज जितनी ज्यादा तेजी से लूटाओगे, उतना तेजी से उसका बिल चुकता होता जाएगा और इन चीजों का बिल इसी तरह चुकाया किया जाता है...* *कोई- कोई विरला इस दुकान पर प्रवेश करता है, जो प्रवेश कर लेता है वह माला-माल हो जाता है, वह इन गुणों को खूब भोगता भी है और लुटाता भी है...* *प्रभू की यह दुकान का नाम है "सत्संग की दुकान"* *सब गुणों के खजाने हमें ईश्वर से मिले हुए हैं, फिर कभी खाली हो भी जाए तो फिर सत्संग में आ कर बास्केट भर लेना...* *हे प्रभू ! इस दुकान से एक चीज भी ग्रहण कर सकूं ऐसी कृपा करना।*

कुतुब मीनार या सूर्य स्तम्भ

*वो 20 प्रमाण जो कुतुब मीनार को 'वेधशाला/सूर्य स्तंभ' साबित करते हैं* _पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा के तहलका मचाने वाले 20 दावे_ 1- इसका निर्माण खगोल विज्ञान पर आधारित है। 2- इसे कर्क रेखा के ऊपर बनाया गया। 3- इसे सूर्य की गतिविधि की गणना करने के लिए बनाया गया था 4- इस मीनार की छाया 21 जून को 12 बजे जमीन पर नहीं पड़ती है। 5- यह कर्क रेखा से पांच डिग्री उत्तर में है। 6- विक्रमादित्य ने सूर्य स्तंभ के नाम से विष्णुपद पहाड़ी पर यह वेधशाला बनाई थी। 7- इस मीनार के ऊपर बेल बूटे घंटियां आदि बनी हैं, जो हिंदुओं से संबंधित निर्माण में होती हैं 8- इसे 100 प्रतिशत हिंदुओं ने बनाया, इसे बनाने वालों के इसके ऊपर जो नाम लिखे हैं उनमें एक भी मुसलमान नहीं था। 9- इसे खगोलविज्ञानी वराह मिहिर के नेतृत्व में बनाया गया था। 10- इस वेधशाला में कोई छत नहीं है। 11- इसका मुख्य द्वार ध्रुव तारे की दिशा की ओर खुलता है। 12- 968 तक कुतुबमीनार के मुख्य द्वार के सामने एक पत्थर लगा था, जो ऊपर से यू आकार में कटा हुआ था,उसके ऊपर ठोड़ी रखने पर सामने ध्रुव तारा दिखता था। 13- इस निर्माण में 27 आले हैं, जिनके ऊपर पल और घटी जैसे शब्द देवनागरी में लिखे हैं। 14- आलों के बाहर के छेद दूरबीन रखने के बराबर के हैं, जबकि इनमें अंदर की ओर तीन लोग बैठ सकते हैं 15- कुतुबमीनार के अंदर के भाग में देवनागरी में लिखे हुए कई अभिलेख हैं जो सातवीं और आठवीं शताब्दी के हैं। 16- इसका मुख्य द्वार छोड़कर सभी द्वार पूर्व की ओर खुलते हैं, जहां से उगते हुए सूर्य को निहारा जा सकता है 17- इस मीनार को अजान देने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है, अंदर से शोर मचाने या चिल्लाने की आवाज बाहर नहीं आती है। (यह लेख आप जरूर सबको शेयर करना) 18- यह कहना गलत है कि इसे कई बार में बनाया गया, इसे एक बार में ही बनाया गया है। 19- मीनार में बाहरी ओर लिखावट में फारसी का इस्तेमाल किया गया है। जो कि बाद में मुस्लिम शासकों ने चालबाजी के तहत इस्तेमाल किया 20- इस मीनार के चारों ओर 27 नक्षत्रों के सहायक मंदिर थे, जिन्हें तोड़ दिया गया है । इन्हीं मंदिरों के मलबे से एक मस्जिद बनाई गई कुव्वत उल इस्लाम... जिसका पूरा ढांचा मंदिर जैसा ही प्रतीत होता है । - ये सारे दावे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पूर्व निदेशक धर्मवीर शर्मा के हैं । उनके अनुसार, यह कुतुबमीनार नहीं, बल्कि यह एक सूर्य स्तंभ है । - एएसआइ के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा का यह भी कहना है कि यह मीनार एक वेधशाला है जिसमें नक्षत्रों की गणना की जाती थी। 27 नक्षत्रों की गणना के लिए इस स्तंभ में दूरबीन वाले 27 स्थान हैं। - धर्मवीर शर्मा का यह भी दावा है कि इस स्तंभ की तीसरी मंजिल पर सूर्य स्तंभ के बारे में जिक्र भी है। - यहां बता दें कि धर्मवीर शर्मा देश के विख्यात पुरातत्वविदों में शामिल हैं, जो एएसआइ के दिल्ली मंडल में 3 बार अधीक्षण पुरातत्वविद रहे । -उन्होंने यहां रहते हुए कुतुबमीनार में कई बार संरक्षण कार्य कराया है, अनेक बार इसके अंदर गए हैं। उस देवनागरी लिखावट को देखा है, जो इसके अंदर के भागों में है । ये खगोलविज्ञानियों को लेकर हर साल 21 जून को कुतुबमीनार परिसर में जाते हैं। - उनका दावा है कि पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि कुतुबमीनार एक बहुत बड़ी वेधशाला थी जिसका निर्माण सम्राट विक्रमादित्य ने कराया था। साभार

