फेसबुक पर एक वर्ष पूर्व की मैमोरी आयी मैंने शेयर कर दी।
सहारनपुर के वरिष्ठ पत्रकार -साहित्यकार श्री रमेश चन्द्र छबीला जी जिनकी कई पुस्तकें छप चुकी हैं। जिनकी कहानियां अक्सर पत्रिकाओं में सिर्फ छपती ही नहीं वरन प्रथम पुरुस्कार प्राप्त करती हैं उनकी का पाक्षिक साहित्यिक समाचारपत्र सामाजिक आक्रोश जो दूर दूर तक जाता है उसमे श्री छबीला जी ने गत वर्ष मेरे साक्षतार पर आधारित उपरोक्त कथन प्रकाशित किया। मै उनका आभारी हूँ।
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