शनिवार, 18 दिसंबर 2021
शिक्षक भर्ती
देश के कई राज्यो में शिक्षक भर्ती बड़े पैमाने पर हुई है एवं कई जगह अभी कुछ बाकी हैं।
वर्षो पहले अनेको जगह शिक्षा मित्र बनाये गए थे। अब उनकी मांग है की उन्हें अस्थाई की जगह स्थाई नॉकरी दी जाये। समय समय पर ये अस्थाई शिक्षा मित्र आंदोलन भी करते रहते हैं की उनको स्थाई किया जाये।
दरअसल नियुक्तियो करना न करना तो राज्य सरकारों के हाथ मे होता है। लेकिन नियुक्ति योग्यतानुसार हो यह बहुत अहम बात होती है।
अनेको जगह सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कराने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं ऐसे होते हैं की उन्हें खुद से ही पढ़ना लिखना नही आता। ऐसे में बच्चों को क्या पढ़ा पायेंगे। सामान्य ज्ञान में जीरो होते हैं। उनसे देश-प्रदेश के मंत्रियों के नाम पूछो तो बता नहीं पायँगे। राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत नही आता होगा। जबकि उन्हें पचास हज़ार से ज्यादा मासिक मिल रहा होता है। प्राइवेट छोटे स्कूलों में शिक्षक को मात्र पांच से दस हज़ार मिलते है फिर भी वे बहुत योग्यता से बच्चों को पढ़ाते हैं।
जैसे बच्चे देश का भविष्य होते हैं ऐसे ही शिक्षक बच्चों का भविष्य होते हैं। ऐसे में शुरू से ही बच्चों की गलत पढ़ाई उनके भविष्य को खराब कर सकती है। शिक्षक योग्यतानुसार ही होना चाहिये। शिक्षक भर्तियों में जल्दबाजी नहीं बल्कि बहुत सूझ बूझ की आवश्यकता होती है। जैसे शिल्पकार पत्थर को तराश कर शिल्प बना देता है,कुम्हार माटी से बर्तन आदि बना देता है ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी बच्चों के भविष्य को सुंदर बना देते है। इसके लिये यह जरूरी है की शिक्षक योग्यतापूर्ण होना चाहिये।
सुनील जैन राना
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