रविवार, 22 मई 2022

मध्यम वर्ग- बनिया

बनिया कौन है? ( बनियाGeneral Category) कौन हैं ? जिस व्यक्ति पर एट्रोसिटी_एक्ट 89 के तहत बिना इन्क्वारी के भी कार्यवाई की जा सकती है, वो बनिया है‼️ जिसको जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करके बेखौफ गाली दी जा सकती है, वो बनिया है‼️ देश में आरक्षित 131 लोकसभा सीटो और 1225 विधानसभा सीटो पर चुनाव नही लड़ सकता है, लेकिन वोट दे सकता है, वो बनिया है‼️ जिसके हित के लिए आज तक कोई आयोग नही बना, वो बनिया है‼️ जिसके लिए कोई सरकारी योजना न बनी हो, वो बनिया है‼️ जिसके साथ देश का संविधान भेदभाव करता है, वो बनिया है‼️ मात्र जिसको सजा देने के लिए NCSC और NCST का गठन किया गया वो बनिया है‼️ मात्र जिसे सजा देने के लिए हर जिले में विशेष SCST न्यायालय खोले गए हैं, वो अभागा बनिया है‼️ जो स्कूल में अन्य वर्गों के मुकाबले चार गुनी फीस दे कर अपने बच्चों को पढाता है, वो बेसहारा बनियाहै‼️ नौकरी, प्रमोशन, घर allotment आदि में जिसके साथ कानूनन भेदभाव वैध है, वो बेचारा बनियाहै‼️ सरकारों व सविधान द्वारा सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाने वाला.. वो बनिया है‼️ सबसे ज्यादा वोट देकर भी खुद को लुटापिटा, ठगा सा महसूस करने वाला.. वो बनिया है‼️ सभाओं में फर्श तक बिछा कर एक अच्छी सरकार की चाह में आपको सत्ता सौंपने वाला.. वो बनियाहै ‼️ देश हित मे आपका तन, मन, धन से साथ देने वाला.. वो बनिया है‼️ इतने भेदभाव के बावजूद भी, धर्म की जय हो,अधर्म का नाश हो प्राणियों में सद्भावना हो,विश्व का कल्याण हो की भावना जो रखता है,वो बनिया है‼️ सबका साथ.. सबका विकास, में हमारी स्थिती क्या है.. ? विचार अवश्य करें‼️ समस्त बनिया परिवारों की तरफ से भारत सरकार को समर्पित ... जिसे सामंतवादी सोच रखने वाले नींबू, सन्तरा, मौसमी की तरह निचोड़ने की कोशिश करे वो बेचारा बनिया है। अगर आप को उपरोक्त बातें सही लगी हो तो कम से कम 5 बनियालोगों को अविलम्ब शेयर करें । ये बात माननीय प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जी तक अवश्य पहुँचनी चाहिए.... *जो अबभी निराशा से नही, निरपेक्ष, निराभिमानी "बुद्धी" से ही जी रहा है* साभार

लापरवाही, बदइंतजामी

एक्सपायर हो गई 16 करोड़ की दवाइयां लखनऊ, इतनी बड़ी लापरवाही, बदइंतजामी हैरान करने वाली है। महंगाई से त्रस्त जनता को सरकारी अस्पतालों में सस्ते में उपचार मिल जाता है लेकिन सरकारी विभाग के की गई लापरवाही के कारण अनेको लोग उपचार से वंचित रह गए। उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ में उप्र मेडिकल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के वेयर हाउस में छापा मारा तो उन्हें वहां 16 करोड़ से अधिक की दवाइयां मिली जो एक्सपायर्ड हो चुकी थी। दवाइयों के डब्बो पर धूल एवं गन्दगी जम रही थी। ऐसा नजारा देखकर उपमंत्री ब्रजेश पाठक बहुत क्रोधित हो गए। उन्होंने तत्काल मामले की जांच कमेटी गठित करने के निर्देश देकर तीन दिन में मामले की प्राथमिक रिपोर्ट देने के आदेश दिये। उनके साथ स्वास्थ विभाग के सचिव प्रांजल यादव भी थे। यह समाचार छोटा सा लगता है लेकिन इसके पीछे कितनी बड़ी लापरवाही है इसका अंदाजा लगाना कठिन है। मोदीजी, योगीजी के कारण ऊपरी भृष्टाचार में बहुत कमी आई है लेकिन निचले स्तर पर आज भी अनेको विभागों में लापरवाही और भ्रष्टाचार अभी भी कम नहीं हुआ है। जनता की तकलीफ को कम करने को सरकार हर सम्भव कोशिश कर रही है लेकिन कुछ जगह के अधिकारी अपने कारनामों से बाज़ नही आ रहे हैं। ऐसे अधिकारियों की सिर्फ जांच नही बल्कि उन्हें सस्पेंड कर उनकी पेंशन याड़ी सब रोक दी जानी चाहिये। सुनील जैन राना

शनिवार, 21 मई 2022

विदेशी कल्चर क्यो?

*हमारे पास तो पहले से ही अमृत से भरे कलश थे...!* *फिर हम वह अमृत फेंक कर उनमें कीचड़ भरने का काम क्यों कर रहे हैं...?🤔* *जरा इन पर विचार करें...🧐👇* ० यदि *मातृनवमी* थी, तो Mother’s day क्यों लाया गया? ० यदि *कौमुदी महोत्सव* था, तो Valentine day क्यों लाया गया? ० यदि *गुरुपूर्णिमा* थी, तो Teacher’s day क्यों लाया गया? ० यदि *धन्वन्तरि जयन्ती* थी, तो Doctor’s day क्यों लाया गया? ० यदि *विश्वकर्मा जयंती* थी, तो Technology day क्यों लाया गया? ० यदि *सन्तान सप्तमी* थी, तो Children’s day क्यों लाया गया? ० यदि *नवरात्रि* और *कन्या भोज* था, तो Daughter’s day क्यों लाया गया? ० *रक्षाबंधन* है तो Sister’s day क्यों ? ० *भाईदूज* है तो Brother’s day क्यों ? ० *आंवला नवमी, तुलसी विवाह* मनाने वाले हिंदुओं को Environment day की क्या आवश्यकता ? ० केवल इतना ही नहीं, *नारद जयन्ती* ब्रह्माण्डीय पत्रकारिता दिवस है... ० *पितृपक्ष* ७ पीढ़ियों तक के पूर्वजों का पितृपर्व है... ० *नवरात्रि* को स्त्री के नवरूपों के दिवस के रूप में स्मरण कीजिये... *सनातन पर्वों को अवश्य मनाईये...* हमारी सनातन संस्कृति में मनाए जाने वाले विभिन्न पर्व और त्योहार मिशनरीयों के धर्मांतरण की राह में बाधक हैं। बस, इसीलिए हमारी धार्मिक परंपराओं से मिलते जुलते उत्सव कार्यक्रम मिशनरीयों द्वारा लाए जा रहे हैं। ताकि आपको सनातन सभ्यता से तोड़कर धर्मांतरण की ओर प्रेरित किया जा सके... अब पृथ्वी के सनातन भाव को स्वीकार करना ही होगा। यदि हम समय रहते नहीं चेते तो वे ही हमें वेद, शास्त्र, संस्कृत भी पढ़ाने आ जाएंगे! इसका एक ही उपाय है कि, अपनी जड़ों की ओर लौटिए। अपने सनातन मूल की ओर लौटिए। व्रत, पर्व, त्यौहारों को मनाइए। अपनी संस्कृति और सभ्यता को जीवंत कीजिये। जीवन में भारतीय पंचांग अपनाना चाहिए, जिससे भारत अपने पर्वों, त्यौहारों से लेकर मौसम की भी अनेक जानकारियां सहज रूप से जान व समझ लेता है। साभार

