कास्टिंग काऊच भी तो बलात्कार ही है -जिसने किया शील भंग ,उसका भी हो अंग -भंग
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पिछले काफी समय से देश में बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि होती दिखाई दे रही है। इसमें इंटरनेट और फिल्मों
का बहुत बड़ा योगदान है। दुर्भाग्य की बात की कई जगह बलात्कार की घटनाओं ने हिन्दू -मुस्लिम का रूप ले
लिया है जो बहुत चिंता की बात है।
कामुक प्रवृति के लोग देश के सभी राज्यों में पाये जाते हैं। इन पर रोक कैसे लगे इस पर डिबेट आदि होनी
चाहिये। लेकिन इस पर विचार -विमर्श की बजाय हो हल्ला ज्यादा हो रहा है। टीवी पर ५ -६ हल्ला मचाने वाले
बैठ जाते हैं और मुद्दे से भटक कर आपस में ही लड़ने लगते हैं, यह ठीक नहीं है।
बलात्कार का ही एक रूप है कास्टिंग काऊच। अभी हाल ही में बॉलीवुड की प्रसिद्ध कोरियोग्राफर ने इस मुद्दे
को गलत बयान देकर गरमा दिया। इस पर बबाल थमा भी ना था की कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने राजनीति के
छेत्र में भी कास्टिंग काऊच होने की बात कहकर हंगामा खड़ा कर दिया। महिलायें होकर ऐसे बयान देना तो
वास्तव में निंदनीय ही है।
धार्मिक छेत्र में कास्टिंग काऊच या बलात्कार की घटनाएं भी जोरो शोरो से टीवी पर दिखाई जा रही हैं। धार्मिक
कथित संत राम रहीम हो या आशा राम या अन्य ,इन्ही कारणों से जेल में हैं। विडंबना की बात तो यह है की ऐसा
सब देखकर भी अंध भक्तों की कमी नहीं है। धर्म के नाम पर गलत कर्म हो रहे हैं। कुछ कथित साधु -संत तंत्र
मंत्र का सहारा ले मालाएं -पूड़ियाये का लालच देकर भक्तो को बरगला कर उनसे धन उगाह रहे हैं और गलत
कार्य भी करवा रहे हैं। अधिकांश धर्मो में ऐसा हो रहा है। धर्म की परिभाषा बदल कर रख दी हैं इन कथित संतो
ने। सिर्फ अपनी पूजा और अपना महिमागान।
हालांकि बलात्कार पर नया कठोर कानून बन गया है जिसमें लम्बी सज़ा और उम्र कैद का प्रावधान किया गया
है। मेरी समझ से इस नए कानून में अंग भंग भी होना चाहिए। क्योकि जिस प्रकार बलात्कार की पीड़िता जिंदगी
भर बलात्कार का दाग और मानसिक उत्पीड़न से जूझती है ठीक उसी प्रकार बलात्कारी का अंग भंग कर उसे
भी जिंदगीभर यह एहसास तो रहना ही चाहिए की उसने बहुत बड़ा अपराध किया था उसकी सज़ा उसे मिली
है। इससे भविष्य में भी वह ऐसे गलत कार्य के योग्य नहीं रह जायेगा।
*जिसने किया शील भंग -उसका भी हो अंग भंग *
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