भड़काऊ बयान क्यों ?
February 20, 2020 • सुनील जैन राना • राजनीति
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आज अपने चरम पर है। कोई कुछ भी बोल रहा है। अनर्गल -गैरजरूरी बयानों की बाढ़ सी आ रही है। टीवी मिडिया के चैनलों के सहारे कुछ ऐसे छुटवैये नेता भी अब बड़े नामचीन नेता बन गए हैं। जो नेता सिर्फ अपने मोहल्ले -क्षेत्र तक सीमित थे आज सोशल मिडिया पर छाये हुए हैं। अब तो कुछ ऐसा लग रहा है की प्रसिद्दि पाने को कुछ हल्ला मचाओ ,कुछ अनर्गल बयान दो ,बस बाकी का कार्य मिडिया हाउस पूरा कर देते हैं। यही हो रहा है भारत देश में।
अभी तक तो देश को तोड़ने वाले बयान -भारत तेरे टुकड़े होंगे आदि बोलकर टुकड़े गैंग सुर्खियों में रहा लेकिन इनसे भी आगे हैदराबाद के कुछ नेता जिनका अपना जनाधार भी ज्यादा नहीं है और उनकी कौम के नेता भी उनके बयानों की निंदा करते रहे हैं वे आज भी अनर्गल ही नहीं बल्कि भड़काऊ बयान देने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। उनके बयान तो सीधे -सीधे देश को तोड़ने की ही नहीं बल्कि हिन्दू -मुस्लिम टकराव करवाने पर आधारित होते हैं। आज ही हैदराबाद के एक नेता ने ऐसा ही ब्यान देकर हंगामा खड़ा कर दिया है। हालांकि अनेक चैनलों पर मुस्लिम बुद्धिजीवीयो ने उनके बयानों की घोर निंदा की है।
समझ में नहीं आता की किसी बात का विरोध करना जायज़ हो सकता है लेकिन किसी बात के विरोध में हिंसा का वातावरण बनाने की चाह किसी भी तरह न जायज़ है न ही देशहित में होती है। जातिगत संख्या के आंकड़े देकर हिंसा के लिए कुछ लोगो को बरगलाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि सच बात यह है की भारत की कोई भी जाति किसी दूसरी जाति की विरोधी नहीं है। सिर्फ कुछ नेता अपनी नेतागिरी चमकाने को अनर्गल बयानों का सहारा ले रहे हैं।
जहरीले बोल वाले नेता यह क्यों भूल जाते हैं की भारत में हिन्दू -मुस्लिम आपस में एक दूसरे के पूरक हैं और ताले -चाबी की तरह हैं। सब मिलजुलकर रहते हैं ,सबका व्यापार आपस के सहयोग के बिना अधूरा रहता है। क्यों लड़वाना चाहते हैं आपस में इन्हे ?लड़कर क्या होगा ?जीत भी गए तो क्या एक नया पाकिस्तान बनायेंगे और फिर उसके नेता बनकर अपनी कौम को फिर से आपस में लड़वाएंगे। जैसा की आज पाकिस्तान में हो रहा है। विकास का रास्ता छोड़कर गलत रास्ते पर चल रहा पाकिस्तान आज दुनिया की निगाह में आतंकी देश से ज्यादा कुछ नहीं है। वहां की जनता महंगाई से त्रस्त है। भीख का कटोरा लिए इमरान खान दर -दर जा रहे लेकिन भीख नुमा इमदाद भी कोई दे नहीं रहा। क्या ऐसा ही एक और पाकिस्तान बनाना चाह रहे हैं ये भड़काऊ बयान देने वाले नेता ?
भारत देश सबका है और सब भारत के। मोदीजी भी सदैव सबका साथ -सबका विकास की बात करते हैं। उनकी अनेको योजनाओ का लाभ सभी समान रूप से ले रहे हैं। हम सबको चाहिए की मिलजुलकर रहें। *सुनील जैन राना *
अभी तक तो देश को तोड़ने वाले बयान -भारत तेरे टुकड़े होंगे आदि बोलकर टुकड़े गैंग सुर्खियों में रहा लेकिन इनसे भी आगे हैदराबाद के कुछ नेता जिनका अपना जनाधार भी ज्यादा नहीं है और उनकी कौम के नेता भी उनके बयानों की निंदा करते रहे हैं वे आज भी अनर्गल ही नहीं बल्कि भड़काऊ बयान देने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। उनके बयान तो सीधे -सीधे देश को तोड़ने की ही नहीं बल्कि हिन्दू -मुस्लिम टकराव करवाने पर आधारित होते हैं। आज ही हैदराबाद के एक नेता ने ऐसा ही ब्यान देकर हंगामा खड़ा कर दिया है। हालांकि अनेक चैनलों पर मुस्लिम बुद्धिजीवीयो ने उनके बयानों की घोर निंदा की है।
समझ में नहीं आता की किसी बात का विरोध करना जायज़ हो सकता है लेकिन किसी बात के विरोध में हिंसा का वातावरण बनाने की चाह किसी भी तरह न जायज़ है न ही देशहित में होती है। जातिगत संख्या के आंकड़े देकर हिंसा के लिए कुछ लोगो को बरगलाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि सच बात यह है की भारत की कोई भी जाति किसी दूसरी जाति की विरोधी नहीं है। सिर्फ कुछ नेता अपनी नेतागिरी चमकाने को अनर्गल बयानों का सहारा ले रहे हैं।
जहरीले बोल वाले नेता यह क्यों भूल जाते हैं की भारत में हिन्दू -मुस्लिम आपस में एक दूसरे के पूरक हैं और ताले -चाबी की तरह हैं। सब मिलजुलकर रहते हैं ,सबका व्यापार आपस के सहयोग के बिना अधूरा रहता है। क्यों लड़वाना चाहते हैं आपस में इन्हे ?लड़कर क्या होगा ?जीत भी गए तो क्या एक नया पाकिस्तान बनायेंगे और फिर उसके नेता बनकर अपनी कौम को फिर से आपस में लड़वाएंगे। जैसा की आज पाकिस्तान में हो रहा है। विकास का रास्ता छोड़कर गलत रास्ते पर चल रहा पाकिस्तान आज दुनिया की निगाह में आतंकी देश से ज्यादा कुछ नहीं है। वहां की जनता महंगाई से त्रस्त है। भीख का कटोरा लिए इमरान खान दर -दर जा रहे लेकिन भीख नुमा इमदाद भी कोई दे नहीं रहा। क्या ऐसा ही एक और पाकिस्तान बनाना चाह रहे हैं ये भड़काऊ बयान देने वाले नेता ?
भारत देश सबका है और सब भारत के। मोदीजी भी सदैव सबका साथ -सबका विकास की बात करते हैं। उनकी अनेको योजनाओ का लाभ सभी समान रूप से ले रहे हैं। हम सबको चाहिए की मिलजुलकर रहें। *सुनील जैन राना *
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