मंगलवार, 17 मई 2022

कुदरत की संरचना

*वैज्ञानिकों ने बताया कितना अद्भुत है इंसान का शरीर* *जबरदस्त फेफड़े* हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं. हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती. फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो यह टेनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे। *ऐसी और कोई फैक्ट्री नहीं* हमारा शरीर हर सेकंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है. साथ ही, हर दिन 200 अरब से ज्यादा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है. हर वक्त शरीर में 2500 अरब रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं. एक बूंद खून में 25 करोड़ कोशिकाएं होती हैं। ️ *लाखों किलोमीटर की यात्रा* इंसान का खून हर दिन शरीर में 1,92,000 किलोमीटर का सफर करता है. हमारे शरीर में औसतन 5.6 लीटर खून होता है जो हर 20 सेकेंड में एक बार पूरे शरीर में चक्कर काट लेता है। *धड़कन* एक स्वस्थ इंसान का हृदय हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है. साल भर में यह 3 करोड़ से ज्यादा बार धड़क चुका होता है. दिल का पम्पिंग प्रेशर इतना तेज होता है कि वह खून को 30 फुट ऊपर उछाल सकता है। *सारे कैमरे और दूरबीनें फेल* इंसान की आंख एक करोड़ रंगों में बारीक से बारीक अंतर पहचान सकती है. फिलहाल दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसका मुकाबला कर सके। *नाक में एंयर कंडीशनर* हमारी नाक में प्राकृतिक एयर कंडीशनर होता है. यह गर्म हवा को ठंडा और ठंडी हवा को गर्म कर फेफड़ों तक पहुंचाता है। *400 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार* तंत्रिका तंत्र 400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से शरीर के बाकी हिस्सों तक जरूरी निर्देश पहुंचाता है. इंसानी मस्तिष्क में 100 अरब से ज्यादा तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं। *जबरदस्त मिश्रण* शरीर में 70 फीसदी पानी होता है. इसके अलावा बड़ी मात्रा में कार्बन, जिंक, कोबाल्ट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट, निकिल और सिलिकॉन होता है। *बेजोड़ छींक* छींकते समय बाहर निकलने वाली हवा की रफ्तार 166 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है. आंखें खोलकर छींक मारना नामुमकिन है। *बैक्टीरिया का गोदाम* इंसान के वजन का 10 फीसदी हिस्सा, शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से होता है. एक वर्ग इंच त्वचा में 3.2 करोड़ बैक्टीरिया होते हैं। *ईएनटी की विचित्र दुनिया* आंखें बचपन में ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं. बाद में उनमें कोई विकास नहीं होता. वहीं नाक और कान पूरी जिंदगी विकसित होते रहते हैं. कान लाखों आवाजों में अंतर पहचान सकते हैं. कान 1,000 से 50,000 हर्ट्ज के बीच की ध्वनि तरंगे सुनते हैं। *दांत संभाल के* इंसान के दांत चट्टान की तरह मजबूत होते हैं. लेकिन शरीर के दूसरे हिस्से अपनी मरम्मत खुद कर लेते हैं, वहीं दांत बीमार होने पर खुद को दुरुस्त नहीं कर पाते। *मुंह में नमी* इंसान के मुंह में हर दिन 1.7 लीटर लार बनती है. लार खाने को पचाने के साथ ही जीभ में मौजूद 10,000 से ज्यादा स्वाद ग्रंथियों को नम बनाए रखती है। *झपकती पलकें* वैज्ञानिकों को लगता है कि पलकें आंखों से पसीना बाहर निकालने और उनमें नमी बनाए रखने के लिए झपकती है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में दोगुनी बार पलके झपकती हैं। *नाखून भी कमाल के* अंगूठे का नाखून सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ता है. वहीं मध्यमा या मिडिल फिंगर का नाखून सबसे तेजी से बढ़ता है। *तेज रफ्तार दाढ़ी* पुरुषों में दाढ़ी के बाल सबसे तेजी से बढ़ते हैं. अगर कोई शख्स पूरी जिंदगी शेविंग न करे तो दाढ़ी 30 फुट लंबी हो सकती है। *खाने का अंबार* एक इंसान आम तौर पर जिंदगी के पांच साल खाना खाने में गुजार देता है. हम ताउम्र अपने वजन से 7,000 गुना ज्यादा भोजन खा चुके होते हैं। *बाल गिरने से परेशान* एक स्वस्थ इंसान के सिर से हर दिन 80 बाल झड़ते हैं। *सपनों की दुनिया* इंसान दुनिया में आने से पहले ही यानी मां के गर्भ में ही सपने देखना शुरू कर देता है. बच्चे का विकास वसंत में तेजी से होता है। *नींद का महत्व* नींद के दौरान इंसान की ऊर्जा जलती है. दिमाग अहम सूचनाओं को स्टोर करता है. शरीर को आराम मिलता है और रिपेयरिंग का काम भी होता है. नींद के ही दौरान शारीरिक विकास के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स निकलते हैं। *इस अनमोल विरासत का ध्यान रखें, अच्छा स्वस्थ्य परिवार ही परम धन है!*🌷🙏🌷 योग द्वारा निरोग रहिए। शरीर के सभी सिस्टम को ठीक रखने की एकमात्र, कारगर, निःशुल्क, रामबाण दवा। साभार

रविवार, 15 मई 2022

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लाखो करोड़ बढ़े- डूबे

दो लाख करोड़ बढ़े, तीन लाख करोड़ डूबे। शीर्षक बहुत अहम है, यह दर्शाता है की अब करोड़ो, अरबो,खरबो नहीँ बल्कि लाखो करोड़ रुपये प्रतिदिन घट-बढ़ जाते हैं। यह कहानी है भारतीय शेयर बाजार की जिसमें शेर-गीदड़ की लड़ाई में मारा जाता है आम भाई। हालांकि भारतीय शेयर बाजार पहले से कहीं अधिक मजबूत स्तिथी में है।गरीबो की गरीबत,मध्यम की मुसीबत के बावजूद शेयर बाजार में पहले से कहीं अधिक वॉल्यूम रोज ही लाखो करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है मुम्बई शेयर इंडेक्स लगभग 62000 से अब 52000 के बीच चल रहा है।कोरोना काल ने जहाँ सभी को रुला दिया वहीं शेयर बाजार हाथी की मदमस्त चाल चलता रहा। कुछ साल पहले किसी ने सोचा भी नही होगा की इंडेक्स इतना भी हो सकता है। हालांकि देश-विदेश की परिस्तिथियों के कारण विश्व भर के शेयर बाजार मंदी की चपेट में आये लेकिन फिर भी अन्य देशो की अपेक्षा भारतीय शेयर बाजार सुदृढ़ रहा है। लेकिन अब रूस-यूक्रेन के लंबे युद्ध के चलते महंगाई के कारण भारतीय शेयर बाजार भी लगता है मंदी की चपेट में आ सकता है। एक ही दिन में निवेशकों के लाखो करोड़ बढ़ जाते है एवं डूब जाते हैं। ऐसा भी हो रहा है की कल 3 लाख करोड़ बढ़ गए थे आज 2 लाख करोड़ डूब गए। यह पता नहीं चलता की यह धन कहाँ चला जाता है और कहां से आ जाता है। रोज की ट्रेडिंग करने वालो को जरूर पता चलता होगा। दरअसल बात यह है की बैंक एफ डी आदि पर ब्याज कम मिलने के कारण आंम आदमी भी शेयर बाजार की तरफ चल पड़ा है।उसे ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं की फला कम्पनी के शेयर का भाव एक साल में कई गुणा हो गया। इनसे प्रभावित होकर आम आदमी भी अपनी किस्मत आज़माने शेयर बाजार में कूद गया। लेकिन शेयर बाजार का यह सच है की अधिकांश लोगों का धन बढ़ता कम है डूबता ज्यादा है।यही हाल म्यूचल फंडों का है। आम आदमी के लिये आज भी सबसे सुरक्षित निवेश डाकघर की एफडी या आरडी ही है। इससे अच्छा और कुछ नही है। सुनील जैन राना

बुधवार, 11 मई 2022

गिलगित बालिस्तान को जानो

POK गिलगित बाल्टिस्तान के भारतीय क्षेत्र को खाली करने की सूचना..... भारत सरकार ने आधिकारिक रुप से POK गिलगित बाल्टिस्तान के भारतीय क्षेत्र को खाली करने की सूचना पाकिस्तान सरकार को दे दी है । तो आइए pok क्षेत्र के विषय में अपनी जानकारी बढ़ाएं, क्योंकि अब हम सभी देशवासियों को संपूर्ण जम्मू कश्मीर के इतिहास और भूगोल की सत्यता के बारे में बातचीत करने की जरूरत है विशेषकर POK और अक्साई चीन (cok) के बारे में । गिलगित जो अभी POK के रुप में है वह विश्व में एकमात्र ऐसा स्थान है जो कि 5 देशों की सीमा से जुड़ा हुआ है , अफगानिस्तान, तजाकिस्तान (जो कभी Russia का हिस्सा था), पाकिस्तान, भारत और तिब्बत-चाइना । "वास्तव में जम्मू कश्मीर का महत्व जम्मू के कारण नहीं, कश्मीर के कारण नहीं, लद्दाख के कारण नहीं वास्तव में अगर इसका महत्व है तो वह है गिलगित-बाल्टिस्तान के कारण (pok) अब तक ज्ञात इतिहास में भारत पर जितने भी आक्रमण हुए यूनानियों से लेकर आज तक (शक , हूण, कुषाण , मुग़ल ) वह सारे गिलगित मार्ग से ही हुए । हमारे पूर्वज जम्मू-कश्मीर के महत्व को समझते थे उनको पता था कि अगर भारत को सुरक्षित रखना है तो दुश्मन को हिंदूकुश अर्थात गिलगित-बाल्टिस्तान उस पार ही रखना होगा । किसी समय इस गिलगित में अमेरिका बैठना चाहता था, ब्रिटेन अपना base गिलगित में बनाना चाहता था, रूस भी गिलगित में बैठना चाहता, यहां तक कि पाकिस्तान ने सन 1965 में गिलगित क्षेत्र को रूस को देने का वादा तक कर लिया था आज चाइना भी इसी गिलगित में बैठना चाहता है और वह अपने पैर पसार भी चुका है और पाकिस्तान तो बैठना चाहता ही था । "दुर्भाग्य से जिस गिलगित के महत्व को सारी दुनिया जानती समझती है, जबकि एक ही देश के नेता उसको अपना नहीं मानते थे , जिसका वास्तव में गिलगित-बाल्टिस्तान है और वह है भारत देश । क्योंकि हमको इस बात की कल्पना तक नहीं है भारत को अगर सुरक्षित रहना है तो हमें गिलगित-बाल्टिस्तान किसी भी हालत में चाहिए । आज जब हम आर्थिक शक्ति बनने की सोच रहे हैं क्या आपको पता है गिलगित से रोड मार्ग द्वारा आप विश्व के अधिकांश कोनों में जा सकते हैं गिलगित से रोड मार्ग 5000 Km दुबई है, 1400 Km दिल्ली है, 2800 Km मुंबई है, 3500 Km रूस है, चेन्नई 3800 Km है लंदन 8000 Km है , जब हम सोने की चिड़िया थे तब हमारा सारे देशों से व्यापार इसी सिल्क मार्ग से चलता था 85 % जनसंख्या इन मार्गों से जुड़ी हुई थी मध्य एशिया, यूरेशिया, यूरोप, अफ्रीका सब जगह हम रोड मार्ग जा सकते है अगर गिलगित-बाल्टिस्तान हमारे पास हो । आज हम पाकिस्तान के सामने IPI (Iran-Pakistan-India) गैस लाइन बिछाने के लिए गिड़गिड़ाते हैं ये तापी की परियोजना है जो कभी पूरी नहीं होगी अगर हमारे पास गिलगित होता तो गिलगित के आगे तज़ाकिस्तान था हमें किसी के सामने हाथ नहीं फ़ैलाने पड़ते । हिमालय की 10 बड़ी चोटियों है जो कि विश्व की 10 बड़ी चोटियों में से है और ये सारी हमारी सम्पदा है और इन 10 में से 8 गिलगित-बाल्टिस्तान में है l तिब्बत पर चीन का कब्जा होने के बाद जितने भी पानी के वैकल्पिक स्त्रोत (Alternate Water Resources) हैं वह सारे गिलगित-बाल्टिस्तान में है । आप हैरान हो जाएंगे वहां बड़ी -बड़ी 50-100 यूरेनियम और सोने की खदाने हैं आप POK के मिनरल डिपार्टमेंट की रिपोर्ट को पढ़िए आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे । वास्तव में गिलगित-बाल्टिस्तान का महत्व हमको मालूम नहीं है और सबसे बड़ी बात गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग Strong Anti PAK है । दुर्भाग्य क्या है हम हमेशा कश्मीर ही बोलते हैं, जम्मू- कश्मीर नहीं बोलते हैं , कश्मीर कहते ही जम्मू, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान हमारे मस्तिष्क से निकल जाता है । ये पाकिस्तान के कब्जे में जो POK है उसका क्षेत्रफल 79000 वर्ग किलोमीटर है उसमें कश्मीर का हिस्सा तो सिर्फ 6000 वर्ग किलोमीटर है और 9000 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा जम्मू का है और 64000 वर्ग किलोमीटर हिस्सा लद्दाख का है जो कि गिलगित-बाल्टिस्तान है । यह कभी कश्मीर का हिस्सा नहीं था यह लद्दाख का हिस्सा था वास्तव में सच्चाई यही है । तभी भारत सरकार दो संघशासित राज्य जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का उचित निर्माण किया इसलिए पाकिस्तान जो बार-बार कश्मीर का राग अलापता रहता है तो उससे कोई यह पूछे तो सही क्या गिलगित-बाल्टिस्तान और जम्मू का हिस्सा जिस पर तुमने कब्ज़ा कर रखा है क्या ये भी कश्मीर का ही भाग है ?? कोई उत्तर नहीं मिलेगा । क्या आपको पता है कि गिलगित -बाल्टिस्तान , लद्दाख के रहने वाले लोगो की औसत आयु विश्व में सर्वाधिक है यहाँ के लोग विश्व अन्य लोगो की तुलना में ज्यादा जीते है । भारत में आयोजित एक सेमिनार में गिलगित-बाल्टिस्तान के एक बड़े नेता को बुलाया गया था उसने कहा कि "we are the forgotten people of forgotten lands of BHARAT" उसने कहा कि देश हमारी बात ही नहीं जानता । जब किसी ने उससे सवाल किया कि क्या आप भारत में रहना चाहते हैं ?? तो उसने कहा कि 60 साल बाद तो आपने मुझे भारत बुलाया और वह भी अमेरिकन टूरिस्ट वीजा पर और आप मुझसे सवाल पूछते हैं कि क्या आप भारत में रहना चाहते हैं !! उसने कहा कि आप गिलगित-बाल्टिस्तान के बच्चों को IIT , IIM में दाखिला दीजिए AIIMS में हमारे लोगों का इलाज कीजिए हमें यह लगे तो सही कि भारत हमारी चिंता करता है हमारी बात करता है । गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान की सेना कितने अत्याचार करती है लेकिन आपके किसी भी राष्ट्रीय अखबार में उसका जिक्र तक नहीं आता है । आप हमें ये अहसास तो दिलाइये की आप हमारे साथ है । और मैं खुद आपसे यह पूछता हूं कि आप सभी ने पाकिस्तान को हमारे कश्मीर में हर सहायता उपलब्ध कराते हुए देखा होगा । वह बार बार कहता है कि हम कश्मीर की जनता के साथ हैं, कश्मीर की आवाम हमारी है । लेकिन क्या आपने कभी यह सुना है कि किसी भी भारत के नेता, मंत्री या सरकार ने यह कहा हो कि हम POK - गिलगित-बाल्टिस्तान की जनता के साथ हैं, वह हमारी आवाम है, उनको जो भी सहायता उपलब्ध होगी हम उपलब्ध करवाएंगे ,आपने यह कभी नहीं सुना होगा । कांग्रेस सरकार ने कभी POK गिलगित-बाल्टिस्तान को पुनः भारत में लाने के लिए कोई बयान तक नहीं दिया प्रयास करनि तो बहुत दूर की बात है । हालाँकि पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के समय POK का मुद्दा उठाया गया फिर 10 साल पुनः मौन धारण हो गया और अब फिर से नरेंद्र मोदी जी की सरकार आने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में ये मुद्दा उठाया । आज अगर आप किसी को गिलगित के बारे में पूछ भी लोगे तो उसे यह पता नहीं है कि यह जम्मू कश्मीर का ही भाग है !वह सीधे ही यह पूछेगा क्या यह कोई चिड़िया का नाम है ?? वास्तव में हमारा जम्मू कश्मीर के बारे में जो गलत दृष्टिकोण है उसको बदलने की जरूरत है । अब करना क्या चाहिए ?? तो पहली बात है सुरक्षा में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा का मुद्दा बहुत संवेदनशील है इस पर अनावश्यक वाद-विवाद नहीं होना चाहिए , वहीं एक अनावश्यक वाद विवाद चलता है कि जम्मू कश्मीर में इतनी सेना क्यों है ?? तो उन तथाकथित बुद्धिजीवियों को बता दिया जाए कि जम्मू-कश्मीर का 2800 किलोमीटर का बॉर्डर है जिसमें 2400 किलोमीटर पर LOC है, आजादी के बाद भारत ने पांच युद्ध लड़े वह सभी जम्मू-कश्मीर से लड़े भारतीय सेना के 18 लोगों को परमवीर चक्र मिला और वह सभी 18 के 18 जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हैं । इनमें 14000 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं जिनमें से 12000 जम्मू कश्मीर में शहीद हुए हैं, अब सेना बॉर्डर पर नहीं तो क्या मध्यप्रदेश में रहेगी क्या यह सब जो सेना की इन बातों को नहीं समझते वही यह सब अनर्गल चर्चा करते हैं । वास्तव में जम्मू कश्मीर पर बातचीत करने के बिंदु होने चाहिए- POK, वेस्ट पाकिस्तान से आए रिफ्यूजी, कश्मीरी हिंदू समाज, आतंक से पीड़ित लोग , धारा 370 और 35A का हुआ दुरूपयोग, गिलगित-बाल्टिस्तान का वह क्षेत्र जो आज पाकिस्तान व चाइना के कब्जे में है । जम्मू- कश्मीर के गिलगित- बाल्टिस्तान में अधिकांश जनसंख्या शिया मुसलमानों की है और वह सभी पाकिस्तान विरोधी है वह आज भी अपनी लड़ाई खुद लड़ रहे हैं, पर भारत उनके साथ है ऐसा हमें उनको महसूस कराना चाहिए, देश कभी उनके साथ खड़ा नहीं हुआ वास्तव में पूरे देश में इसकी चर्चा खुलकर होनी चाहिए । वास्तव में जम्मू-कश्मीर के विमर्श का मुद्दा बदलना चाहिए, जम्मू कश्मीर को लेकर सारे देश में सही जानकारी देने की जरूरत है l इसके लिए एक इंफॉर्मेशन कैंपेन चलना चाहिए , पूरे देश में वर्ष में एक बार 26 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर का विलय-दिवस के रुप में मनाना चाहिए, और सबसे बड़ी बात है जम्मू कश्मीर को हमें राष्ट्रवादियों की नजर से देखना होगा जम्मू कश्मीर की चर्चा हो तो वहां के राष्ट्रभक्तों की चर्चा होनी चाहिए तो उन 5 जिलों के कठमुल्ले तो फिर वैसे ही अपंग हो जाएंगे । इस जम्मू कश्मीर लेख श्रृंखला के माध्यम से मैंने आपको पूरे जम्मू कश्मीर की पृष्ठभूमि और परिस्थितियों से अवगत करवाया और मेरा मुख्य उद्देश्य सिर्फ यही है जम्मू कश्मीर के बारे में देश के प्रत्येक नागरिक को यह सब जानकारियां होनी चाहिए । तो अब आप इतने समर्थ हैं कि जम्मू कश्मीर को लेकर आप किसी से भी वाद-विवाद या तर्क-वितर्क कर सकते हैं, किसी को आप समझा सकते हैं कि वास्तव में जम्मू-कश्मीर की परिस्थितियां क्या है, वैसे तो जम्मू कश्मीर पर एक ग्रन्थ लिखा जा सकता है लेकिन मैंने जितना हो सका उतने संक्षिप्त रूप में इसे आपके सामने रखा है । इस श्रृंखला को केवल जोड़ने करने से कुछ भी नहीं होगा चाहे आप पढ़कर लाइक कर रहे हो या बिना पढ़े लाइक कर रहे हो उसका कोई भी मतलब नहीं है । अगर आप इस श्रृंखला को अधिक से अधिक जनता के अंदर प्रसारित करेंगे तभी हम जम्मू कश्मीर के विमर्श का यह मुद्दा बदल सकते हैं अन्यथा नहीं , इसलिए मेरा आप सभी से यही अनुरोध है श्रृंखला को अधिक से अधिक लोगों की जानकारी में लाया जाए ताकि देश की जनता को जम्मू कश्मीर के संदर्भ में सही तथ्यों का पता लग सके । धन्यवाद । Refrences :- INDIA INDEPENDECE ACT 1947 INDIAN CONSTITUTION ACT 1950 JAMMU & KASHMIR ACT 1956 INDIAN GOVT. ACT 1935 Dr. Kirshandev Jhari Dr. kuldeep Chandra Agnihotri Jammu-kashmir Adhyan Kendra पंडित भीमसेन त्रिपाठी बी एस त्रिपाठी बीजेपी रीना भीमसेन त्रिपाठी पँडित भीमसेन त्रिपाठी जी गोरखपुर वाले Sushil pandit (kashmiri pandit) SC & J&K HC Court judgement News sources & Various ACCORDS & Statements 🚩🇮🇳🚩 साभार

मंगलवार, 10 मई 2022

जल्दबाज़ी न करे

✍️✍️ ☘️ *आपकी राय कितनी खोखली हो सकती है ??* *मान लो आप धूप में कही जा रहे हो, पसीने से तर-बतर , बहुत प्यासे , पर कहीं भी पानी नहीं मिल रहा। ऐसे में आप एक वृक्ष की छाया में थकान मिटाने के लिए खड़े हो जाते हो!* तभी आपकी निगाह सामने चार मंजिला मकान पर जाती है।मन मे ख्याल आता है .. (1) *साले ..लोगों को लूटकर करोड़पति हो रहे हैं* *तभी अचानक इमारत की चौथी मंजिल की खिड़की खुलती है और आपकी उस व्यक्ति से आँखे मिलती है। आपकी स्थिति देखकर, वह व्यक्ति हाथ के इशारे से आपको पानी के लिए पूछता है।* आपने तत्काल उस व्यक्ति पर एक राय बनाई। (2) *कितना सहृदय व्यक्ति है।। उस व्यक्ति के लिये यह आपकी दूसरी राय है!* *आदमी नीचे आने का इशारा करता है और खिड़की बंद कर देता है।आप पानी लेने तेज़ कदमों से उसके दरवाज़े पर पहुंचते है।।लेकिन नीचे का दरवाजा 15 मिनट बाद भी नहीं खुलता*। *अब उस व्यक्ति के बारे में आपकी क्या राय है?* आप उसे मन ही मन गालियां देते है। (3) *धोकेबाज, बेवकूफ, उल्लू का पट्ठा, ढीला, आलसी, कही का।* *यह आपकी तीसरी राय है!* *थोड़ी देर बाद दरवाजा खुलता है और आदमी कहता है: 'मुझे देरी के लिए खेद है, लेकिन आपकी हालत देखकर, मैंने आपको पानी के बजाय नींबू पानी देना सबसे अच्छा समझा! इसलिए थोड़ा लंबा समय लगा!* *सोचिये उस व्यक्ति के बारे में अब आपकी क्या राय है?* (4) *कितना नेक इंसान है।* *अब जैसे ही आप शर्बत को अपनी जीभ पर लगाते हैं, आपको पता चलता है कि इसमें चीनी नहीं है।* *अब सोचिये उस व्यक्ति के बारे में क्या राय है । (5)बेवकूफ, नालायक, कंजूस कही का ?* *आपके चेहरे को खट्टेपन से भरा हुआ देखकर, व्यक्ति धीरे से चीनी का एक पाऊच निकालता है और कहता है, माफ कीजिये, मुझे पता नहीं था आप कितनी चीनी लेंगे,इसलिए अलग से चीनी ले आया। आप जितनी चाहें उतना डाल लें।* *अब उसी व्यक्ति के बारे में आपकी क्या राय होगी?*.. (6) *अब आप मनन कीजिये* *एक सामान्य सी स्थिति में भी, अगर हमारी राय इतनी खोखली है और लगातार बदलती जा रही है, तो क्या हम किसी भी बारे में राय देने के लायक है या नहीं!* इसलिए किसी के बारे में जल्दी राय ना बनाइए।। कौन किस परिस्थिति या स्थिति में क्या कर रहा है , ये वो ही बेहतर जानता है।। हो सकता है अपनी अपनी स्थिति से आप भी ठीक हो , और दूसरा भी ठीक हो।। *वास्तव में, दुनिया में हम सभी को इतना समझ में आया है कि अगर कोई व्यक्ति हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप व्यवहार करता है तो अच्छा है अन्यथा वह बुरा है! साभार

कैसा स्मार्ट सिटी

स्मार्ट सिटी में लग रहे झटके ही झटके सहारनपुर स्मार्ट सिटी की श्रेणी में कब आएगा यह तो पता नही लेकिन पिछले दो वर्षों से नगर की सड़कों पर झटके ही झटके खाने को मिल रहे है। पिछले दो सालों से सहारनपुर नगर में सीवर लाईन का कार्य चल रहा है। जिसके कारण नगर की अधिकांश सड़के खोदकर सीवर लाईन डाली जा रही है। यह तो ठीक है की सीवर लाईन डाली जाएगी तो खुदाई करनी ही पड़ेगी लेकिन जहां काफी समय पहले सीवर लाईन डाली जा चुकी है वह सड़क अभी भी गड्ढो से युक्त है। इसी तरह नगर की अधिकांश सड़के उबड़ खाबड़ हुई पड़ी हैं। कम से कम इतना तो कर ही सकते थे की जहां सीवर लाईन पड़ गई है वहाँ की सड़क जेसीबी से प्लेन ही करवा देते। जे बी एस कन्या स्कूल के बाहर की सड़क पर काफी दिन पहले सीवर लाईन पड़ गई थी लेकिन सड़क पर कहीं गड्ढे हैं तो कहीं मिट्टी का टीला बना हुआ है। यानी एक तरफ की सड़क बन्द करके डाल दी गई है। जबकि दो तीन घण्टे के कार्य से जेसीबी से सड़क को प्लेन कर सकते थे। इसी सड़क पर जो मार्ग छत्ता जम्बू दास को जाता है उस रास्ते पर तीन पाईप डाल कर छोड़ दिये हैं जिससे रास्ता अवरुध्द हो गया है। प्रशासन इन कार्य करने वालो पर सख्ती से पेश आये तो इन छोटी छोटी बातों को ठीक किया जा सकता है। नगर में सभी जगह अतिक्रमण इतना ज्यादा है की चौड़ी सड़के भी गलियारा सी बन जाती हैं। इस कारण हर समय सभी जगह जाम की स्तिथी बनी रहती है। कहीँ सड़क खराब तो कहीं जाम होने से आंम आदमी परेशान है। जनहित में इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सुनील जैन राना

गुरुवार, 5 मई 2022

दान ऐसे भी

एक बुज़ुर्ग शिक्षिका भीषण गर्मियों के दिन में बस में सवार हुई, पैरों के दर्द से बेहाल, लेकिन बस में सीट न देख कर जैसे – तैसे खड़ी हो गई। कुछ दूरी ही तय की थी बस ने कि एक उम्रदराज औरत ने बड़े सम्मानपूर्वक आवाज़ दी, "आ जाइए मैडम, आप यहाँ बैठ जाएं” कहते हुए उसे अपनी सीट पर बैठा दिया। खुद वो गरीब सी औरत बस में खड़ी हो गई। मैडम ने दुआ दी, "बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरी बुरी हालत थी सच में।" उस गरीब महिला के चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान फैल गई। कुछ देर बाद शिक्षिका के पास वाली सीट खाली हो गई। लेकिन महिला ने एक और महिला को, जो एक छोटे बच्चे के साथ यात्रा कर रही थी और मुश्किल से बच्चे को ले जाने में सक्षम थी, को सीट पर बिठा दिया। अगले पड़ाव पर बच्चे के साथ महिला भी उतर गई, सीट खाली हो गई, लेकिन नेकदिल महिला ने बैठने का लालच नहीं किया । बस में चढ़े एक कमजोर बूढ़े आदमी को बैठा दिया जो अभी - अभी बस में चढ़ा था। सीट फिर से खाली हो गई। बस में अब गिनी – चुनी सवारियां ही रह गईं थीं। अब उस अध्यापिका ने महिला को अपने पास बिठाया और पूछा, "सीट कितनी बार खाली हुई है लेकिन आप लोगों को ही बैठाते रहे, खुद नहीं बैठे, क्या बात है?" महिला ने कहा, "मैडम, मैं एक मजदूर हूं, मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं कुछ दान कर सकूं।" तो मैं क्या करती हूं कि कहीं रास्ते से पत्थर उठाकर एक तरफ कर देती हूं, कभी किसी जरूरतमंद को पानी पिला देती हूं, कभी बस में किसी के लिए सीट छोड़ देती हूं, फिर जब सामने वाला मुझे दुआएं देता है तो मैं अपनी गरीबी भूल जाती हूं । दिन भर की थकान दूर हो जाती है । और तो और, जब मैं दोपहर में रोटी खाने के लिए बैठती हूं ना बाहर बेंच पर, तो ये पंछी - चिड़ियां पास आ के बैठ जाते हैं, रोटी डाल देती हूं छोटे-छोटे टुकड़े करके । जब वे खुशी से चिल्लाते हैं, तो उन भगवान के जीवों को देखकर मेरा पेट भर जाता है। पैसा धेला न सही, सोचती हूं दुआएं तो मिल ही जाती है ना मुफ्त में। फायदा ही है ना और हमने लेकर भी क्या जाना है यहां से । शिक्षिका अवाक रह गई, एक अनपढ़ सी दिखने वाली महिला इतना बड़ा पाठ जो पढ़ा गई थी उसे । अगर दुनिया के आधे लोग ऐसी सोच को अपना लें तो धरती स्वर्ग बन जाएगी।

बुधवार, 4 मई 2022

समस्याओं का बोझ

*एक प्रोफेसर कक्षा में दाखिल हुए। उनके हाथ में पानी से भरा एक गिलास था। उन्होंने उसे बच्चों को दिखाते हुए पूछा, “यह क्या है?” छात्रों ने उत्तर दिया, “गिलास।”* *प्रोफेसर ने दोबारा पूछा, “इसका वजन कितना होगा ?” उत्तर मिला, “लगभग 100-150 ग्राम।” उन्होंने फिर पूछा, “अगर मैं इसे थोड़ी देर ऐसे ही पकड़े रहूं तो क्या होगा ?” छात्रों ने जवाब दिया, “कुछ नहीं।”* *“अगर मैं इसे एक घण्टे पकड़े रहूं तो ?” प्रोफेसर ने दोबारा प्रश्न किया। छात्रों ने उत्तर दिया, “आपके हाथ में दर्द होने लगेगा।” उन्होंने फिर प्रश्न किया, “अगर मैं इसे सारा दिन पकड़े रहूं तो क्या होगा” ?* *तब छात्रों ने कहा, “आपकी नसों में तनाव हो जाएगा। नसें संवेदनशून्य हो सकती हैं। जिससे आपको लकवा हो सकता है।” प्रोफेसर ने कहा, “बिल्कुल ठीक। अब यह बताओ क्या इस दौरान इस गिलास के वजन में कोई फर्क आएगा ?” जवाब था कि नहीं।* *तब प्रोफेसर बोले, “यही नियम हमारे जीवन पर भी लागू होता है। यदि हम किसी समस्या को थोड़े समय के लिए अपने दिमाग में रखते हैं। तो कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन अगर हम देर तक उसके बारे में सोचेंगे तो वह हमारे दैनिक जीवन पर असर डालने लगेगी।* *हमारा काम और पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होने लगेगा। इसलिए सुखी जीवन के लिए आवश्यक है कि समस्याओं का बोझ अपने सिर पर हमेशा नहीं लादे रखना चाहिए। समस्याएं सोचने से नहीं हल होतीं।* *सोने से पहले सारे समस्यायुक्त विचारों को बाहर रख देना चाहिए। इससे आपको अच्छी नींद आएगी और आप सुबह तरोताजा रहेंगें।* *मित्रों" समस्याओं को लेकर अधिक परेशान नहीं होना चाहिए। इससे हमारा नुकसान ही होता है*

सन्यासी योगी

*5 साल बाद पैतृक गांव पहुंचे सीएम योगी को मिला मां का आशीर्वाद, महाराज के छलके आंसू* ➖➖➖➖➖➖➖➖ आखिरकार आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में स्थित अपने पैतृक गांव ‘पंचूर’ पहुंचे. सीएम योगी अपने गांव आज 5 साल बाद आए हैं. अपने महाराज के आने पर पंचूर फूला नहीं समाया. ‌‌इसके लिए गांव में कई दिनों से तैयारियां चल रही थी। *घरवालों के साथ गांव के लोगों ने अपने बचपन के मित्र योगी से मुलाकात की . सीएम योगी ने अपने गांव में बचपन की यादें ताजा की. ‌ योगी ने अपनी मां सावित्री देवी और बड़े भाई मानवेंद्र बिष्ट और छोटे भाई महेंद्र सिंह बिष्ट के साथ तीनों बहनों से मुलाकात की।* *सीएम योगी ने मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. सीएम योगी और मां की हुई मुलाकात का पल भावुक कर देने वाला रहा. इस दौरान योगी आदित्यनाथ के आंख में आंसू भी दिखाई दिए. मां से मिलने से पहले भी मुख्यमंत्री योगी आपने गुरु अवेधनाथ की प्रतिमा के अनावरण के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए भी भावुक हो गए थे.* *गांव पंचूर में योगी से मिलने के लिए हजारों की संख्या में आसपास के लोग भी पहुंचे हुए हैं. सीएम योगी आज पंचूर में ही रात्रि प्रवास करेंगे . बता दें कि 5 साल पहले फरवरी, 2017 में योगी आखिरी बार अपनी मां से मिले थे. उन दिनों उत्तराखंड और यूपी में चुनाव चल रहे थे।* *योगी भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी का प्रचार करने आए थे, तभी वो अपनी मां और परिवार वालों से मिलने अपने गांव पंचूर भी गए थे. मां से मिलने के बाद योगी यूपी के सीएम बन गए थे. साल 2020 में योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया था.* *कोविड प्रोटोकॉल के चलते अपने पिता के निधन के बाद भी योगी घर नहीं आ पाए. इस बार 12 फरवरी को विधानसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी रैली करने योगी कोटद्वार, उत्तराखंड गए थे, लेकिन तब भी वे अपनी मां से मिलने घर नहीं जा पाए थे. आखिरकार आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी मां से मुलाकात की।*

सोमवार, 2 मई 2022

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कोयले की कमी का खेल

भारत मे सबसे अधिक कोयला झारखंड, छत्तीसगढ़, प० बंगाल, ओडिशा में होता है, सभी जगह पर गैर-भाजपाई सरकारें हैं। वोट के लालच में फ्री बिजली देने वाले राज्य- दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, तीनों गैर-भाजपाई शासित। कोयले की कमी की नौटंकी की जानकारी कई माह पहले से थी, आप यकीन नही करेंगे पर ये भी टूलकिट का ही हिस्सा है, सरकार विरोधी माहौल बनाने के लिए। जब सारे पैंतरे आजमाकर हार गए हैं तो कुछ नई योजनाओं पर काम शुरू हुआ है, जिनमें दंगे भड़काना और मूलभूत आवश्यकताओं की कमी कर के ठीकरा सरकार पर फोड़ना। दंगे भड़कने से कोर वोटर भाजपा से दूर होगा, जैसा वोटर का स्वभाव है और मूलभूत आवश्यकताओं की कमी पर नया वोटर जो जुड़ा है वो दूर होगा। अब आते हैं कोयले पर, तो ये बात सभी को मालूम है कि गर्मियों में बिजली की खपत काफी बढ़ जाती है, ऐसे में बिजली की कमी होना या कटौती होना बड़ी बात नही है, आज से 10-15 वर्ष पहले तक हमने राजधानी में 15 से 20 घंटे की कटौती झेली जो, जो पिछले 5-7 वर्षों से देखने को नही मिली है। अभी भी महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब जैसे राज्यों का बिजली कंपनियों पर लाखों करोड़ बकाया पड़ा है, महाराष्ट्र सरकार तो सुप्रीम कोर्ट में केस तक हार चुकी है और उसे भुगतान करना ही करना है, उसके बाद भी ये लोग बिजली खर्च कर रहे है और पेमेंट नही कर रहे हैं। नई नौटंकी ये आयी है कि पावर प्लांट में कोयले की कमी करो, हाल ही में 2-3 कोयले से भरी मालगाड़ी पलट चुकी हैं, जो विद्युत उत्पादन के लिए उपयोग होने वाले कोयले को ही ले जा रही थी। हो सकता है कि ये हादसे ही हों, पर ये भी हो सकता है कि ये हादसे करवाये गये हों, क्योंकि डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर पर गाड़ी पलटना अपने आप मे कई प्रश्न खड़े करता है। ये सब इसीलिए किया जा रहा है कि किसी तरह तो लोगों का मोदी सरकार से मोहभंग हो, किसी तरह तो वे उनसे दूर हों और 2024 को लेकर थोड़ी उम्मीद दिखाई दे। पर विपक्ष के लिए ऐसा होगा नही, सभी बाधाओं को पार किया जाएगा, बिजली की आर्टिफिशियल समस्या उत्पन्न करने की जो प्लानिंग हो रही है न वह भी सफल नही होगी। एक बार कोयले को ऑक्सीजन समझो और अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर याद करो। सारा खेल समझ में आ जायेगा। जनता अब सब कुछ समझती है, ये 10 वर्ष पहले वाला भारत नही है अब..!!

वरिष्ठ नागरिक

*ध्यान से पढ़ें* *कृपया पढ़ना न छोड़ें* *👏जब बूढ़े लोग बहुत अधिक बात करते हैं तो उनका मजाक उड़ाया जाता है, लेकिन डॉक्टर इसे आशीर्वाद के...